अचानक अफगानिस्तान पहुंचे बराक ओबामा
३ दिसम्बर २०१०बगराम एयरबेस पर ओबामा ने अमेरिकी सैनिकों से बातचीत की. उन्होंने नौ साल लंबी इस लड़ाई में सैनिकों के योगदान और बलिदान को सराहा. राजधानी काबुल के बाहर स्थित इस बेस पर चार घंटे बिताने के बाद ओबामा को हेलीकॉप्टर से काबुल जाकर अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई से मिलना था. लेकिन खराब मौसम की वजह से उन्होंने यह यात्रा रद्द कर दी. बाद में दोनों नेताओं ने टेलीफोन पर ही बातचीत की.
राष्ट्रपति बनने के बाद यह ओबामा की दूसरी अफगानिस्तान यात्रा थी. अमेरिका 13 दिसंबर को युद्ध रणनीति की समीक्षा जारी करने वाला है. हाल ही में विकीलीक्स पर जारी हुए दस्तावेजों ने अमेरिका की मुश्किल और बढ़ा दी है. इन दस्तावेजों में से एक में अफगानिस्तान में बढ़ते भ्रष्टाचार के बारे में भी था.
अमेरिका पर इस बात का दबाव बढ़ता जा रहा है कि लड़ाई में कुछ प्रगति दिखाए. इस जंग को लेकर अमेरिकी लोगों के बीच विरोध बढ़ता जा रहा है. ओबामा ने अफगानिस्तान में लगभग 4000 सैनिकों से कहा कि वे विद्रोहियों पर हावी हो रहे हैं. उन्होंने कहा, "आज हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि अब तालिबान के नियंत्रण में बहुत कम इलाके हैं. हमने कहा था कि हम तालिबान को तोड़ देंगे और आप लोग वही कर रहे हैं."
लेकिन आंकड़े अमेरिकी राष्ट्रपति की बातों का पूरी तरह साथ नहीं देते. ओबामा की अफगानिस्तान यात्रा ऐसे समय में हुई है जब वहां हिंसा बढ़ी है और मरने वालों की तादाद में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है. 2001 से अब तक अफगानिस्तान में अमेरिका के 1400 सैनिक मारे जा चुके हैं. इनमें से एक तिहाई पिछले साल ही मारे गए.
ओबामा ने सैनिकों से कहा, "मैं जानता हूं कि आप लोगों के लिए घर से दूर रहना आसान नहीं है. खासतौर पर छुट्टियों के वक्त में. मैं जानता हूं कि आपके परिवारों के लिए भी यह बेहद मुश्किल वक्त है. उनकी डिनर टेबल पर एक खाली सीट होगी."
ओबामा ने घायल सैनिकों से मुलाकात की. बगराम अस्पताल में ही उन्होंने पांच पर्पल हार्ट मेडल्स भी बांटे.
33 साल के पैरामेडिक जिमी सेटल ओबामा की इस यात्रा से काफी खुश नजर आए. दो हफ्ते पहले गोली लगने से घायल हुए सेटल ने कहा कि ओबामा की यात्रा और भाषण ने उत्साह बढ़ाया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए कुमार