अमेरिका में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले की निंदा
२१ मार्च २०२३लंदन में भारतीय उच्चायोग भवन में तिरंगे को हटाए जाने की घटना को लेकर हो रहा बवाल अभी शांत ही हुआ था कि अमेरिकी शहर सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तानी समर्थकों द्वारा हमला किए जाने का मामला सामने आया है. इस हमले के बाद अमेरिका ने एक बयान में कहा है कि यह "बिल्कुल अस्वीकार्य" है.
रविवार को सिख अलगाववादियों के समूह ने सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर अस्थायी पुलिस सुरक्षा घेरे को तोड़ा और उसके बाद दो तथाकथित खालिस्तानी झंडा लगा दिए. खालिस्तानी समर्थकों ने दूतावास की दीवार पर स्प्रे पेंट से फ्री अमृतपाल का नारा भी लिखा था. प्रदर्शनकारियों ने खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी भी की थी. अमृतपाल वही है जिसकी तलाश पंजाब पुलिस को है. वह खुद को खालिस्तानी समर्थक बताता है.
हमले का वीडियो वायरल
हमले के कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैकग्राउंड में तेज म्यूजिक बजने के साथ, वीडियो में एक बड़ी भीड़ को भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला करते हुए देखा जा सकता है, जहां दीवार पर फ्री अमृतपाल लिखते हुए स्प्रे-पेंट किया गया था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक कई वीडियो खुद हमलावरों द्वारा फिल्माए गए थे. जिसमें पुरुषों को खालिस्तानी झंडों वाले डंडों से वाणिज्य दूतावास की इमारत के कांच के दरवाजे और खिड़कियों पर हमले करते हुए देखा सकता है.
हालांकि दूतावास के कर्मचारियों ने तथाकथिक खालिस्तानी झंडों को जल्द ही हटा दिया था.
हमले के अगले दिन सोमवार को व्हाइट हाउस में रणनीतिक संचार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद समन्वयक जॉन किर्बी ने पत्रकार वार्ता में इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा, यह पूरी तरह से "अस्वीकार्य" है.
अमेरिका ने की हमले की निंदा
किर्बी ने कहा, "विदेश मंत्रालय की राजनयिक सुरक्षा सेवा स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर मामले को देख रही है." उन्होंने कहा, "मैं सैन फ्रांसिस्को पुलिस की तरफ से कुछ नहीं कह सकता, लेकिन मैं इतना कह सकता हूं कि उचित जांच के लिए राजनयिक सुरक्षा सेवा, स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही है. विदेश मंत्रालय नुकसान की भरपाई के लिए काम करेगा, लेकिन यह हमला बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है."
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हमले के लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय की जाएगी. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "अमेरिका रविवार को सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले की निंदा करता है. अमेरिका में राजनयिक केंद्रों पर हिंसा दंडनीय अपराध है."
विदेश मंत्रालय के दक्षिण व मध्य एशिया ब्यूरो ने कहा, "इन केंद्रों और उनमें काम करने वाले राजनयिकों की सुरक्षा करना हमारी प्राथमिकता है."
सैन फ्रांसिस्को में वाणिज्य दूतावास में तोड़फोड़ की घटना को लेकर भारत ने सोमवार को दिल्ली में अमेरिकी चार्ज डी अफेयर्स के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया था. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी सरकार को ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उचित उपाय करने के लिए कहा गया है.