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आउटसोर्सिंग पर ओबामा का टका सा जवाब

४ नवम्बर २०१०

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने संकेत दिया है कि वह आउटसोर्सिंग के मुद्दे पर भारत की चिंताओं पर ध्यान नहीं दे सकते. उन्होंने कहा कि बतौर राष्ट्रपति उनकी जिम्मेदारी अमेरिकियों को नौकरियां दिलाना और उन्हें बनाए रखना है.

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भारत पर भी पड़ता है ओबामा की आउटसोर्सिंग विरोधी नीति का असरतस्वीर: AP

ओबामा अमेरिकी नौकरियों को आउटसोर्सिंग के जरिए भारत और दूसरे देशों में भेजने के खिलाफ रहे हैं. उन्होंने अमेरिका में नौकरियों के अवसर पैदा करने वाली कंपनियों को टैक्स में छूट की पेशकश भी की है. जब ओबामा से आउटसोर्सिंग पर उनके प्रशासन की नीतियों पर भारत की चिंताओं के बारे में पूछा गया तो अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "राष्ट्रपति होने के नाते मेरी जिम्मेदारी अमेरिकी लोगों के लिए नौकरियों और रोजगार के अवसर सुनिश्चित करना है और मुझे लगता है कि भारत अमेरिकी आर्थिक संबंध दोनों देशों को लाभ पहुंचा सकते हैं और पहुंचाना भी चाहिए."

जल्द ही भारत के दौरे पर जाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने कहा कि उनका प्रशासन अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने, अमेरिका के भविष्य के लिए निवेश और अमेरिका में नौकरियां पैदा करने और उन्हें बनाए रखने में जुटा है. इसके लिए निर्यात बढ़ाने और प्रोत्साहन के साथ साथ ऐसा माहौल तैयार किया जा रहा है जिसमें उद्योग वृद्धि कर सकें और समृद्ध हो सकें.

G20 Gipfel Manmohan Singh mit Obama
जल्द ही दिल्ली में मिलेंगे ओबामा और मनमोहनतस्वीर: AP

भारतीय बाजार तक अमेरिकी कंपनियों की मुक्त पहुंच की वकालत करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "हमारा बाजार दुनिया भर के उत्पादों, सेवाओं और निवेश के लिए खुला है. हम समझते हैं कि भारत समेत दूसरे देशों में भी इसी तरह अमेरिकी कंपनियों को कारोबार करने की आजादी होनी चाहिए."

ओबामा ने कहा कि अमेरिका महसूस करता है कि उसकी अर्थव्यवस्था दूसरी जगहों पर आर्थिक वृद्धि के बिना आगे नहीं बढ़ सकती. उनका कहना है, "भारत में विश्व स्तर की कंपनियां हैं. उनमें से बहुत सी अमेरिका में नौकरी के हजारों अवसर पैदा कर रही हैं और मेरे प्रशासन की इच्छा इस तरह के निवेश को बढ़ावा देने की है."

जब ओबामा से कहा गया कि अमेरिकी कंपनियां भारतीय संसद में पारित परमाणु जवाबदेही कानून के कुछ प्रावधानों से नाखुश हैं तो अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह इस कानून में बदलाव के लिए दबाव डालेंगे. उनके मुताबिक, "मैं भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया का बहुत सम्मान करता हूं और परमाणु बिजली से जुड़ी भारतीय महत्वकांक्षाओं को पूरा करने के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को मौका देने के लिए भारत सरकार को प्रोत्साहित भी करता रहूंगा. मैं समझता हूं कि भारतीय अधिकारी इस कानून को लेकर हमारी चिंताओं से वाकिफ हैं. भारतीय उद्योग जगत के कई लोगों के साथ साथ और भी बहुत से लोगों को ऐसी चिंताएं हैं. अहम बात यह है कि हमारी सरकारें इन चिंताओं को दूर करने के लिए बराबर चर्चा कर रही हैं. यह हमारी साझेदारी की ताकत ही है कि चिंताओं पर चर्चा कर हम दूर जाने की बजाय एक दूसरे के करीब आ रहे हैं."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एमजी

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