क्या अमेरिका है वेनेजुएला में तख्तापलट की कोशिशों के पीछे
१३ मई २०२०अमेरिकी कांग्रेस ने राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की सरकार से सवाल किया है कि वह वेनेजुएला में हो रही घुसपैठ की घटनाओं में अमेरिकी सरकार की भूमिका जल्दी से जल्दी साफ करे. कांग्रेस की विदेशी मामलों से जुड़ी समिति के प्रमुख और डेमोक्रैट नेता इलियट एंगल ने अपनी ट्विटर वॉल पर लिखा, "हमारे लिए यह जानना जरूरी है कि क्या अमेरिकी नागरिकों और कंपनियों ने अमेरिकी कानूनों को तोड़ा है. और क्या अमेरिकी सरकार में किसी को भी इसकी भनक थी.”
दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला के वामपंथी नेता और चुने हुए राष्ट्रपति निकोलास मादुरो को पद से हटाने की कोशिश करने के आरोप अमेरिका पर करीब एक साल से लग रहे हैं. करीब एक हफ्ते पहले मादुरो ने बताया था कि उनकी सेना ने 3-4 मई की मध्यरात्रि के बाद पानी के रास्ते देश में हुई एक घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया. इस कार्रवाई में आठ लोगों के मारे जाने और दो के पकड़े जाने की खबर आई. पकड़े गए लोगों में दो अमेरिकी नागरिकों के होने की पुष्टि उनके पासपोर्ट दिखा कर की गई.
मादुरो को हटाने की योजना
राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी सरकार में विदेश मंत्री माइक पोम्पेयो ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि इस पूरे मामले से अमेरिका का कुछ लेना देना नहीं है. लेकिन उसके बाद फ्लोरिडा की एक निजी जासूसी कंपनी के प्रमुख ने खुलेआम यह स्वीकार किया कि उसके पेशेवर अमेरिकी लड़ाके वेनेजुएला में मादुरो को हटाने की योजना पर काम कर रहे थे.
वेनेजुएला में विपक्ष के नेता और अंतरिम राष्ट्रपति खुआन गुआइदो के उन दो सलाहकारों ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिन पर मादुरो ने इन पेशेवर लड़ाकों से जुड़े होने का आरोप लगाया था. एंगल ने कहा है, "उन सभी निजी सिक्योरिटी कॉन्ट्रैक्टर्स की जानकारी जाहिर की जानी चाहिए जिन्होंने अमेरिका में वेनेजुएला पर छापे से जुड़ी बैठकें कीं. और यह भी कि क्या ट्रंप प्रशासन को इन मुलाकातों की जानकारी थी.”
गुआइदो को अमेरिका समेत दुनिया के 50 अन्य देश भी वेनेजुएला के अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में मान्यता देते हैं. ट्रंप के साथ लगभग सभी मुद्दों पर असहमत होने वाले अमेरिकी कांग्रेस के डेमोक्रैट्स भी मादुरो का साफ तौर पर विरोध करते हैं. वे भी वेनेजुएला में 2018 के राष्ट्रपति चुनावों में मादुरो के फिर से चुने जाने को व्यापक तौर पर हुई धोखाधड़ी का नतीजा मानते हैं. देश की अर्थव्यस्था बेहद कमजोर हालत में हैं और लाखों लोग इसके चलते देश छोड़ कर भागने को मजबूर हुए हैं.
गुआइदो को अमेरिका तो मादुरो को सेना का साथ
भले ही गुआइदो को अमेरिका जैसे देशों ने मान्यता दी हुई है लेकिन वेनेजुएला की शक्तिशाली सेना मादुरो के साथ है. इन कार्रवाई में दो अमेरिकियों समेत कुल 45 लोग पकड़े गए. पकड़े गए दो अमेरिकियों की पहचान 34 वर्षीय पूर्व सैनिक लूक डेनमान और 41 वर्षीय एरन बैरी के तौर पर हुई है. वेनेजुएला में इन्हें जेल में डाल दिया गया है और "आतंकवाद, साजिश, हथियारों की अवैध तस्करी और युद्ध व (आपराधिक) संबंध होने के आरोप जड़े गए हैं." आरोप सिद्ध होने पर इन्हें 25 से 30 साल तक की जेल की सजा हो सकती है.
वेनेजुएला के एटॉर्नी जनरल के कार्यालय से सूचना मिली है कि वे गुआइदो के उन दोनों सलाहकारों के लिए अंतरराष्ट्रीय अरेस्ट वारंट निकलवाना चाहते हैं जिन्होंने सिल्वरकॉर्प यूएसए नाम की प्राइवेट सिक्योरिटी कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन किए थे. एटॉर्नी जनरल तारेक विलियम साब ने सिक्योरिटी कंपनी के संस्थापक जॉर्डन गूड्रेऊ के लिए भी अरेस्ट वारंट निकालने का आवेदन किया है.
देश की बदहाली की जिम्मेदारी कौन ले
पद से इस्तीफा दे चुके नेताओं में से एक खुआन खोजे रेन्डॉन ने सीएनएन के साथ बातचीत में माना कि उन्होंने इस कंपनी के साथ कॉन्ट्रेक्ट साइन किया था लेकिन उसका मकसद ”जानकारी जुटाना” था और वेनेजुएला में ऐसे किसी ऑपरेशन के लिए हरी झंडी नहीं दिखाई गई थी. उन्होंने साफ किया कि गुआइदो का इससे कोई संबंध नहीं था. रेन्डॉन ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि मादुरो सरकार कॉन्ट्रैक्ट की बात को "गलत तरीके से पेश" कर रही है ताकि देश की आर्थिक बदहाली को लेकर हो रही उनकी आलोचना से उन्हें इस "मनगढ़ंत कहानी से राहत” मिल सके. गुआइदो ने भी प्रशासन पर उन्हें गिरफ्तार करने के बहाने तलाशने का आरोप लगाया और ऐसे कोई कॉन्ट्रैक्ट साइन करने से इंकार किया है.
कई सालों से देश गंभीर राजनैतिक और आर्थिक संकट झेल रहा है. मादुरो की सोशलिस्ट सरकार और जनवरी 2019 से ‘स्वघोषित' राष्ट्रपति गुआइदो के नेतृत्व में विपक्ष के बीच सत्ता को लेकर संघर्ष भी जारी है. तेल के मामले में धनी होते हुए भी देश में गरीबी और भूख का बोलबाला है. कोरोना वायरस के कारण पैदा हुई महामारी ने वेनेजुएला की हालत और पस्त कर दी है. ऐसे कठिन समय में सरकार के खिलाफ जनता का गुस्सा उबाल ले ही रहा था कि मादुरो सरकार ने फिलहाल सबका ध्यान देश के आंतरिक मामलों में दखल डालने की अमेरिका की पुरानी आदत की ओर मोड़ने की कोशिश है.
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