युद्ध के दौर में पहली विदेश यात्रा पर अमेरिका चले जेलेंस्की
२१ दिसम्बर २०२२जेलेंस्की ने कहा है कि यूक्रेन की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने और ज्यादा मदद के लिए दबाव बनाने की खातिर वो अमेरिका जा रहे हैं. बुधवार सुबह उन्होंने ट्वीट किया. "यूक्रेन की सहनशीलता और रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए अमेरिका जा रहा हूं." जेलेंस्की अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात करेंगे और अमेरिकी संसद में ज्यादा हथियारों की मांग करेंगे ताकि ऊर्जा संयंत्रों पर हो रहे रूसी हमले को रोका जा सके. रूसी हमलों की वजह से लाखों यूक्रेनवासियों को भयानक सर्दी में बगैर बिजली के दिन और रातें गुजारनी पड़ रही हैं.
पहली विदेश यात्रा
2019 में यूक्रेन के राष्ट्रपति बने जेलेंस्की ने यह जता दिया था कि यु्द्ध के दौर में वो अपने लोगों और जंग लड़ रहे सैनिकों के साथ खड़े रहेंगे. रूस ने जब हमला किया था तब अमेरिका ने जेलेंस्की को वहां से सुरक्षित निकालने का प्रस्ताव दिया था लेकिन तब जेलेंस्की ने कहा, "लड़ाई यहां है." रूस यूक्रेन पर हमले को "विशेष सैन्य अभियान" कहता है जो पड़ोसी देश को "नाजीवाद से मुक्त करने और असैन्य बनाने" के लिए उसने शुरू किया है.
यूक्रेन की सीमाओं पर सेना भेजने के बाद से ही जेलेंस्की ने दुनिया भर की दर्जनों संसदों, संस्थाओं और गैरलाभकारी संगठनों को वीडियो लिंक के जरिये संबोधित किया है. इसके साथ ही दुनिया भर के नेताओं के साथ सैकड़ों बार टेलिफोन पर बात की है.सर्दी का सामना करने के लिए यूक्रेन को 1 अरब यूरो की मदद
हालांकि युद्ध शुरु होने के बाद उनके किसी विदेशी दौरे की कोई जानकारी नहीं है. इस साल 19 फरवरी को वह म्युनिख सिक्योरिटी कांफ्रेंस में हिस्सा लेने आये थे इसके पांच दिन बाद ही रूस ने हमला कर दिया. जेलेंस्की की पत्नी ओलेना जेलेंस्का ने जुलाई में वाशिंगटन की यात्रा की थी. इस दौरान उन्होंने संसद को भी संबोधित किया. जेलेंस्का ने कई और देशों की यात्रा कर यूक्रेन के लिए मदद की गुहार लगाई है. इस यात्रा में उनके साथ जेलेंस्की के सहयोगी और मंत्री भी साथ रहे हैं.
यूक्रेन को आजाद कराने की शपथ
मंगलवार को जेलेंस्की ने पूर्वी सीमावर्ती शहर बाखमुट का अचानक दौरा किया था. युक्रेन युद्ध की सबसे भयानक लड़ाइयों में कुछ इस जगह ने देखी हैं. अपने चिर परिचित खाकी वर्दी में सैनिकों के बीच पहुंचे जेलेंस्की ने उन्हें मेडल दिये.
इसके उलट उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन ने युद्ध के समय में अपना ज्यादा वक्त क्रेमलिन के विशाल कमरों में ही बिताया है. मंगलवार को रूसी राष्ट्रपति के दफ्तर क्रेमलिन में पुतिन ने यूक्रेन के चार इलाकों में नियुक्त किये अपने नेताओं को मेडल दिये. रूस का कहना है कि उसने इन इलाकों को अपने पड़ोसी पर हमले के बाद अलग कर लिया है. यूक्रेन और उसके सहयोगी देश इसे जमीन पर अवैध कब्जे की संज्ञा देते हैं.
क्या क्रीमिया को वापस ले सकता है यूक्रेन
जेलेंस्की ने अपने देश को आजाद कराने की शपथ ली है भले ही इसकी चाहे जो कीमत चुकानी पड़े. मंगलवार की रात देश को संबोधित करते हुए उन्होंने एक बार फिर इसे दोहराया, "जिन नतीजों की उम्मीद सभी यूक्रेनवासियों ने लगा रखी है उसके लिए हम वो सब कुछ करेंगे जो मुमकिन और नामुमकिन है, जो अपेक्षित और अप्रत्याशित है, ताकि हमारे नायकों के पास वो सबकुछ हो जिसकी उन्हें जीत के लिए जरूरत है."
एनआर /सीके (रॉयटर्स)