अहम बैठक से पहले सोनिया से मिले उमर
१३ सितम्बर २०१०सोनिया गांधी और उमर अब्दुल्लाह की मुलाकात 15 मिनट तक चली. समझा जाता है कि इस बैठक के दौरान राज्य को दिए जाने वाले बहुप्रतीक्षित ईद पैकेज पर बात हुई जिसका मकसद कश्मीर में गतिरोध को तोड़ना है.
उमर केंद्र सरकार पर इस बात के लिए दबाव डाल रहे हैं कि राज्य के कुछ हिस्सों से सशस्त्र सैन्य बल विशेषाधिकार कानून को हटाया जाए और कुछ राजनीतिक पहलों की घोषणा भी की जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह घाटी में सामान्य हालात बहाल करने के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर भरोसा बढाने वाले उपायों पर काम कर रहे हैं. लेकिन अगर हिंसा जारी रही तो इस प्रक्रिया को कैसे आगे बढ़ाया जाएगा, इस पर उमर कहते हैं कि यह वैसी ही बात है कि पहले अंडा आया या मुर्गी.
इससे पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कैबिनेट के सदस्यों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ कश्मीर के मुद्दे पर विस्तार से बातचीत की. इसके बाद संकेत मिल रहे हैं कि घाटी में तीन महीने चले आ रहे हिंसा के चक्र को तोड़ने के लिए सरकार कुछ पहलों की घोषणा कर सकती है. उधर विपक्षी बीजेपी ने कहा है कि राज्य में सशस्त्र सैन्य बल विशेषाधिकार कानून को हटाने से अलगावादियों को ही बढ़ावा मिलेगा.
इस बीच कश्मीर घाटी के बांदीपुरा इलाके में सोमवार को पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की फायरिंग में तीन लोग घायल हुए हैं. सूत्रों का कहना है कि जिले के अजास इलाके में बहुत सारे प्रदर्शनकारी जमा हो गए और आक्रामक नारे लगाने लगे. कुछ लोगों ने पुलिस पर पत्थर भी फेंकने शुरू कर दिए जिसके बाद भीड़ को तितर बितर करने के लिए चेतावनी के तौर पर पुलिस ने गोलियां चलाईं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह