76 अरब रुपये की लगात से बन रहा है रिलायंस का मेगामॉल
२८ अप्रैल २०२२भारत में लग्जरी गुड्स का बाजार अपने आकार और आबादी के मुताबिक बहुत छोटा माना जाता है लेकिन यूरोमीटर नामक संस्था का अनुमान है कि आने वाले पांच साल में यह बाजार दोगुना होकर 5 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा. इस वृद्धि को साधने की कोशिश में रिलायंस एक मॉल बना रही है जहां लुई वुटोन से लेकर गुची तक के वे तमाम ब्रैंड बिकेंगे, जो दुनियाभर में अपनी लग्जरी और शान दिखाने के उत्पादों के रूप में जाने जाते हैं.
जियो वर्ल्ड प्लाजा नाम का यह रिट्जी मॉल रिलायंस के उन प्रयासों के केंद्र में है जो भारत में महंगे जूते या बैग खरीदने वाले ग्राहकों को लुभाने के लिए किए जा रहे हैं. रिलायंस पहले ही रीटेल मार्केट में सबको पीछे छोड़ चुकी है. 900 अरब डॉलर के रीटेल बाजार में उसका स्थान सबसे ऊपर है. हालांकि वहां उसे ई-कॉमर्स वेबसाइट और सुपरमार्केट ब्रैंड्स जैसेएमेजॉन और वॉलमार्ट से तगड़ा मुकाबला मिल रहा है.
भीमकाय शॉपिंग मॉल
रिलायंस की रणनीति के वाकिफ कम से कम तीन लोगों ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि लग्जरी बाजार को लेकर रिलांयस की कोशिश यह है कि विदेशी ब्रैंड्स के साथ साझेदारी की जाए और इस बाजार में अपने प्रतिद्वन्द्वियों को पहले ही वार में चित्त कर दिया जाए.
रिलायंस की एंट्री से कितना बदलेगा भारत का ग्रीन एनर्जी सेक्टर
जियो वर्ल्ड सेंटर एक भीमकाय शॉपिंग मॉल है जो मुंबई के पॉश इलाके बांद्रा कुर्ला में तैयार किया जा रहा है. यहां पहले ही कई लग्जरी मॉल हैं. जानकारों का कहना है कि जियो वर्ल्ड सेंटर बनाने की कुल कीमत एक अरब डॉलर यानी 76 अरब रुपये से ज्यादा हो सकती है. 238 अरब डॉलर की कंपनी रिलायंस द्वारा इतना बड़ा निवेश करना इस बात का संकेत है कि अंबानी परिवार लग्जरी ब्रैंड्स को लेकर कितना उत्सुक है. इस मामले में मुकेश अंबानी की 30 वर्षीय बेटी ईशा खासतौर पर दिलचस्पी ले रही हैं.
हालांकि रिलायंस ने तो इस बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया लेकिन कंपनी की रणनीति से परिचित एक सूत्र ने बताया, "ग्लोबल ब्रैंड्स भारत आना चाहते हैं. रिलायंस उस इच्छा का फायदा उठाना चाहता है और उत्प्रेरक के तौर पर काम कर रहा है.”
कैसा होगा मॉल?
जानकार बताते हैं कि रिलायंस का मॉल 10 फुटबॉल मैदानों जितना बड़ा होगा. पूरा फर्श मार्बल का होगा और दस्तावेज दिखाते हैं कि सुनहरी उसका मुख्य रंग होगा. सूत्रों के मुताबिक अगले साल यह शुरू किया जा सकता है.
दस्तावेजों के मुताबिक कम से कम 30 ब्रैंड्स पहले ही इस मॉल में अपने शोरूम बनाने के लिए सहमति दे चुके हैं. इनमें लुई वुटॉन, टिफनी और डियोर जैसे अंतरराष्ट्रीय नाम शामिल हैं. केरिंग्स, गुची, वर्साचे, रिषमोंट्स, कार्टियर और हर्मीस भी सूची में शामिल हैं. किसी भी ब्रैंड ने इस बारे में सवाल का जवाब नहीं दिया कि रिलायंस से उनका क्या समझौता हुआ है.
बाजार पर नजर
जियो वर्ल्ड प्लाजा में आने वाले शोरूम दिखाते हैं कि भारत में बड़े ब्रैंड्स अपने विस्तार की वृहद योजनाओं पर काम कर रहे हैं. कंपनियों की वेबसाइट दिखाती हैं कि अब तक इनका विस्तार वैसा नहीं हो पाया है जैसी उम्मीद की जा रही थी. मसलन, दो दशक से भारत में होने के बावजूद लुई वुटान के देश में सिर्फ तीन स्टोर हैं. वर्साचे का तो एक ही है.
रिलायंस के मॉल में लुई वुटान का भारत में सबसे बड़ा शोरूम होगा. दस्तावेजों के मुताबिक इसका आकार 7,376 वर्गफुट होगा. आनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स के पंकज रंजन कहते हैं कि भारत में लग्जरी बाजार अभी इतना छोटा है कि ज्यादातर ब्रैंड्स रिलायंस के साथ साझेदारी को प्राथमिकता दे रहे हैं ताकि बाजार को समझ सकें और रिलायंस की पकड़ का फायदा उठाते हुए अपना खर्चा भी कम रख सकें.
यूरोमॉनिटर का अनुमान है कि पिछले साल भारत का लग्जरी बाजार 2.6 अरब डॉलर का था जो 2026 तक 12 प्रतिशत बढ़कर 4.7 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. इसकी तुलना में चीन में लग्जरी बाजार 2026 तक 107 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. वहां लुई वुटॉन को 60 और वर्साचे के 40 स्टोर हैं.
वीके/एए (रॉयटर्स)