अयोध्या पर फैसला टलने का कांग्रेस ने स्वागत किया
२४ सितम्बर २०१०कांग्रेस का कहना है कि वह हमेशा से इस बात के हक में रही है कि मामले को आपसी सहमति के आधार पर हल कर लिया जाए. पार्टी के महासचिव जनार्दन रेड्डी ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने नेकनीयत के साथ आदेश दिया है और हर किसी को इसका स्वागत करना चाहिए. कांग्रेस हमेशा से मानती रही है कि इस मामले में पहली प्राथमिकता आपसी सहमति से मामले को सुलझाना होना चाहिए. अगर ऐसा संभव न तो फिर कोर्ट का फैसला सब को मानना चाहिए."
शुक्रवार को आने वाले लखनऊ के हाई कोर्ट के फैसले को एक हफ्ते के लिए टाले जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कांग्रेस महासचिव ने कहा, "हम समझते हैं कि अदालत ने यह आदेश बहुत सोच समझ कर दिया है और हर किसी को इसका स्वागत करना चाहिए." पूर्व नौकरशाह रमेश चंद्र त्रिपाठी ने फैसला टालने के लिए लखनऊ हाई कोर्ट में भी याचिका दाखिल की जिसे खारिज कर दिया गया. अब सुप्रीम कोर्ट में इस बारे में दायर याचिका से जुड़े पक्षों को अदालत ने नोटिस जारी किया है.
उधर कांग्रेस शासित पश्चिमी राज्य महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसला का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से राज्य पुलिस को राहत मिलेगी जिसके ऊपर अभी अभी खत्म हुए गणेश महोत्सव के दौरान भारी सुरक्षा का भार था. अयोध्या पर आने वाले फैसले से मद्देनजर केंद्र सरकार ने राज्यों से कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े सुरक्षा बंदोबस्त करने को कहा था.
उधर मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करने से इनकार किया है. बीजेपी की प्रवक्ता निर्मला सीतारामन ने कहा, "हम हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे. उसी के बाद इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देंगे."
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एन रंजन