स्पेन में देह व्यापार बैन करेगी सरकार
१८ अक्टूबर २०२१स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने कहा है कि वह देश से वेश्यावृत्ति को खत्म करना चाहते हैं क्योंकि यह महिलाओं को गुलाम बनाती है.
अपनी सोशलिस्ट पार्टी के तीन दिवसीय सम्मेलन की समाप्ति के मौके पर वामपंथी नेता सांचेज ने अपनी सरकार की नीतियों को गिनवाते हुए कहा कि इन कदमों ने स्पेन को आगे बढ़ने में मदद की है. उन्होंने घरेलू हिंसा और न्यूनतम मजदूरी के संबंध में लाए गए कानूनों का जिक्र किया.
स्पेन में वेश्यावृत्ति
वैलेन्सिया शहर में हुए सम्मेलन में सांचेज ने कहा, "इस सम्मलेन से एक प्रतिबद्धता उभर रही है, जिसे मैं लागू करूंगा. हम महिलाओं को गुलाम बनाने वाली वेश्यावृत्ति को खत्म करेंगे.”
स्पेन में वेश्यावृत्ति के पेशे को लेकर किसी तरह के नियम नहीं हैं. हालांकि यौन उत्पीड़न और महिलाओं की दलाली अपराध है. लेकिन अपनी मर्जी से धन के बदले यौन सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए कोई सजा मुकर्रर नहीं है और कानून मानव तस्करी पर केंद्रित हैं.
स्पेन में यौनकर्म नियमित पेशा तो नहीं है, लेकिन देश में बड़ी संख्या में वेश्यालय हैं. ज्यादातर वेश्यालय होटलों या लॉज आदि से चलते हैं. 2009 में एक सर्वेक्षण हुआ था, जिसमें 30 प्रतिशत पुरुषों ने कहा था कि उन्होंने कम से कम एक बार पैसे देकर सेक्स किया है. यह सर्वेक्षण सरकारी संस्था सोशल इन्वेस्टिगेशन सेंटर ने किया था.
स्पेन में देह व्यापार
स्पेन में देह व्यापार का विस्तार इतना बड़ा है कि 2011 में संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के बाद इसे ‘यूरोप का वेश्यालय' कहा गया था. यूएन की उस रिपोर्ट में स्पेन को थाईलैंड और प्युएर्टो रीको के बाद दुनिया में सेक्स का तीसरा सबसे बड़ा बाजार बताया गया था.
देखिए, गुलामी के भंवर में भारतीय
1995 में स्पेन ने देह व्यापार को वैध बना दिया था जिसके बाद यह बाजार लगातार बड़ा होता गया है. गार्डियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्पेन का घरेलू यौन व्यापार 26.5 अरब डॉलर का हो सकता है. इस पेशे में तीन लाख लोग काम करते हैं.
इस क्षेत्र में काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि कानून को लेकर ऊहापोह की स्थिति के कारण यौनकर्म में तस्करी कर लाई गई महिलाओं की संख्या बढ़ी है.
पेड्रो सांचेज पिछले साल जनवरी में प्रधानमंत्री बने थे जब उनकी पार्टी ने लगातार दूसरी बार चुनाव जीता था. हालांकि उन्हें बहुमत नहीं मिल पाया था. अप्रैल 2019 में पार्टी ने महिलाओं को केंद्र में रखकर अपना घोषणापत्र जारी किया था और उसी पर चुनाव लड़ा था. इस घोषणापत्र में वेश्यावृत्ति को गैरकानूनी बनाने की बात कही गई थी, जिसे महिला मतदाताओं को लुभाने के कदम के तौर पर देखा गया था.
घोषणापत्र में यौन कर्म को ‘गरीबी के अकाल का सबसे क्रूर पहलू और महिलाओं के खिलाफ हिंसा का सबसे बुरा तरीका' बताया गया था.
रिपोर्टः विवेक कुमार (एएफपी)