'जबरन श्रम' पर शिनजियांग से आयात पर प्रतिबंध
२३ सितम्बर २०२०कारोबारियों के विरोध के बावजूद यह कानून प्रतिनिधि सभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया. शिनजियांग प्रांत में दस लाख उइगुर मुसलमानों को जबरन शिविरों में रखा गया है. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि वहां कायम शिविरों में कम से कम दस लाख उइगुर और अन्य अल्पसंख्यक मुसलमानों को रखा गया है. शिनजियांग उत्तर पश्चिमी चीन का एक सुदूर इलाका है जहां की मुख्य रूप से मुस्लिम आबादी को चीनी अधिकारियों के हाथों लंबे समय से प्रताड़ित किया जाता रहा है. हाल के सालों में इसमें रिएजुकेशन कैंपों में लंबे समय के लिए नजरबंदी भी शामिल हो गई है.
प्रतिनिधि सभा में कानून को पारित करते हुए सांसदों ने कहा कि वे ऐसा कर उइगुर समुदाय के प्रणालीगत जबरन श्रम को रोकने के लिए प्रयास कर रहे हैं. प्रतिनिधि सभा में उइगुर जबरन श्रम निवारण अधिनियम के पक्ष में 406 मत पड़े जबकि विरोध में 3. कई अमेरिकी कारोबारियों ने इस कदम का विरोध किया था. इस कानून को प्रभावी होने के पहले सीनेट से पास कराना जरूरी है.
अमेरिका और अन्य देश चीन पर लगातार दबाव बना रहे हैं ताकि वह जबरन श्रम शिविर पर कार्रवाई करे. अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की स्पीकर नेन्सी पेलोसी ने कहा, "दुख की बात है कि जबरन श्रम के उत्पाद अकसर अमेरिकी दुकानों और घरों में खपते हैं. हमें बीजिंग को स्पष्ट संदेश देना चाहिए. इस तरह के अत्याचार अब बंद होने चाहिए." अधिकार संगठन के एक शोध के मुताबिक अमेरिका में आने वाले 20 फीसदी से अधिक कपड़ों में इस्तेमाल हुआ कुछ ना कुछ धागा शिनजियांग प्रांत में तैयार होता है.
अमेरिका के चैंबर ऑफ कॉमर्स ने इस कानून की आलोचना की है, यह दावा करते हुए कि कानून जबरन श्रम द्वारा तैयार किए गए उत्पादों के आयात को रोकने के बजाय वैध व्यापार को प्रतिबंधित करेगा. अमेरिका के विदेश विभाग का कहना है कि वह देश की कंपनियों को इस बारे में जागरूक करेगा और प्रांत से आने वाले उत्पादों के बारे में जानकारी देगा.
एए/सीके (एएफपी, रॉयटर्स)
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