अफ्रीका: कोरोना के नए वेरिएंट ने बढ़ाई वैज्ञानिकों की चिंता
३१ अगस्त २०२१दक्षिण अफ्रीका के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज (NICD) ने सोमवार को इस नए वेरिएंट के बारे में बताया है. इस वेरिएंट का नाम सी.1.2 (C.1.2) है और पिछले हफ्ते क्वाजुलु नैटल रिसर्च इनोवेशन ऐंड सीक्वेंसिंग प्लैटफॉर्म ने इसको लेकर पूर्व प्रकाशित स्टडी में चेताया था, जिसकी अभी समीक्षा की जानी बाकी है.
दक्षिण अफ्रीका के अधिकांश कोरोना वायरस मामले वर्तमान में डेल्टा संस्करण के कारण हो रहे हैं जिसका पहली बार भारत में पता चला था. C.1.2 वेरिएंट ने वैज्ञानिकों का ध्यान आकर्षित इसलिए किया क्योंकि दुनिया भर में मिले वेरिएंट्स की तुलना में इसमें लगभग दोगुना तेजी से म्यूटेशेन हुआ है. यह दक्षिण अफ्रीका में पहली लहर के दौरान सामने आए वेरिएंट C.1 से निकलकर ही बना है.
नए वेरिएंट का पता पहली बार मई में चला था, शोध में पाया गया है कि दक्षिण अफ्रीका में C.1.2 के जीनोम हर महीने बढ़ रहे हैं. यह मई में 0.2 प्रतिशत से बढ़कर जून में 1.6 प्रतिशत हो गया और जुलाई में यह दो प्रतिशत हो गया.
एनआईसीडी के वैज्ञानिकों ने सोमवार को कहा कि C.1.2 केवल "बहुत निम्न स्तरों पर मौजूद" था और यह भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी कि यह कैसे विकसित हो सकता है.
नए वेरिएंट से बचाएगा टीका?
एनआईसीडी के शोधकर्ता पेनी मूर कहती हैं, "इस स्तर पर हमारे पास यह पुष्टि करने के लिए प्रयोगात्मक डेटा नहीं है कि यह एंटीबॉडी के प्रति संवेदनशीलता के संदर्भ में कैसे प्रतिक्रिया देता है." वे आगे कहती हैं, लेकिन "हमें पूरा विश्वास है कि दक्षिण अफ्रीका में जो टीके लगाए जा रहे हैं, वे हमें गंभीर बीमारी और मौत से बचाते रहेंगे."
अब तक C.1.2 दक्षिण अफ्रीका के सभी नौ प्रांतों के साथ-साथ चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड और ब्रिटेन सहित दुनिया के अन्य हिस्सों में पाया गया है.
तेजी से हो रहा बदलाव
हालांकि इस वेरिएंट की फ्रीक्वेंसी इतनी नहीं है कि यह "चिंता के स्वरूपों या रुचि के स्वरूपों" के लिए योग्यता हासिल कर पाए. जैसे कि अधिक संक्रामक डेल्टा और बीटा वेरिएंट्स में देखने को मिला. ये दोनों वेरिएंट्स अफ्रीका में पिछले साल के आखिर में पाए गए थे.
दक्षिण अफ्रीका अब तक 27 लाख मामलों के साथ महाद्वीप का सबसे ज्यादा प्रभावित देश है, कोरोना के कारण दक्षिण अफ्रीका में 81,830 लोग मारे जा चुके हैं. अब एक नए वेरिएंट ने वैज्ञानिकों के लिए नई चिंता पैदा कर दी है. C.1.2 में 44-59 के बीच बदलाव आए हैं जो कि वुहान में मिले वायरस से कहीं अधिक है.
एए/वीके (एएफपी, एपी)