2016 में हुए सबसे ज्यादा आत्मघाती हमले
९ जनवरी २०१७इस्राएली इंस्टिट्यूट फॉर नेशनल सिक्योरिटी स्टडीज ने आत्मघाती हमलों में मारे जाने वाले लोगों का आंकड़ा जमा किया है. इसके मुताबिक 28 देशों में लगभग 800 लोगों ने 469 आत्मघाती हमलों को अंजाम दिया. इनमें से 44 हमले महिलाओं ने किए.
2016 में 70 फीसदी आत्मघाती हमले ऐसे थे जिनके साथ आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा था. पिछले साल के दौरान होने वाले हमलों में से ज्यादातर मध्य पूर्व में हुए. अकेले इराक ने 146 आत्मघाती हमले झेले.
यह भी देखिए, सबसे असुरक्षित एयरलाइंस
इससे पहले, 2015 के दौरान दुनिया भर में होने वाले आत्मघाती हमलों की संख्या 452 रही जिनमें कुल 4,330 लोग मारे गए. तेल अवीव स्थित इस्राएली इंस्टिट्यूट फॉर नेशनल सिक्योरिटी स्टडीज ने एक बयान में कहा है, "ऐसा लगता है कि इस्लामिक स्टेट के लिए आत्मघाती हमले एक अहम हथियार बने रहेंगे. उसे लगता है कि इनके जरिए वह अपने दुश्मनों को परेशान कर सकता है और यह संदेश दे सकता है कि उस पर विजय नहीं पाई जा सकती. आत्मघाती हमलों को अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों का बदला देने के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है."
यह संस्थान उन्हीं हमलों को दर्ज करता है जिनकी पुष्टि कम से कम दो सूत्रों से हुई. ऐसे कई हमले हुए हैं जिनकी जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने कबूली लेकिन अन्य सूत्रों से पुष्टि न होने की वजह से उन्हें नहीं गिना गया. 2016 में सबसे ज्यादा आत्मघाती हमले करने के मामले में इस्लामिक स्टेट के बाद अफ्रीका में सक्रिय बोको हराम का नंबर आता है. उसने 53 आत्मघाती हमले कराए. इसके बाद टॉप 5 में तालिबान, अल शबाब और अल कायदा का नंबर आता है.
जानिए, 2016 में गूगल पर कौन सी एक्ट्रेस सबसे ज्यादा खोजी गईं
मध्य पूर्व में होने वाले आत्मघाती हमलों की तादाद में एक साल के भीतर 45 प्रतिशत का इजाफा हुआ. वहां 2015 में 207 आत्मघाती हमले हुए जिनकी संख्या 2016 में बढ़कर 298 हो गई. इनमें मरने वालों का तादाद भी 2,294 से बढ़कर 3,915 हो गई. युद्ध से तबाह सीरिया में भी आत्मघाती हमलों में 38 फीसदी की वृद्धि हुई. सीरिया में 2016 में 55 आत्मघाती हमले हुए जबकि 2015 में इनकी तादाद 40 थी.
एके/वीके (डीपीए)