अमेरिका में बंदूक रखने पर से पाबंदी खत्म
२९ जून २०१०अमेरिका के किसी भी शहर या राज्य में रहने वाला नागरिक अपनी सुरक्षा के लिए बंदूक रख सकता है. बंदूक रखने पर लगी पाबंदी को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने मौलिक अधिकारों के खिलाफ माना है. शिकागो में इस अधिकार पर 28 साल पहले लगी रोक को अब पुनर्विचार से गुजरना होगा और फिर इसे खत्म कर दिया जाएगा. पांच जजों की बेंच ने 2008 में लिए उस ऐतिहासिक फैसले पर अंतिम मुहर लगा दी है जिसमें नागरिकों को बंदूक रखने की आज़ादी दी गई. 2008 में कानून में संशोधन के जरिए वाशिंगटन और दूसरे संघीय इलाकों में बंदूक रखने पर लगी रोक को हटा दिया गया था. अब इस संशोधन को पूरे अमेरिका में लागू कर दिया गया है. अमेरिका के दूसरे राज्यों में बंदूक रखने पर लगी रोक के मौजूदा कानूनों को भी जल्दी ही चुनौती दिये जाने की उम्मीद है.
आत्मरक्षा के लिए हथियार रखने का अधिकार और सरकार के बंदूकों पर पाबंदी के बीच सीमा रेखा तय करने में कोर्ट को कई साल लग गए. जानकार मानते हैं कि आने वाले समय में सरकार एक उचित दिशानिर्देश बनाने में कामयाब होगी जो इस अधिकार के दुरुपयोग को रोक सकेगा. दरअसल ये फैसला हिंसा, आत्महत्या और बंदूक से होने वाले हादसों को रोकने की सरकार की कोशिशों के बीच भी आता है.
अमेरिका के 9 करोड़ लोगों के पास पहले ही करीब 20 करोड़ बंदूकें हैं. सरकार के लिए देश में बंदूकों की संख्या पर लगाम लगाना और मुश्किल हो जाएगा. इस फैसले को बंदूक बनाने वाली प्रमुख कंपनी स्मिथ एंड वेल्सन औऱ स्टर्म एंड रोज़र के लिए एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है. इसके साथ ही शिकागो के चार नागरिकों, दो बंदूक रखने के अधिकार के लिए लड़ने वाले ग्रुप और नेशनल रायफल एसोसिएशन की भी बड़ी जीत है. इन लोगों ने ही सुप्रीम कोर्ट में ये कानूनी जंग लड़ी.
रिपोर्टः एजेंसियां/ एन रंजन
संपादनः एम गोपालकृष्णन