महिला टीचर के डांस वीडियो पर मिस्र में छिड़ी नई बहस
१९ जनवरी २०२२बीते दिनों प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका 30 साल की आया यूसुफ का डांस वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके कारण उसके पति ने उसे तलाक दे दिया और उसकी नौकरी चली गई. इस कदम ने महिलाओं के अधिकारों के हनन पर एक नई बहस छेड़ दी है. मोबाइल द्वारा बनाए गए छोटे से इस वीडियो में यूसुफ स्कार्फ पहनी हुई हैं और पूरी बाजू की कमीज पहने नील नदी पर एक नाव पर अपने सहयोगियों के साथ नाचती और मुस्कुराती हुई दिखाई दे रही हैं.
लेकिन ऑनलाइन वायरल हो रहे इस वीडियो ने विवाद खड़ा कर दिया है. कुछ आलोचकों ने डांस को इस्लामी समाज के मूल्यों का उल्लंघन बताया है, जबकि अन्य लोगों ने महिलाओं के साथ सहानुभूति दिखाते हुए उसका साथ दिया है. हाल के सालों में मिस्र में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जिनमें महिलाओं को सोशल मीडिया पर बदनाम किया गया है. जिसके कारण जनता ने जिम्मेदार लोगों से जवाबदेही की मांग की है.
मौलिक अधिकार पर छिड़ी बहस
यह मामला ऐसे समय में आया है जब मौलिक अधिकार कार्यकर्ताओं ने 2014 में राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के पदभार संभालने के बाद से रूढ़िवादी उत्तर अफ्रीकी देश में अभिव्यक्ति की आजादी पर व्यापक कार्रवाई की चेतावनी दी है.
हाल ही में एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में महिला ने कहा, ''वह अपनी ट्रिप से खुश थीं और उनका डांस उस खुशी की अभिव्यक्ति था. मेरे साथ कुछ साथी डांस कर रहे थे और कुछ हवा में हाथ लहरा रहे थे. हम सब नाच रहे थे." जब से वीडियो को ऑनलाइन साझा किया गया है तब से कुछ लोगों ने इसकी कड़ी आलोचना की और इसे "अशोभनीय" व्यवहार बताया. सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर के एक यूजर जिहाद अल-कुलुबी ने टीचर के डांस को "शर्मनाक" कहा. एक अन्य यूजर अहमद अल-बहिरा ने लिखा कि एक "शादीशुदा महिला इतने बेहूदा तरीके से कैसे डांस कर सकती है."
लेकिन एक ऐसे देश में जहां 18 से 39 वर्ष की आयु की 90 प्रतिशत महिलाओं ने 2019 में उत्पीड़न की सूचना दी थी, उन्होंने महिला का समर्थन किया है. वीडियो के वायरल होने के बाद मिस्र के शिक्षा विभाग ने शिक्षिका को काहिरा के उत्तर-पूर्व में डकाहलिया क्षेत्र में एक अनुशासनात्मक समिति के सामने पेश होने का आदेश दिया था, जहां आया यूसुफ को नौकरी से निकाल दिया गया था. लेकिन उसके बाद से जनता के कड़े विरोध के चलते यूसुफ की नौकरी बहाल हो गई.
महिला के डांस पर देश में बहस
मिस्र में महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करने वाले एक संगठन के प्रमुख निहद अल-कुमसान ने शिक्षिका का बचाव किया और महिला शिक्षिका को नौकरी की पेशकश की. कुमसान ने मजाकिया लहजे में कहा, "हम अदालत से डांस के संबंध में सही नियमों पर जवाब मांगेंगे ताकि महिलाएं अपने भाइयों और बेटों की शादी या जन्मदिन पर इन नियमों के मुताबिक डांस कर सकें."
मिस्र की मशहूर अभिनेत्री सामिया अल-खशाब का कहना है कि इस तरह की प्रतिक्रिया समाज के दोहरे मानकों को दर्शाती है. उन्होंने सवाल किया कि पुरुष अपनी पत्नियों का समर्थन क्यों नहीं करते. उन्होंने आगे कहा, "कई महिलाएं हैं जो अपने पति का समर्थन करती हैं और बुरी स्थिति में या जेल जाने पर भी पत्नियां उनका साथ नहीं छोड़ती हैं."
आया यूसुफ ने मिस्र की अल-वतन अखबार को बताया कि वह नहीं जानती कि सोशल मीडिया पर वीडियो किसने पोस्ट किया, लेकिन वह उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना चाहती थी जिन्होंने बदनाम करने की कोशिश की थी. लेकिन यह पहली बार नहीं है जब ऑनलाइन बदनाम करने की घटना ने मिस्र में आक्रोश पैदा किया है.
पिछले साल एक 17 वर्षीय लड़की ने जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश करने के बाद जनवरी में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया था. लड़कों ने उसकी ऑनलाइन तस्वीरों में छेड़छाड़ करके उसे ब्लैकमेल करने की कोशिश की क्योंकि लड़की ने उनसे दोस्ती करने से इनकार कर दिया था.
जुलाई 2021 में दो महिलाओं को टिकटॉक पर अपने वीडियो पोस्ट करके सार्वजनिक नैतिकता का उल्लंघन करने के लिए मिस्र की एक अदालत ने 6 और 10 साल जेल की सजा सुनाई थी. वे मिस्र के दर्जनों सोशल मीडिया इंफ्लुएंसरों में से थीं जिन्हें 2020 में सामाजिक मूल्यों का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
एए/सीके (एएफपी)