इन देशों में मुश्किल है तलाक
शादी का बंधन दो लोगों को आपस में जोड़ने का प्रतीक माना जाता है लेकिन अगर कोई व्यक्ति इससे निकलना चाहे तो वह उसकी पसंद होना चाहिए. लेकिन दुनिया में अब भी ऐसे कुछ देश हैं जहां शादी तोड़ना आसान नहीं है.
फिलीपींस
यह एशियाई देश दुनिया का इकलौता ऐसा मुल्क हैं जहां तलाक पर प्रतिबंध है. लेकिन लंबी कोशिशों के बाद तलाक से जुड़ा एक विधेयक देश की संसद में पेश किया गया है जिसके पारित होने पर संशय बरकरार है. मौजूदा कानून के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति किसी विदेशी से विदेशी धरती पर तलाक लेता है तो वह दोबारा शादी कर सकता है. लेकिन अगर कोई देसी जोड़ा देश के बाहर तलाक लेता है, तब भी उसे शादीशुदा ही माना जाएगा.
माल्टा
यूरोपीय देश माल्टा भी तलाक को कानूनी रूप से लागू करने में काफी पीछे रहा है. देश के संविधान में तलाक को गैरकानूनी करार दिया गया था. लेकिन साल 2011 में इसमें बदलाव किया गया और तलाक के कानून को पहली बार लागू किया गया. नए कानून के तहत पति-पत्नी दोनों या इनमें से कोई एक अब तलाक के लिए अर्जी दे सकता है.
चिली
चिली में तलाक लिया तो जा सकता है लेकिन उसके लिए जरूरी है कि पति-पत्नी 1 से 3 साल तक अलग रह रहे हों. साथ ही तलाक लेने का उनके पास कोई कारण हो. मसलन उन्हें सामने वाले के आचरण में दुर्व्यवहार, धोखा जैसे बातों को साबित करना पड़ता है.
मिस्र
मिस्र में बिना-गलती (नो-फॉल्ट) तलाक साल 2000 में लागू किया गया था. लेकिन अब भी देश की महिलाओं के लिए अदालतों तक पहुंचना आसान नहीं है. मौजूदा कानून के मुताबिक मुस्लिम पुरूष अपनी पत्नियों को बिना किसी कानूनी मशविरे के तलाक दे सकते हैं. लेकिन मुस्लिम महिलाएं अपने पति की सहमति से अदालत में जाकर ही तलाक ले सकती हैं.
जापान
जापान में अधिकतर तलाक सीधे-सीधे होते हैं. यहां शादीशुदा जो़ड़ों को बिना अदालत जाए एक पेज के फॉर्म पर दस्तखत कर तलाक तो मिल जाता है लेकिन जापान के कानून में बच्चे की कस्टडी से जुड़ा कोई प्रावधान नहीं है. यहां तक कि औरत को अगली शादी के लिए तलाक के छह महीने बाद तक का इंतजार करना पड़ता है लेकिन पुरुषों पर ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है.