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समाज

जर्मन पुलिस के खिलाफ क्यों भड़के दंगे

२२ जून २०२०

जर्मनी के श्टुटगार्ट शहर में इस वीकेंड पर पुलिस की कार्रवाई के विरोध में सैकड़ों लोगों ने न केवल पुलिस पर गंभीर हमले किए बल्कि दर्जनों दुकानों में तोड़फोड़ और लूट भी मचाई.

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दर्जनों दुकानों में तोड़फोड़ की गई और सामान भी लूटा गया.
दर्जनों दुकानों में तोड़फोड़ की गई और सामान भी लूटा गया.तस्वीर: DW/R. Staudenmaier

जर्मनी के श्टुटगार्ट शहर की पुलिस ने बताया है कि वीकेंड पर हुई इस हिंसक वारदात में 19 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और इस सिलसिले में 24 लोग हिरासत में लिए गए हैं. शनिवार देर रात को पुलिस की रूटीन कार्रवाई के दौरान शुरु हुई हिंसा को पूरी तरह शांत होते होते रविवार की सुबह हो गई. पुलिस ने जानकारी दी है कि इस घटना में बाजार की कम से कम 40 दुकानों में तोड़फोड़ हुई है और नौ दुकानों में लूटपाट की गई.

पुलिस को खुद भी काफी नुकसान पहुंचा है. पुलिसकर्मियों पर हमला करने के अलावा उपद्रवियों ने पुलिस की 12 गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया. प्रेस कांफ्रेस कर पुलिस ने बताया कि इस हिंसा के पीछे कोई राजनैतिक मंशा नहीं लगती है.

ड्रग्स को लेकर पुलिस छापे से हुए नाराज

इसकी शुरुआत तब हुई जब शनिवार रात 11-11:30 बजे के आसपास सिटी सेंटर में पार्टी करने जुटे लोगों की भीड़ में से एक 17 साल के लड़के को पुलिस ने ड्रग्स रखने के संदेह में रोका और प्राथमिक हिरासत में लिया. यह पुलिस की नियमित जांच का हिस्सा होता है. लेकिन उस किशोर से एकजुटता दिखाते हुए वहां बड़ी संख्या में मौजूद लोग इसका विरोध करने लगे.

शहर की पुलिस अपनी नियमित गश्त पर थी जब उनसे ड्रग्स के संदेह में एक किशोर को रोका.
शहर की पुलिस अपनी नियमित गश्त पर थी जब उनसे ड्रग्स के संदेह में एक किशोर को रोका.तस्वीर: picture-alliance/dpa/C. Schmidt

पहले तो वहां मौजूद लोगों ने आसपास से पत्थर उठाकर पुलिस पर फेंकने शुरु किए. फिर कुछ लोगों ने और पास आकर पुलिस की ओर शराब की बोतलें भी फेंकी. इस झड़प की खबर और फैली तो जल्दी ही वहां आसपास से सैकड़ों लोग इकट्ठे हो गए. हिंसक भीड़ का सामना करने के लिए पुलिस को भी करीब 300 अधिकारियों को तैनात करना पड़ा, जिसमें केंद्रीय पुलिस बल के लोग भी शामिल थे. 

कौन थे हमलावर

जिस 17 वर्षीय किशोर को सबसे पहले पुलिस ने जांच के लिए रोका था वह एक श्वेत जर्मन नागरिक था. लेकिन हिंसा में शामिल होने के संदेह में जो 24 लोग हिरासत में लिए गए हैं, उनमें आधे जर्मन नागरिक हैं जबकि बाकी आधे गैर-जर्मन हैं.

श्टुटगार्ट शहर के मेयर फ्रित्स कून ने कहा है कि पुलिस पर हुए ऐसे हमले बिल्कुल "बर्दाश्त नहीं” किए जा सकते. पर्यावरण-समर्थक ग्रीन पार्टी के सदस्य कूद ने बताया कि शनिवार रात होने के कारण आम दिनों से ज्यादा लोगों की भीड़ शहर की सड़कों पर मौजूद थी. कोरोना वायरस की महामारी के कारण अभी भी जर्मनी में क्लबों और डिस्को को खोलने की अनुमति नहीं है. कून ने बताया कि वीकेंड पर पार्टी करने के इच्छुक कई लोग इसी वजह से शहर के सेंट्रल पार्क में इकट्ठे हुए थे.

टास्क फोर्स को और सबूतों की दरकार

इस तरह से प्रतिक्रिया देने की वजह पर मेयर कून ने कहा, "शराब एक कारण रहा होगा और दूसरा सोशल मीडिया की फिल्म क्लिप हो सकती है.” इस घटना की कई वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर आई हैं. पुलिस ने घटना की जांच के लिए एक विशेष टास्क फोर्स गठित कर दी है और प्रत्यक्षदर्शियों से अपील की है कि वे उनसे ऐसे वीडियो शेयर करें जिससे जांच में मदद मिल सके. शहर के पुलिस प्रमुख फ्रांत्स लुत्स ने इन दंगों को "पूरे शहर पर हमला" बताया है और कहा कि अपने 46 साल के करियर में उन्होंने ऐसा कभी नहीं देखा था.

आरपी/सीके (एपी, डीपीए)

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