बेटा खोने वाले के लिए क्या है चुनाव का मतलब
२२ जून २०२१अयाले वेदाजो के लिए इथियोपिया में सोमवार को हुआ मतदान बेहद अहम था. बेरोजगार मजदूर अयाले वेदाजो ने सोमवार को इथियोपिया के चुनावों में वोट डालने से पहले अपने सबसे बड़े बेटे गेटिनेट की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. गेटिनेट 16 साल पहले लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में मारा गया था. प्रधानमंत्री एबी अहमद ने इन चुनावों को निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनावों की ओर देश की पहली कोशिश बताया है.
इथियोपिया के ज्यादातर चुनाव दमन और धोखाधड़ी का शिकार रहे हैं. 2005 में एक ऐसे चुनाव हुए थे, जिन पर कुछ भरोसा किया जा सकता था और तब विपक्ष ने कुल 547 में से 147 सीटें जीती थीं, जो ऐतिहासिक था. लेकिन नतीजों पर विवाद हुआ, विरोध प्रदर्शन हुए और दसियों हजार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. तब प्रदर्शनों के दौरान सैकड़ों लोगों की मौत हो गई. गेटिनेट उन्हीं में से एक था. अयाले कहते हैं, "2005 के चुनाव में जो खून बहा था, बस और न बहे. उस वक्त जो बच्चे मारे गए थे, बस और न मरें.”
खूनी इतिहास
60 पार कर चुके अयाले सम्राट हेली सेलासी के राज में जन्मे थे. बाइबिल में जिस राजा सोलोमन का जिक्र है, सम्राट सेलासी उसी के वंश के आखिरी शासक थे. 1974 में उनका तख्ता पलट दिया गया. अयाले को याद है कि उस वक्त सड़कों पर सैनिक और आसमान में सेना के हेलिकॉप्टर भर गए थे. तख्ता पलट ने एक क्रूर मार्क्सवादी शासन की शुरुआत की जो 1991 तक रहा. तब अयाले और उनके पड़सियों ने बागियों को अपने घरों में शरण देना शुरू किया था, जो टिग्रे से आए थे. वह बताते हैं, "हमें बहुत उम्मीद थी लेकिन हम गलत थे.”
टिग्रे पीपल्स लिबरेशन फ्रंट ने सत्ता हथिया ली और तीन दशक तक एक और क्रूर राज का दौर चला. उसी सरकार के दौरान अयाले का बेटा मारा गया था. आखिरकार जन-प्रदर्शनों की जीत हुई और 2018 में प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा. कैदी रिहा किए गए. एक गठबंधन को सत्ता सौंपी गई, जिसका नेतृत्व एबी अहमद ने किया. उन्होंने दसियों हजार राजनीतिक कैदियों को रिहा किया. राजनीतिक दलों पर लगे प्रतिबंध हटाए और बहुतों को अपनी सरकार में जगह दी.
संदेह के बादल
हालांकि कुछ राजनीतिक दल कहते हैं कि वह आजादी अब फिर से छिनने लगी है, लेकिन सरकार इसे खारिज करती है. कुछ इलाकों में चुनाव टाले गए हैं. जैसे कि टिग्रे और अन्य इलाके, जो हिंसा से ग्रस्त हैं. सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य ओरोमिया में विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि क्षेत्रीय सुरक्षा बल उन्हें धमका रहे हैं. इन आरोपों के साथ उन्होंने चुनावों का बहिष्कार किया. इस बारे में जब सत्ता पक्ष के नेताओं से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने जवाब नहीं दिया.
लेकिन अयाले इन आरोपों के बावजूद उम्मीद की एक किरण देख रहे हैं. उन्हें एक बदलाव की उम्मीद है. वह कहते हैं, "बहुत सारे राजनीतिक दल हैं और कम से कम वे ईमानदारी से बोल पा रहे हैं. यह नई बात है. मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा लोकतंत्र है. उसके बाद, मुझे यकीन है कि अर्थव्यस्था का भी विकास होगा. लेकिन सबसे पहले हमें आजाद होना है.”
वीके/सीके (रॉयटर्स)