पाकिस्तान: इलेक्ट्रिक कारों की ओर रुख करते लोग
२९ नवम्बर २०२१पाकिस्तानी कारोबारी नवाबजादा कलामुल्लाह खान लंबे समय से अपनी पेट्रोल से चलनी वाली कारों को बेचकर इलेक्ट्रिक कारें खरीदना चाहते थे. लेकिन इलेक्ट्रिक कारों की ऊंची कीमत की वजह से वे यह फैसला नहीं कर पाए. इसी साल जुलाई में पाकिस्तान सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के आयात पर लगने वाले टैक्स में कमी की थी.
इस ऐलान के बाद 29 वर्षीय कारोबारी ने दो इलेक्ट्रिक गाड़ियों का ऑर्डर दिया. खान के मुताबिक, ''बढ़ते प्रदूषण के कारण पर्यावरण के अनुकूल वाहन खरीदने के बारे में सोचना होगा और हमने यही किया है.' खान कहते हैं कि उनके इलेक्ट्रिक वाहन की कीमत पेट्रोल से चलने वाले वाहन से पांच गुना कम होगी.
गंभीर प्रदूषण में घिरा है पाकिस्तान
पाकिस्तान के प्रमुख शहर गंभीर पर्यावरण प्रदूषण से ग्रस्त हैं. हाल ही में लाहौर को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया गया था. अधिकारियों के मुताबिक पंजाब में 40 फीसदी वायु प्रदूषण वाहनों से होता है. दो साल पहले पाकिस्तान ने हरित नीति की घोषणा की थी. इस नीति के तहत पाकिस्तान चाहता है कि 2030 तक 30 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन सड़कों पर चलें और 2040 तक 90 फीसदी गाड़ियां इलेक्ट्रिक हों. यह तभी संभव है जब इलेक्ट्रिक वाहन आम नागरिकों की पहुंच के भीतर हों. सरकार ने इसलिए इलेक्ट्रिक वाहनों और उनके स्पेयर पार्ट्स पर शुल्क में काफी कमी की है.
कर में कटौती
सरकार के इंजीनियर डेवलपमेंट बोर्ड के महाप्रबंधक असीम अयाज के मुताबिक, "पाकिस्तान में बनने वाले वाहनों पर लगने वाले 17 फीसदी टैक्स को लगभग शून्य कर दिया गया है. वहीं आयातित वाहनों पर शुल्क एक साल के लिए 25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है.
पाकिस्तान इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ऐंड पार्ट्स मैन्युफैक्चरर्स ऐंड ट्रेडर्स एसोसिएशन के महासचिव शौकत कुरैशी कहते हैं कि नए कर कटौती से आयातित छोटे इलेक्ट्रिक वाहनों पर उपभोक्ताओं को पांच लाख रुपये तक की बचत हो सकती है. शौकत कुरैशी का कहना है एसोसिएशन के कई सदस्यों ने इलेक्ट्रिक वाहनों का ऑर्डर दिया है.
कार कंपनी जिया इलेक्ट्रोमोटिव के सीईओ शौकत कुरैशी ने चीन से 100 छोटे इलेक्ट्रिक वाहनों का ऑर्डर दिया है और भविष्य में वह हर महीने 100 वाहन आयात करना चाहते हैं.
दुनिया के अन्य देशों की तरह पाकिस्तानी अभी भी इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हैं. इन वाहनों की उच्च लागत, चार्जिंग सुविधाओं की कमी और उनके भविष्य के बारे में अनिश्चितता कुछ ऐसे कारण हैं जो लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए अनिच्छुक बनाते हैं, हालांकि वाहन चार्जिंग ईकाइयां अभी भी एक समस्या हैं. बड़े शहरों में कुछ ही जगहों पर चार्जिंग स्टेशन हैं.
एए/वीके (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)