इतिहास में आजः 25 सितंबर
२४ सितम्बर २०१३विज्ञापन
इसका नाम मार्स जियोसाइंस क्लाइमेटोलॉजी ऑरबिटर था. इस रोबोट का उद्देश्य था मंगल ग्रह की सतह, वातावरण, मौसम और चुंबकीय क्षेत्र का पता लगाना. यान मंगल की कक्षा में पहुंचता उससे तीन दिन पहले, 21 अगस्त 1993 को नियंत्रण केंद्र का संपर्क यान से टूट गया. इसके बाद इससे कोई संपर्क नहीं बन सका. 1984 में फिर सोलर सिस्टम एक्सप्लोरेशन कमेटी ने उच्च प्राथमिकता वाला मार्स मिशन बनाया.
इस अंतरिक्ष यान को मंगल ग्रह के एक साल यानी 687 दिन तक इस ग्रह को देखना था. एक साल से थोड़े कम में यह अंतरिक्ष यान मंगल पर पहुंच गया था. इसके बाद 2012 में मार्स रोवर नाम का मशहूर अंतरिक्ष यान मंगल पर पहुंचा, जिसने इस लाल ग्रह के बारे में बहुत जानकारी और तस्वीरें धरती पर भेजीं.