अलगाववादियों से कहीं भी मिलने को तैयार हैं वार्ताकार
२० जनवरी २०११वार्ताकारों ने कहा कि वे अलगाववादी दलों को पहले ही खत लिख चुके हैं. इस खत में उनसे कश्मीर मुद्दे पर उनका पक्ष बताने के लिए दस्तावेज भेजने को कहा गया है. तीन वार्ताकारों के दल के प्रमुख दिलीप पडगांवकर ने कहा, "कल अगर अलगाववादी हमसे बात करना चाहें तो हम कहीं भी जाने के लिए तैयार हैं. बातचीत के लिए हमें किसी भी जगह जाने में कोई हिचक नहीं है."
चौथी बार कश्मीर में
वार्ताकारों का दल पिछले साल नवंबर में नियुक्ति के बाद से चौथी बार भारत प्रशासित कश्मीर की यात्रा पर आया है. इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार पडगांवकर ने कहा कि इस मामले में अहंकार कोई मुद्दा नहीं है और लोगों से कहीं भी मुलाकात की जा सकती है.
पडगांवकर और उनकी टीम के अन्य सदस्य विभिन्न पक्षों से मिलकर उनकी राय जान रहे हैं. बुधवार को भारतीय जनता पार्टी और पैंथर्स पार्टी के नेताओं ने वार्ताकारों से बातचीत की. पडगांवकर ने बताया कि दोनों दलों के नेताओं से वे उनके दफ्तर में ही मिले और उनके दिए सुझावों पर विस्तार से चर्चा की. इसी तरह की मुलाकात का आग्रह हुर्रियत कान्फ्रेंस से भी किया गया है.
दस्तावेज तो दो
पडगांवकर ने कहा, "हमने औपचारिक तौर पर हुर्रियत कान्फ्रेंस और अन्य अलगाववादी दलों से लिखित आग्रह किया है कि वे कश्मीर मुद्दे पर अपना पक्ष हमें प्रकाशित दस्तावेज के जरिए बताएं. इस वक्त चार दस्तावेज हैं. पीडीपी का स्वशासन, नेशनल कान्फ्रेंस का स्वायत्तता और पीपल्स कान्फ्रेंस का राष्ट्र का दर्जा प्रमुख हैं. इसके अलावा अवामी नेशनल कान्फ्रेंस का दस्तावेज भी हमारे पास है."
उन्होंने कहा कि इन सभी दस्तावेजों पर विचार किया जा रहा है ताकि सहमति और असहमति के बिंदू निकाले जा सकें. वार्ताकार चाहते हैं कि असहमतियों को कम से कम किया जा सके.
शिक्षाविद राधा कुमार और पूर्व सूचना आयुक्त एमएम अंसारी इस दल के अन्य सदस्य हैं. दल ने मंगलवार को जम्मू क्षेत्र में कई नेताओं, स्वयंसेवी संस्थाओं, शिक्षाविदों और बुद्धिजीवियों से बातचीत की. यह दल अगले महीने अपनी अंतिम रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप सकता है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एस गौड़