अन्ना का अनशन खत्म, जेल भी नहीं भरेंगे
२८ दिसम्बर २०११डॉक्टरों ने हजारे को सलाह दी थी कि उन्हें अनशन तोड़ देना चाहिए, नहीं तो उनकी किडनी पर भी असर पड़ सकता है. हालांकि अन्ना फिर भी अपनी बात पर अड़े थे. लेकिन दोपहर बाद अचानक उन्होंने मुंबई में अनशन खत्म करने का एलान किया और कहा कि वह पांच राज्यों में होने वाले चुनाव के दौरान अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे.
अन्ना ने अपने समर्थकों के बीच मीडिया से कहा, "27, 28, 29 तीन दिनों का ये अनशन था. लेकिन संसद में सब गड़बड़ी हो रही है. अभी पता चला कि राज्यसभा में भी वह बिल पेश नहीं हुआ है. उनमें सर्वसम्मति नहीं हो रही है. इसलिए हमारा अनशन आज हम खत्म करेंगे."
अन्ना हजारे ने जब दिल्ली में अनशन किया था तो लाखों लोग जमा हुए थे. लेकिन मुंबई में इस बार वह जलवा नहीं देखने को मिला. पहले दिन 10,000 से भी कम लोग प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे, जबकि दूसरे दिन भी इससे थोड़े ही ज्यादा लोग वहां आए. इस बीच अन्ना हजारे की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें बुखार हो गया. डॉक्टरों ने उन्हें भूख हड़ताल तोड़ने की सलाह दी.
उधर, दिल्ली में संसद में लोकपाल बिल लोकसभा में पेश कर दिया गया और पहले ही दिन पास भी हो गया. सरकार की जो किरकिरी हो रही थी, वह थोड़ी कम हो गई और लोग इस बात पर भी सवाल उठाने लगे कि जब लोकपाल बिल पर संसद की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, तो उसी मौके पर अनशन का भला क्या तुक. जानकारों का कहना है कि सत्ता के केंद्र दिल्ली से दूर चले जाने की वजह से भी लोग अन्ना हजारे से थोड़ा दूर हो गए. हालांकि टीम अन्ना ने भारी सर्दी की वजह से दिल्ली की जगह मुंबई को चुना था. उनका दावा है कि मुंबई में लंबी दूरी की वजह से लोग शामिल नहीं हो पाए. हालांकि दिल्ली में जब अन्ना अनशन पर बैठे थे, तो न सिर्फ दिल्ली बल्कि दूर दराज के लोग इसमें शामिल होने पहुंचे थे.
इन सारे समीकरणों ने अन्ना हजारे की रणनीति हिला कर रख दी है. अब आगे के कदम का फैसला वह थोड़ा सोच समझ कर करना चाहते हैं. इसीलिए फिलहाल जेल भरने का कार्यक्रम भी रद्द कर दिया गया है. अन्ना ने खुद कहा, "हम लोगों ने जेल जाने की बात रखी थी और इसके लिए पूरे देश में एक माहौल बन गया था. लेकिन अभी उसका समय नहीं आया है. क्योंकि अभी संसद में किसी बात को लेकर एक मत नहीं हो पा रहा है."
लोकसभा में पास होने के बाद संभावना थी कि बुधवार को लोकपाल बिल राज्सभा में पेश किया जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. सरकार के पास राज्यसभा में जरूरी आंकड़े नहीं हैं और वह किसी जुगत की तलाश कर रही है. आने वाले दो महीने के भीतर कई राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने हैं और इस वजह से भी राजनीतिक पार्टियां संभल संभल कर कदम उठा रही हैं.
लेकिन अन्ना ने चुनावों के दौरान अपना एजेंडा साफ कर दिया है. उनका कहना है, "अभी हमारा लक्ष्य एक ही होना चाहिए. वह है मतदाता जागरूकता अभियान का. एक तो अभी पांच राज्यों का चुनाव और उसके बाद देश में आम चुनाव होने हैं. उस समय पूरे देश में घूम कर हमें वोटरों को जगाना है."
रिपोर्टः पीटीआई, रॉयटर्स, एएफपी/ए जमाल
संपादनः एन रंजन