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समाज

अमीर कनाडा के नौ लाख गरीब मूलवासी

३० जून २०१७

कनाडा को एक देश के तौर पर स्थापित हुए 150 साल पूरे हो गये हैं और इस मौके पर वहां की सरकार बड़ा आयोजन कर रही है. लेकिन कनाडा के मूल निवासी इसका हिस्सा नहीं बनना चाहते.

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Kanadas Ureinwohner auf einem Friedhof
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Daniau

एक जुलाई को कनाडा के 150वें राष्ट्रीय दिवस पर सरकार राजधानी ओटावा में एक भव्य आयोजन करने जा रही है. इस मौके पर कनाडा के मूल निवासियों की संस्था असेंबली ऑफ फर्स्ट नेशन के नेता ओटावा पहुंच रहे हैं. लेकिन फर्स्ट नेशन के राष्ट्रीय प्रमुख पेरी बेलगार्ड इस आयोजन का हिस्सा नहीं बनना चाहते. कनाडा एक जुलाई 1867 को ब्रिटेन से आजाद होकर एक अलग देश बना था. आज कनाडा में रहने वाले बहुसंख्यक गोरे उन लोगों की संतानें हैं जिन्हें ब्रिटिश सरकार ने वहां ले जा कर बसाया था. वहीं, मूलनिवासी उपनिवेश से पहले से कनाडा में रहने वाले लोग हैं.

बेलगार्ड कहते हैं "यह कनाडा का जन्मदिन है. यह 150 साल का जश्न है. लेकिन हम मूल निवासी लोग जश्न नहीं मना रहे हैं. हम किस बात का जश्न मनायें?" बेलगार्ड की संस्था कनाडा में रह रहे फर्स्ट नेशन के 634 समुदायों के 900,000 लोगों का प्रतिनिधित्व करती है.

कनाडा एक विकसित देश है और दुनिया भर में जीवन की अपनी गुणवत्ता के लिए मशहूर है. लेकिन बेलगार्ड कहते हैं कि ज्यादातर मूलनिवासी अब भी गरीबी में रह रहे हैं. डीपीए के साथ इंटरव्यू में बेलगार्ड ने कहा कि एक बहुत बड़ा सामाजिक और आर्थिक अंतर है जिसे भरने की जरूरत है, तभी मूलनिवासी समझेंगे कि उनके साथ न्याय हुआ है और वह उसका जश्न मना सकते हैं.

THE CANADIAN PRESS 2016-12-31
तस्वीर: picture-alliance/empics/A. Vaughan

बेलगार्ड कहते हैं कि हर साल 1200 मूलनिवासी मार दिये जाते हैं और गुमशुदा हो जाते हैं. मूलनिवासियों में आत्महत्या की दर भी राष्ट्रीय औसत से 5 से 7 गुना अधिक है. संघीय स्वास्थ मंत्री जेन फिलपॉट के मुताबिक गैर मूलनिवासी समुदायों की तुलना में मूलनिवासी औसतन दस साल कम जीते हैं. उनमें मधुमेह का खतरा भी बाकी लोगों से तीन गुना अधिक और टीबी का खतरा 30 गुना अधिक है. मूलनिवासी कनाडा की कुल जनसंख्या का केवल 4.3 प्रतिशत हैं. फिर भी कनाडा की जेलों में एक चौथाई से ज्यादा कैदी मूलनिवासी ही हैं. 

मूलनिवासियों का कहना है कि कनाडा में सिर्फ बीते 150 साल का जश्न मनाया जा रहा है जबकि उनके हजारों साल पुराने इतिहास और कनाडा में उनकी मौजूदगी को अनदेखा किया जा रहा है.

बेलगार्ड ने कहा, "अगर हम एक जुलाई को राष्ट्रीय दिवस मनाएंगे तो अपने संघर्षों को याद करते हुए मनायेंगे. हमारे आवासीय विद्यालय खत्म कर दिये गये. उपनिवेश और हमारी जिंदगी के हर पहलू को नियंत्रित करने वाले दमनकारी इंडियन एक्ट के बावजूद हम अब भी मूलनिवासी के तौर पर रह रहे हैं. हमारी भाषाओं को कनाडा में खत्म करने की कोशिश की गयी लेकिन आज भी आप उन्हें हर जगह सुन सकते हैं."

बेलगार्ड ने कहा, "हम इस बात का जश्न मनायेंगे कि हमारे बच्चे गिरजाघरों द्वारा चलाये गये आवासीय स्कूलों से बच पाये हुए हैं. ये स्कूल बनाये तो इसलिए गये थे कि आदिवासी बच्चों को मुख्यधारा में शामिल कर लिया जाए लेकिन लगभग सौ साल समय से उन्होंने बच्चों के भीतर मूलनिवासी भावना को मारने की कोशिश की है."

इन आवासीय विद्यालयों में पहुंचने वाले 15,000 मूलनिवासी बच्चों में से 3200 से अधिक मारे गये. आदिवासी मुद्दों की पड़ताल के लिए बने ट्रुथ एंड रिकंसीलिएशन कमिशन की रिपोर्ट कहती हैं कि इनमें से ज्यादातर बच्चों को गुमनाम कब्रों में दफना दिया गया.

इस रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा की सरकार ने "सांस्कृतिक नरसंहार" की इस नीति को अपनाया क्योंकि वे मूलनिवासियों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से छुटकारा पाना और उनकी जमीन और संसाधनों को हथियाना चाहती थी. 

हालांकि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने मूलनिवासियों से सुलह की नीति अपनायी है. 21 जून को मूलनिवासी दिवस पर उन्होंने कहा कि कनाडा के लिए मूलनिवासियों से संबंधों से ज्यादा महत्वपूर्ण कोई संबंध नहीं है. 

साल 2016 में कनाडा की सरकार ने मूलनिवासियों के सामाजिक और आर्थिक स्तर को बेहतर करने के लिए 8.4 अरब डॉलर का बजट पारित किया था. साल 2017 में भी इस बजट में 3.4 अरब डॉलर का बजट और जोड़ा गया है. बेलगार्ड ने कहा कि चीजें बेहतर हो रही हैं. लेकिन हम फर्स्ट नेशन के आदिवासी इतने लंबे वक्त से हाशिए पर हैं कि सामाजिक और आर्थिक अंतर को पाटने में एक लंबा वक्त लगेगा.

एसएस/एके (डीपीए)