अमेरिकी संसद में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग जांच को मंजूरी
१ नवम्बर २०१९हाउस स्पीकर नेन्सी पेलोसी ने इसी हफ्ते इस मुद्दे पर मतदान कराने का एलान किया था ताकि लंबे समय से इसकी मांग कर रहे रिपब्लिकन सांसदों को संतुष्ट किया जा सके. इस जांच का मकसद यह पता लगाना है कि क्या राष्ट्रपति ट्रंप ने निजी राजनीतिक फायदे के लिए यूक्रेन पर दबाव बनाया था.
अमेरिकी संसद के इतिहास में इससे पहले सिर्फ तीन बार राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की जांच चलाई गई है. इनमें से 1968 में एंड्रयू जॉनसन और 1998 में बिल क्लिंटन के खिलाफ तो महाभियोग अंतिम चरणों तक गया लेकिन पास नहीं हो सका. उन दोनों को आरोपमुक्त किया गया और उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया जबकि रिचर्ड निक्सन ने महाभियोग की आशंका को देखते हुए कार्यवाही पूरी होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया.
गुरुवार को मतदान से पहले पेलोसी ने कहा, "दुखद है कि यह किसी आनंद या सांत्वना का कारण नहीं है. यह कुछ ऐसा है जो बहुत गंभीर और याचना करने वाला है." हाउस ने इस प्रस्ताव को 196 के मुकाबले 232 मतों से पास किया और डेमोक्रैटिक पार्टी के सिर्फ दो सांसद इसके खिलाफ गए जबकि रिपब्लिकन पार्टी छोड़ चुके एक सांसद ने इसके पक्ष में मतदान किया.
ट्रंप पर आरोप क्या है?
एक व्हिसलब्लोअर ने राष्ट्रपति ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच 25 जुलाई को हुई बातचीत में ट्रंप की कही बात को लेकर चिंता जताई थी. इसके बाद 24 सितंबर को पेलोसी ने इस मामले की जांच शुरू करने का एलान किया. जांच इस बात की हो रही है कि क्या ट्रंप ने जेलेंस्की पर निजी राजनीतिक फायदे के लिए दबाव बनाया था.
डेमोक्रैट सांसदों का कहना है कि अब तक की जो सुनवाई हुई है उसमें उन्हें "घातक सबूत" मिले हैं. इनके मुताबिक ट्रंप ने कथित रूप से यूक्रेन के राष्ट्रपति से कहा कि अगर वे पूर्व अमेरिकी उपराष्ट्रपति जो बाइडेन के खिलाफ जांच करेंगे, तभी उन्हें अमेरिकी सैन्य सहायता मिलेगी. जो बाइडेन अगले साल राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रैटिक पार्टी की तरफ से ट्रंप को चुनौती देने वालों में सबसे आगे चल रहे हैं.
अब तक इस मामले की सुनवाई में गवाहों के बयान बंद दरवाजों के पीछे हुए हैं. इसे लेकर रिपब्लिकन सांसद पारदर्शिता की शिकायत करते हैं. कुछ गवाहों ने जो बयान दिए हैं, उसके मुताबिक ट्रंप ने यूक्रेन की सैन्य मदद को बाइडेन और उनके बेटे हंटर बाइडेन के खिलाफ जांच से जोड़ा. हंटर बाइडेन यूक्रेन की कई प्राकृतिक गैस कंपनियों के बोर्ड में काम कर चुके हैं.
क्या कहते हैं आरोपी और आरोप लगाने वाले
जांच में शामिल हाउस ऑफ इंटेलिजेंस कमेटी के चेयरमैन एडम शिफ ने गुरुवार को कहा, "यह हमारे देश के इतिहास में एक गंभीर दिन है." उन्होंने कहा कि डेमोक्रैट इसकी गंभीरता को समझते हैं, लेकिन "परिस्थितियों के कारण आगे बढ़ने पर विवश हैं." शिफ ने इसके साथ ही कहा कि डेमोक्रैट सांसद इस कर्तव्य को "जरूरी गंभीरता के साथ निभाएंगे."
रिपब्लिकन सांसदों की शिकायत है कि यह प्रस्ताव महाभियोग की धाराओं के समान नहीं है, जो कि राष्ट्रपति ट्रंप को पद से हटाने के लिए पहला कदम है, यह दिखाता है कि डेमोक्रैट सांसद ट्रंप को उनके पद से हटाने के प्रति आसक्त हैं और देश की समस्याओं को हल करने के अपने कर्तव्य में वो नाकाम हो रहे हैं. अल्पमत के नेता केविन मैकार्ती ने कहा कि डेमोक्रैट्स "अमेरिकी लोगों के लिए काम नहीं कर रहे हैं."
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इस प्रस्ताव के पास होने पर अपनी प्रतिक्रिया में ट्वीट किया, " यह अमेरिकी इतिहास में जानबूझ कर निशाना बनाने की सबसे बड़ी कोशिश है." ट्रंप बार बार उस कॉल में हुई बातचीत की प्रतिलिपि का जिक्र करते हैं जिसे व्हाइट हाउस ने जारी किया था. इसमें कहा गया है कि जेलेंस्की पर जांच शुरू करने का कोई दबाव नहीं था. ट्रंप ने लंदन के रेडियो स्टेशन एलबीसी को एक इंटरव्यू में ब्रेक्जिट पार्टी के नेता निजेल फराज से कहा, "यह पूरी तरह से गलत है , हमारे पास उसकी प्रतिलिपि है. वह एक बहुत उचित बातचीत थी."
ट्रंप का यह भी कहना है कि डेमोक्रैटिक पार्टी के पास अगले साल के चुनाव में उन्हें हराने का एक ही तरीका है कि महाभियोग चलाएं क्योंकि उचित तरीके से वो नहीं जीत सकते हैं.
अब आगे क्या होगा
इस प्रस्ताव के पास होने के बाद हाउस की तीन कमेटियों की चल रही जांच पर मुहर लग गई है. साथ ही आगे की जांच के लिए प्रक्रिया तय करने को भी मंजूरी मिल जाएगी. अमेरिकी संविधान के मुताबिक हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के पास महाभियोग की जांच के लिए नियम तय करने का अधिकार है और डेमोक्रैटिक पार्टी का कहना है कि वे सिर्फ नियमों का पालन कर रहे हैं. इस मामले में अब खुले में सुनवाई हो सकेगी, हालांकि डेमोक्रैटिक पार्टी ने अभी यह नहीं बताया है कि यह सुनवाई कब शुरू होगी.
डेमोक्रैट सांसदों का कहना है कि जांच की प्रक्रिया उन्हीं नियमों के तहत चलेगी जिनका इस्तेमाल राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन और बिल क्लिंटन के खिलाफ किया गया था. नियमों के मुताबिक हाउस की इंटेलिजेंस कमेटी अब इस बारे में एक रिपोर्ट और बंद दरवाजों के पीछे हुई सुनवाई की प्रतिलिपि जारी करेगी. इन सुनवाइयों में दोनों पार्टी के सदस्य मौजूद थे.
इसके बाद जूडिशियरी कमेटी यह तय करेगी कि हाउस राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाए या नहीं. रिपब्लिकन पार्टी केवल तभी गवाहों को हाजिर होने के लिए समन जारी कर सकते हैं जब सुनवाई वाली कमेटियां इसकी मंजूरी दें. इसका मतलब है कि वीटो पावर डेमोक्रैट सांसदों के हाथ में होगी.
ट्रंप के वकील जूडिशियरी कमेटी की कार्यवाही में हिस्सा ले सकते हैं. अगर व्हाइट हाउस संसद की मांग पर गवाही या दस्तावेज "गैरकानूनी रूप" से मुहैया नहीं कराता तो ट्रंप के प्रतिनिधियों की गवाहों को बुलाने की मांग खारिज की जा सकती है.
संविधान के मुताबिक अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स को महाभियोग की जांच करने और उसके लिए नियम बनाने का अधिकार है जबकि महाभियोग पर मुकदमा चलाने और उसे पास करने का अधिकार सीनेट के पास है. इस समय संसद के निचले सदन में डेमोक्रैटिक पार्टी बहुमत में हैं जबकि सीनेट में बहुमत का आंकड़ा रिपब्लिकन पार्टी के पास है.
एनआर/एके(डीपीए, एपी)
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