मौसमी आपदाओं से इस साल कितना नुकसान हुआ?
२८ दिसम्बर २०२१साल 2021 की 10 बड़ी मौसमी आपदाओं में 170 अरब डॉलर से ज्यादा का आर्थिक नुकसान हुआ है. ब्रिटेन की चैरिटेबल संस्था क्रिश्चियन ऐड के मुताबिक, ये आंकड़ा बीते साल के मुकाबले 20 अरब डॉलर बढ़ा है. क्रिश्चियन ऐड ने आगजनी, बाढ़, तूफान, सूखा और गर्म हवाओं जैसी मौसमी आपदाओं से हुए आर्थिक नुकसान के ये आंकड़े बीमा राशि के आधार पर गिने हैं. यानी असल आर्थिक नुकसान के आंकड़े इससे भी बड़े हैं. क्रिश्चियन ऐड का कहना है कि बढ़ती मौसमी आपदाएं इंसानी दखल से जलवायु में हो रहे परिवर्तनों को दिखाती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल की 10 बड़ी आपदाओं में 1075 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और 13 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं.
अमेरिका में हरिकेन
अमेरिका के पूर्वी हिस्से अगस्त 2021 में इडा हरिकेन से बुरी तरह प्रभावित हुए थे. ये इस साल की सबसे ज्यादा आर्थिक नुकसान करने वाली मौसमी आपदा थी, जिसमें करीब 65 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. हरिकेन इडा से न्यूयॉर्क शहर समेत आसपास के इलाके में पानी भर गया था और 95 लोगों की मौत हो गई थी. अमेरिका के ही टेक्सस प्रांत में फरवरी 2021 में सर्द तूफान आया था, जिसने बड़े स्तर पर बिजली का संकट पैदा कर दिया था. इससे करीब 23 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था.
जुलाई 2021 में मध्य और पश्चिमी यूरोप के कई हिस्सों में बाढ़ आई थी. अकेले जर्मनी में बाढ़ से 240 लोगों की मौत हुई थी और करीब 43 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था. इसी समय जर्मनी, फ्रांस, नीदरलैंड्स, बेल्जियम जैसे देशों में सामान्य से कहीं ज्यादा बारिश हुई थी. वैज्ञानिक वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी को इस बाढ़ का कराण मानते हैं.
एशिया में चक्रवात
एशिया में मौसमी आपदाओं से 24 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. मई 2021 में भारत और बांग्लादेश ने यास चक्रवात का सामना किया था. इससे कुछ ही दिनों में 3 अरब डॉलर का नुकसान हो गया था. इस आपदा की वजह से विस्थापन का बहुत बड़ा संकट खड़ा हो गया था. करीब 12 लाख लोगों को तटीय इलाकों से सुरक्षित इलाकों की ओर ले जाना पड़ा था.
चीन में आई बाढ़ ने 17.6 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान किया था. मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, बाढ़ से 302 लोगों की मौत भी हुई थी. हेनान प्रांत की राजधानी जेंगजाओ में सिर्फ तीन दिन में पूरे साल जितना पानी बरस गया था. भयंकर बाढ़ से यहां का भूमिगत यातायात जलमग्न हो गया था.
इसके अलावा कनाडा में भी बाढ़ से काफी नुकसान हुआ था. फ्रांस में शीतलहर से अंगूरों की फसल को भारी नुकसान पहुंचा था. इस रिपोर्ट ने माना है कि "जुटाए गए आंकड़ों का प्राथमिक आधार बीमा क्लेम की राशि के आंकड़े ही हैं. इसलिए बेहतर बीमा व्यवस्था वाले समृद्ध देशों के नुकसान का मोटामोटी अंदाजा लगाया जा सका है. पिछड़े देशों में हुए आर्थिक नुकसान का सही अंदाजा लगाना मुश्किल है. जैसे कि दक्षिण सूडान में, जहां 8 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए, लेकिन आंकड़ों में आर्थिक नुकसान स्पष्ट नहीं है."
रिपोर्ट के मुताबिक, मौसमी आपदाओं का बड़ा नुकसान पिछड़े देशों को सहना पड़ा है, जबकि जलवायु परिवर्तन में उनका नाममात्र योगदान है. लगभग हर साल चक्रवात और बाढ़ की मार सहने वाले बांग्लादेश में क्रिश्चियन ऐड की अधिकारी नुसरत चौधरी ने कहा कि साल 2022 में, खतरे की दहलीज पर खड़े देशों की ओर से आपदा में होने वाले नुकसान और तबाही का खर्च वहन करने के लिए नया फंड बनाने की मांग एक वैश्विक प्राथमिकता होनी चाहिए.
आरएस/एए (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन, एएफपी)