खराब निकले चीन से आए 20 लाख मास्क
९ अप्रैल २०२०मंगलवार को फिनलैंड की स्वास्थ्य मंत्री एनो-काइसा पेकोनेन ने एक तस्वीर ट्वीट करते हुए खबर दी कि चीन से 20 लाख सर्जिकल मास्क और दो लाख तीस हजार रेस्पिरेटर मास्क का पहला शिपमेंट हेलसिंकी पहुंच गया है. फिनलैंड के लिए यह एक अच्छी खबर थी लेकिन स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट में ही साफ कर दिया था कि इस्तेमाल से पहले इनकी जांच की जाएगी. अगले ही दिन स्वास्थ्य अधिकारियों ने खबर दी कि चीन द्वारा भेजे गए मास्क कोरोना वायरस को रोकने में कारगर नहीं हैं और उनका इस्तेमाल अस्पतालों में नहीं किया जा सकता. प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रवक्ता किर्सी वरहीला ने कहा, "जाहिर है, हमारे लिए यह थोड़ा निराशाजनक है."
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मास्क भले ही डॉक्टरों के लिए ठीक ना हों लेकिन उनका इस्तेमाल रिहाइशी इलाकों में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा किया जा सकेगा. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक अन्य अधिकारी टॉमी लूनेमा ने कहा, "दाम लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. खरीद जल्द से जल्द करनी होती है और रकम पहले ही चुका देनी पड़ती है." फिनलैंड सरकार ने यह तो नहीं बताया कि चीन के इस ऑर्डर के लिए कितनी कीमत दी गई थी लेकिन बुधवार को सुरक्षा उपकरणों, मास्क इत्यादि के लिए 60 करोड़ यूरो की अतिरिक्त राशि की घोषणा की गई. कोरोना संकट के असर से निपटने के लिए सरकार ने पहले ही चार अरब यूरो का बेलआउट पैकेज दिया है. यह राशि उसी का हिस्सा है.
अब मास्क की सप्लाई को पूरा करने के लिए देश में ही तीन कंपनियों को दो लाख मास्क बनाने का काम सौंपा गया है. लेकिन इसकी प्रोडक्शन अप्रैल के अंत तक ही शुरू हो पाएगी. इस बीच प्रधानमंत्री सना मरीन ने ट्विटर पर अधिकारियों को इस बात के लिए फटकारा कि देश की महामारी नीति के अनुसार तीन से छह महीने तक का सामान जमा कर के क्यों नहीं रखा गया.
कोरोना संकट के बीच ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि चीन द्वारा भेजे गए मास्क खराब क्वॉलिटी के निकले हों. इससे पहले स्पेन, नीदरलैंड्स, तुर्की और ऑस्ट्रेलिया भी इस तरह की शिकायत कर चुके हैं. इसके जवाब में चीन सरकार यहां तक कह चुकी है कि देशों को ऑर्डर करने से पहले ही दो बार जांच कर लेनी चाहिए. इस वक्त दुनिया भर में मास्क की जितनी मांग है उसकी आधी आपूर्ति चीन ही कर रहा है. जनवरी में कोरोना संकट के शुरू होने के बाद से चीन में मास्क की प्रोडक्शन को कई गुना बढ़ा दिया गया. फरवरी के अंत में वहां हर दिन 11 से 12 करोड़ मास्क बन रहे थे. लगभग हर पश्चिमी देश इस वक्त मास्क की किल्लत से गुजर रहा है. धीरे धीरे मास्क पहनने को अनिवार्य भी किया जा रहा है. ऐसे में आने वाले दिनों में मास्क की मांग और बढ़ेगी और ऐसे में चीन से और भी उम्मीदें लगाई जाएंगी.
आईबी/सीके (एएफपी)
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