इतिहास में आज: 15 जनवरी
१४ जनवरी २०१४भारतीय राज्य बिहार और पड़ोसी नेपाल की सीमा के पास के इलाके में आए भूकंप ने उत्तरी बिहार और नेपाल में भारी तबाही मचाई. भूकंप का केंद्र पूर्वी नेपाल से करीब 10 किलोमीटर दूर माउंट एवरेस्ट के दक्षिण में था. पूर्व में पूर्णिया से पश्चिम में चंपारन तक करीब 320 किलोमीटर के क्षेत्र, और उत्तर में काठमांडू से दक्षिण में मुंगेर तक इसका प्रभाव देखने को मिला. यह भारतीय प्रायद्वीप में अब तक का सबसे खतरनाक भूकंप माना जाता है.
नेपाल में काठमांडू, भक्तापुर और पाटन को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ और सड़कों में गहरी दरारें पड़ गईं, हालांकि प्रसिद्ध मंदिर पशुपतिनाथ को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ. इस भूकंप में मुजफ्फरपुर और मुंगेर शहर पूरी तरह बर्बाद हो गए और मोतीहारी और दरभंगा शहरों में जान माल का भारी नुकसान हुआ.
भूकंप का असर मुंबई, असम और पंजाब में भी महसूस किया गया. भूकंप केंद्र से करीब 650 किलोमीटर दूर कोलकाता में भी कई इमारतों में झटके महसूस किए गए. यहां तक कि कोलकाता के सेंट पॉल कैथीड्रल की मीनार को भी क्षति पहुंची. सिर्फ बिहार में ही करीब 7,500 लोगों के मरने की बात सामने आई. महात्मा गांधी ने भी इस घटना पर शोक जताया था और प्रभावित परिवारों से मिलने बिहार गए थे.