कैसा होगा 2025
एक सर्वे में लोगों ने बताया कि अगले साल यानी 2025 में क्या-क्या हो सकता है. इस सर्वे से पता चलता है कि लोग पर्यावरण और आर्थिक मुद्दों को लेकर चिंतित हैं.
2025 में क्या होगा
सर्वेक्षण संस्था इप्सोस ने 33 देशों में 23,700 से ज्यादा लोगों से अगले साल की संभावनाओं पर सवाल किए. सर्वे में तकनीक, पर्यावरण और वैश्विक सुरक्षा जैसे मुद्दे शामिल थे. यह डेटा सिर्फ एक सर्वे पर आधारित है और इसमें विशेषज्ञों और विश्लेषकों की गहरी जानकारी शामिल नहीं है, लेकिन यह अलग-अलग देशों और क्षेत्रों के लोगों की सोच और भावना की झलक दिखाता है.
औसत वैश्विक तापमान बढ़ेगा (80%)
ज्यादातर लोग मानते हैं कि धरती का तापमान और बढ़ेगा. जलवायु परिवर्तन की चिंता सबसे ज्यादा है
दाम आमदनी से ज्यादा तेजी से बढ़ेंगे (79%)
महंगाई पर चिंता बनी हुई है. दो तिहाई से ज्यादा लोग मानते हैं कि खर्च आमदनी से ज्यादा तेजी से बढ़ेगा.
एआई कई नौकरियां लेगा (65%)
दो-तिहाई लोगों को लगता है कि एआई बहुत सारी नौकरियां खत्म कर देगा. तकनीक का असर नौकरियों पर साफ दिख रहा है.
ज्यादा लोग वर्चुअल दुनिया में रहेंगे (59%)
आधे से ज्यादा लोग मानते हैं कि लोग ऑनलाइन और वर्चुअल लाइफ ज्यादा जिएंगे. यानी अगले साल टेक्नोलॉजी का जिंदगी पर असर और बढ़ेगा.
एक नई महामारी फैल सकती है (47%)
लगभग आधे लोगों को लगता है कि एक नई महामारी आ सकती है. कोरोना की यादें अभी ताजा हैं और उसका डर भी बना हुआ है.
लोग ज्यादा सहिष्णु बनेंगे (33%)
सिर्फ एक-तिहाई लोगों को उम्मीद है कि हम एक-दूसरे को ज्यादा सहेंगे. समाज में एकता की कमी पर चिंता है और ज्यादातर लोगों को लगता है कि दुनिया में असहिष्णुता बढ़ेगी.
यूक्रेन युद्ध खत्म होगा (27%)
केवल एक चौथाई लोग मानते हैं कि यूक्रेन युद्ध 2025 में खत्म हो पाएगा. यह मसला अभी भी उलझा हुआ है और लोगों को डर है कि यह बढ़ सकता है.
मिडिल ईस्ट के झगड़े खत्म होंगे (22%)
सिर्फ 22 फीसदी लोगों को भरोसा है कि मिडिल ईस्ट के झगड़े सुलझेंगे. यह इलाका हमेशा से अशांत रहा है लेकिन शांति की उम्मीद 2025 में भी मंद है.