अंतरिक्ष और उपग्रह
हर साल नए नए सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजे जाते हैं जो हैरान कर देने वाले चित्र जमा करते हैं. अंतरिक्ष को ले कर चल रहे अलग अलग प्रोजेक्ट की कुछ अनोखी तस्वीरें..
3डी में गैलेक्सी
इस साल के अंत तक अंतरिक्ष यान जीएआईए रवाना होगा. पराबैंगनी किरणों की मदद से यह हमारी गैलेक्सी का 3डी चित्र बनाएगा और आकाश गंगा के रहस्यों का खुलासा करने में मदद करेगा. ईएसए को उम्मीद है कि उन्हें एक से तीन अरब के बीच नए तारे मिलेंगे.
नए तारों की ओर
नए अंतरिक्ष कैप्सूल का नाम है ओरियन. इसे यूरोपीय स्पेस एजेंसी और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा साथ मिल कर 2017 के बाद अंतरिक्ष में भेजना चाहते हैं. पहले यात्रा चांद की होगी फिर ओरियन को अंतरिक्ष में एक जगह स्थापित कर दिया जाएगा, ताकि मंगल या अन्य ग्रहों की यात्रा की जा सके.
इंसान नहीं यान
इस साल तीन यूरोपीय अंतरिक्ष यात्री रूसी सोयुज रॉकेट से अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजे गए. इनके साथ ही ईएसए ने एक बिना इंसान वाला मालवाही यान भी वहां भेजा. सात टन खाद्य सामग्री और परीक्षम के लिए जरूरी अन्य सामान ले जाया गया.
गुरुत्वाकर्षणहीनता की ट्रेनिंग
इटली के अंतरिक्षयात्री लूका पारमितानो कोलोन के यूरोपीय एस्ट्रोनॉट सेंटर में अंतरिक्ष में टहलने के लिए भारहीनता की प्रैक्टिस कर रहे है.
आईएसएस पर
अगले साल जर्मनी के अलेक्जांडर गेर्स्ट और फिर 2015 के अंत में महिला अंतरिक्षयात्री सामांथा क्रिस्टोफोरेती आईएसएस पर जाएंगी.
चांद पर जीवन
चांद पर ऐसा शोध केंद्र बनने में अभी काफी वक्त लगेगा. चांद पर पानी है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए ईएसए चीनी रोबोट रोवर को डाटा कनेक्शन दे रहा है और इसके घूमने फिरने पर नियंत्रण कर रहा है.
आकाश पिंड पर नजर
अंतरिक्ष यान रोसेटा 2004 से उल्का पिंड 67/PT शुर्युमोव-गेरासिमेंकों की ओर जा रहा है. 2014 से वह इस उल्का पिंड की कक्षा में चला जाएगा. इस राह पर उसने धूमकेतु टेंपल 1 पर नासा के प्रोजेक्टाइल डीप इम्पैक्ट की टक्कर जैसी बहुत सी चीजें नजदीक से देखी है.
कॉमेट लैंडिंग
नवंबर 2014 में रोसेटा फिले रोबोट को कॉमेट पर उतारेगी. इसके उतरने पर जर्मनी के विमानन और अंतरिक्ष केंद्र डीएलआर की नजर होगी. यह लैंडिंग मुश्किल है क्योंकि कॉमेट में गुरुत्वाकर्षण कम होता है. रोसेटा कॉमेट की रासायनिक रचना का पता करेगी.
पाताल की खोज
इस साल ईएसए ने तीन और सैटेलाइट अलग अलग कक्षाओं में भेजे. यह धरती से 400 से 500 किलोमीटर ऊपर घूम रहे हैं और धरती के अंदर पाताल में झांक रहे हैं, जहां सब कुछ गरम और तरल है. ये चुंबकीय क्षेत्र को मापने का काम भी कर रहे हैं.
नया नेविगेशन
शोध सैटेलाइटों के अलावा ईएसए नेविगेशन सैटेलाइट भी भेजती है. में यूरोपीय नेविगेशन सिस्टम गैलिलियो के 20 से ज्यादा सैटेलाइट अंतरिक्ष में हैं.