महंगाई बढ़ने से ब्रिटेन में देह बेचने को मजबूर औरतें
१८ अक्टूबर २०२२ब्रिटेन के कॉस्ट ऑफ लिविंग यानी जीवन-यापन के संकट ने देह व्यापार करने वाली महिलाओं के लिए संकट को गहरा दिया है. ऑनलाइन सेक्स वर्कर मार्था अपनी घटती कमाई के लिए ब्रिटेन के कॉस्ट ऑफ लिविंग संकट को जिम्मेदार ठहराती हैं. देह व्यापार को लेकर बढ़ी होड़ भी इसकी एक वजह है. बढ़ते घरेलू बिल ने महिलाओं को देह बेचने पर मजबूर किया है.
29 साल की मार्था(बदला हुआ नाम) बताती हैं, "लोग कम कमाई के लिए सबकुछ करने को तैयार हैं क्योंकि वे किसी भी हाल में पैसे चाहते हैं."
"मुझे चिंता है कि यह और भी बदतर होने वाला है क्योंकि लोगों की जेबें और हल्की होने वाली हैं." मार्था बताती हैं कि हाल के महीनों में उनकी रोज की कमाई 250 पाउंड से घटकर करीब 150 पाउंड हो गई.
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बेरोजगार बैठी मार्था ने पिछले साल ऑनलाइन देह व्यापार शुरू किया. उसके बाद उन्हें रिटेल असिस्टेंट की नौकरी तो मिल गई, लेकिन बढ़ते खर्च को पूरा करने के लिए उन्हें ज्यादा आय की जरूरत थी. मार्था पैसे बचाना चाहती हैं क्योंकि उन्हें एक बच्चा पैदा करने की इच्छा है.
ब्रिटेन की संस्थाएं और सेक्स वर्करों के समूहों के मुताबिक देश में इस साल देह व्यापार शुरू करने या वापस इसकी तरफ लौटने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ी है. वजह ये है कि ब्रिटेन में सालाना उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति करीब 10% तक पहुंच गई है जो बड़ी और विकसित अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी7 के देशों में सबसे ज्यादा है.
देह व्यापार को वैध बनाने की मुहिम
यौनकर्मियों के लिए काम करने वाली द इंग्लिश कलेक्टिव ऑफ प्रॉस्टीट्यूट्स (ईसीपी) देह व्यापार को वैध बनाने के अभियान में जुटी है. उनके मुताबिक सेक्स वर्क शुरू करने के लिए मदद मांगने वाले कॉल्स की संख्या बढ़ी है. जून में इसमें 30% बढ़त देखी गई. वहीं संस्था बियॉन्ड द स्ट्रीट्स के मुताबिक महिलाएं देह व्यापार की तरफ लौट रही हैं, या ज्यादा यौनकर्म कर रही हैं.
महिला यौनकर्मियों का समर्थन करने वाली एक और संस्था मैनचेस्टर एक्शन ऑन स्ट्रीट हेल्थ (एमएएसएच) के मुताबिक दिसंबर 2021 से अप्रैल 2022 के बीच 100 से ज्यादा नये लोग इस पेशे में आये. पिछले चार सालों में तिमाही के दौरान ये सबसे ज्यादा संख्या है.
संस्थाओं ने चेताया है कि जैसे-जैसे ज्यादा महिलाएं देह व्यापार में आती हैं ग्राहक अपनी जेबें ज्यादा कसते हैं. ऐसे हालात में सेक्स वर्कर सर्विस देने के लिए मजबूर महसूस करती हैं, कम सहज होती हैं या ज्यादा जोखिम उठाने लग जाती हैं.
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ईसीपी प्रवक्ता लौरा वाटसन कहती हैं, "आप पैसे के लिए जितने बेताब हैं, उतने ही तैयार हैं. आप ऐसी सर्विस देते हैं जो आप सामान्य रूप से नहीं करना चाहेंगे."
पैसे के लिए सेक्स ब्रिटेन में कानूनी है लेकिन संस्थाओं का कहना है कि वेश्यावृत्ति को उकसाने या सुविधा देने के खिलाफ कानून के जरिये उन्हें यौनकर्मियों की मदद करने से रोका जाता है. ये संभावित रूप से पहली बार सेक्स वर्क शुरू करने वाले लोगों को खतरे में डालता है.
वाटसन कहती हैं, "बिना किसी से बात किए ... लोग पहली बार एस्कॉर्ट के रूप में कहीं जा रहे होते हैं यह सुरक्षा के लिहाज से बहुत चिंताजनक है."
देह व्यापार बनी दूसरी नौकरी
दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ब्रिटेन में वेतन में बढ़त से ज्यादा भोजन और ऊर्जा की कीमतों में बढ़त जारी है. 2001 के बाद से सबसे ज्यादा वेतन दर में गिरावट ने ब्रिटिश कामगारों को कमाई का एक और रास्ता खोजने को मजबूर किया है.
बीमा कंपनी रॉयल लंदन की ओर से हाल ही किए गए एक सर्वे में पाया गया कि 50 लाख से ज्यादा ब्रिटिश कामगारों ने गुजारे के लिए दूसरी नौकरी की.
कुछ लोग एकमात्र रोजगार के तौर पर या अतिरिक्त आय के नियमित स्रोत के तौर पर सेक्स वर्क को चुन रहे हैं. इसके पीछे काम के मनचाहे घंटे और तुरंत कमाई भी एक वजह है.
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ईसीपी की वाटसन कहती हैं, "बहुत सी महिलाएं किसी और नौकरी में हैं और अपनी आय बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं. कुछ महिलाएं बिल भरने के लिए सड़क पर ये काम करने निकल जाती हैं." ईसीपी नेटवर्क के साथ काम करने वाली महिलाओं में 70% मांएं हैं.
यंग वीमेन ट्रस्ट की एक रिसर्च में पता चला कि कॉस्ट ऑफ लिविंग यानी जीवन यापन का संकट महिलाओं पर भारी पड़ रहा है.
रिसर्च में सामने आया कि पिछले 12 महीनों में करीब आधी सिंगल मांएं भोजन या बुनियादी जरूरतों को पूरा कर पाने में असमर्थ हैं. 10 में से तीन मांएं खाना नहीं खातीं ताकि उनके बच्चे खाना खा सकें. यंग वीमेन ट्रस्ट की चीफ एग्जिक्यूटिव क्लेयर रेनडॉर्प बताती हैं, कई महिलाओं की किफायती चाइल्डकेयर तक पहुंच नहीं है या नियमित नौकरियों में ऐसे मौके नहीं हैं ताकि वे अतिरिक्त घंटे काम कर सकें.
यॉर्क विश्वविद्यालय के स्कूल फॉर बिजनेस एंड सोसाइटी में डॉक्टरेट रिसर्चर टेस हेरमैन कहती हैं, सेक्स वर्क में मनचाहे काम के घंटे होते हैं और तुरंत भुगतान मिल जाता है. फिर भी महंगाई के दौरान वर्कर्स के लिए कीमतें बढ़ाना मुश्किल क्योंकि उनके पास रोजगार की सुरक्षा नहीं है.
वे आगे समझाती हैं, "बिल बढ़े हैं, भोजन की कीमतें बढ़ी हैं, लेकिन कमाई वहीं की वहीं है, ये इस तरह के अनिश्चित काम और गिग इकनॉमी का सच है.''
सेक्स वर्कर के पास अधिकार नहीं
मार्था एडल्ट वेबसाइट के लिए कंटेंट बनाती हैं और इसके साथ ही ग्राहक सीधे ट्विटर के जरिये उनसे संपर्क करते हैं. इसी वेबसाइट के लिए काम करने वाले यौनकर्मियों का कहना है कि पिछले दो महीनों में कमाई में 30% की गिरावट आई है. वेबसाइट के मुताबिक पिछले साल की तुलना में इस साल सितंबर में करीब 200,000 और अडल्ट सामग्री परोसने वाले क्रिएटर्स के अकाउंट मंजूरी के इंतजार में हैं.
यूनाइटेड सेक्स वर्कर यूनियन की प्रवक्ता ऑड्रे कैराडोना का कहना है, "अगर ज्यादा वर्कर्स कम पैसों के लिए लड़ रहे हैं तो इसका मतलब है कि उनके पास उतनी ताकत नहीं है कि वे ग्राहकों से मोलभाव कर सकें."
सरकार की नीतियों ने बढ़ाई मुश्किलें
एडल्ट वेबसाइट पर भुगतान के लिए प्लेटफॉर्म देने वाली कंपनी मास्टरकार्ड ने पिछले साल नीतियों को कड़ा किया है. वहीं, ब्रिटेन का ऑनलाइन सुरक्षा बिल डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सेक्स के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाना चाहता है.
कैराडोना कहती हैं, "अगर ज्यादा लोग सड़क पर सेक्स वर्क करना शुरू करते हैं, उन्हें ज्यादा पुलिसिया दखल का सामना करना पड़ता है. ये उन्हें अलग, सुनसान जगहों पर काम के लिए मजबूर करता है जो कहीं ज्यादा खतरनाक है क्योंकि तब वे मदद से दूर रहते हैं."
ऐसी अनिश्चितताओं के बावजूद, मार्था ने कहा कि सेक्स वर्क ने मुश्किल समय में उन्हें कुछ आर्थिक मदद दी. वो कहती हैं, "मुझे नहीं लगता कि मैं इसके बिना कुछ कर पाती."