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ट्वीट्स से बनी तस्करी पर फिल्म

२९ जून २०२१

इस हफ्ते एक ऐसी फिल्म रिलीज हो रही है जो सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर किए गए कई ट्वीट्स पर आधारित है. 148 ट्वीट्स में एक यौनकर्मी द्वारा बताए गए अनुभवों को फिल्म का रूप दिया गया है.

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तस्वीर: Everett Collection/picture alliance

एक महिला ने 2015 में अमेरिका के फ्लोरिडा में यौन तस्करी को लेकर अपने अनुभवों को ट्विटर पर लिखा था, जिसे अब एक फिल्म का रूप दिया गया है. इस फिल्म का नाम है जोला.

जोला की कहानी आजिया जोला किंग के 148 ट्वीट्स की एक सीरीज पर आधारित है. ये ट्वीट बाद में एक लेख के रूप में रोलिंग स्टोन पत्रिका में भी छपे थे. कहानी डेट्रॉयट में रेस्तरां में काम करने के साथ-साथ उत्तेजक डांस करने वाली जोला की है, जिसका ग्राहक स्टेफनी उसे एक सप्ताहांत के लिए फ्लोरिडा घूमने जाने को तैयार कर लेता है.

लेकिन यह यात्रा उसके लिए एक भयानक अनुभव साबित हुई क्योंकि जोला को पता चला कि वह महिलाओं की दलाली करने वाले व्यक्ति के साथ यात्रा कर रही है, जिसकी मंशाएं खतरनाक हैं.

एक इंटरव्यू में किंग ने बताया, "मैं यौन कर्म करती हूं और ऐसा करने में मुझे पूरा अत्मविश्वास है. लेकिन यहां फर्क ये था कि मुझे ऐसे हालात में धकेला जा रहा था जहां बात यौनकर्म के लिए तस्करी में बदल गई थी.”

ऐसे बनी कहानी

किंग ने अपने उस अनुभव को एक सिलसिले के रूप में ट्विटर पर लिखा. ट्वीट्स के उस सिलसिले ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया और #TheStory नाम से एक हैश टैग ट्रेंड होने लगा. किंग ने अपने ट्वीट्स में कुछ लोगों के नाम भी लिए थे, जिन्होंने घटनाओं के ब्यौरे पर असहमति जताई.

बड़े पर्दे पर अपनी जिंदगी को दोहराया जाता देखने के बाद फिल्म की निर्माता किंग कहती हैं, "उस अनुभव पर अब मुझे कुछ भी महसूस नहीं होता. अब मैं एकदम अलग इन्सान हूं. एक अलग मुकाम पर हूं. अब जब मैं वह फिल्म देखती हूं तो मैं इसके कलात्मक पक्ष का आनंद लेती हूं, जो बहुत अलग-अलग मुद्दों पर बात करती है. यह यौनकर्म पर बात करती है, नस्लवाद पर बात करती है, नारीवाद पर बात करती है.”

फिल्म में जोला का किरदार अदाकारा टाइलर पेज ने निभाया है जो इससे पहले ‘मा रेनीज ब्लैक बॉटम' जैसी चर्चित फिल्म कर चुकी हैं. दलाल के रूप में स्टेफानी का किरदार मैड मैक्स और अर्थक्वेक बर्ड में नजर आ चुके राइली कीफ ने निभाया है.

पेज कहती हैं कि वह फिल्म में अपने किरदार को लेकर शुरुआत में कुछ तनाव में थीं. उन्होंने कहा, "मुझे कुछ तनाव तो था क्योंकि मुझे जोला के साथ ज्यादा वक्त बिताने का मौका नहीं मिला था. लेकिन (निर्देशक) यानित्सा (ब्रावो) ने मुझसे कहा कि यह घटनाओं का बढ़ा-चढ़ाकर किया हुआ वर्णन है. यह एक अवधारणा की व्याख्या की भी व्याख्या है.”

यौन तस्करी की गंभीरता

पूरी दुनिया में यौनकर्म के लिए महिलाओं की तस्करी एक गंभीर समस्या बनी हुई है. संयुक्त राष्ट्र ने 2019 की एक रिपोर्ट में कहा था, "तस्करों और अपराधियों द्वारा प्रवासन मार्गों, हिरासत केंद्रों, जेलों और शहरी प्रवासियों के खिलाफ उग्रवादियों और सशस्त्र समूहों द्वारा यौन हिंसा जारी है." संयुक्त राष्ट्र ने पिछले साल यौन अपराधों से निपटने के लिए सुरक्षा अधिकारियों को तैनात करने का फैसला किया था. लेकिन उन्हें अभी तक भर्ती भी नहीं किया गया है.

हाल ही में पकड़े गए कई मामलों से आशंका जन्मी है कि एशिया महिलाओं की यौनकर्म के लिए तस्करी का केंद्र बनता जा रहा है. हाल के दिनों में पुलिस ने कई ऐसे मामले पकड़े हैं जबकि महिलाओं की तस्करी करने वाले गिरोह एशिया के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय थे. मार्च में फिलीपींस में आप्रवासन अधिकारियों पर 44 महिलाओं को सीरिया में बेच देने के आरोप लगे थे. संसद की सीनेट द्वारा की गई जांच में पता चला था कि नौकरी का झूठा वादा कर महिलाओं को पर्यटक वीजा पर फिलीपींस से दुबई भेजा गया. 30 दिनों के बाद जब वीजा की समय-सीमा खत्म हो गई तब उन्हें जबरन सीरिया की राजधानी दमिश्क भेज दिया गया. वहां उन्हें 10,000 डॉलर तक की कीमत में बेच दिया गया.

हाल ही में नेपाल की सरकार ने महिलाओं को तस्करी से बचाने के लिए एक नए कानून का प्रस्ताव पेश किया था जिसमें 40 साल से कम उम्र की विदेश जाने वाली इन महिलाओं को अपने परिवार और स्थानीय वॉर्ड कार्यालय से सहमति लेनी होगी. अधिकारियों का कहना है कि कमजोर तबके की नेपाली महिलाओं को मानव तस्करी का शिकार होने से बचाने के लिए इस कानून की जरूरत है.

वीके/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)

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