अकाल संकट: भूख से मर सकते हैं लाखों
१५ अप्रैल २०२२सोमालिया अभी भी लगातार सूखे से पीड़ित है, लेकिन वर्तमान में दशक के सबसे खराब सूखे का सामना कर रहा है. इसके पड़ोसी इथियोपिया और केन्या भी प्रभावित हुए हैं. विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने कहा है कि सोमालिया के 60 लाख लोगों को निकट भविष्य में खाद्य समर्थन की जरूरत पड़ेगी. देश में यूक्रेन युद्ध से पहले ही खाने-पीने की चीजों की कीमतें 10 साल के उच्चतम स्तर पर थीं, इसका कारण वैश्विक खाद्य संकट बताया जा रहा.
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियां विश्व खाद्य कार्यक्रम, खाद्य और कृषि एजेंसी (एफएओ), मानवीय सहायता एजेंसी ओसीएचए और यूनिसेफ के अधिकारियों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि बढ़ती जरूरत के कारण सहायता कम हो रही है और कई प्रभावित सोमालियाई चुनौतियों का सामना करने में असमर्थ हैं.यूक्रेन युद्ध: और बिगड़ सकता है यमन का खाद्य संकट
विश्व खाद्य कार्यक्रम के सोमालिया प्रतिनिधि अल-खिदिर दलौम ने कहा, "वास्तव में स्थिति ऐसी है कि हम भूखे और भूखे लोगों को खिलाने के बारे में सोच रहे हैं. लाखों लोगों का जीवन खतरे में है."
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल बारिश के मौसम में पूर्वी अफ्रीका में बारिश कम हुई है. इसके अलावा, अनाज की बढ़ती कीमतों और अनाज की आपूर्ति पर यूक्रेन में संघर्ष के प्रभाव से खाद्य की कमी में तेजी से वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि सोमालिया के छह क्षेत्रों को अकाल पीड़ित के रूप में देखा जा रहा है.
देश की लगभग 40 फीसदी आबादी या लगभग 60 लाख लोग गंभीर भोजन की कमी से पीड़ित हैं. सहायता एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि अकाल से सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित होंगे. अकेले इस साल करीब 14 लाख बच्चे गंभीर कुपोषण का सामना कर रहे हैं. उनमें से एक चौथाई भूख से मर सकते हैं.43 देशों के 4.5 करोड़ लोग अकाल के कगार पर
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, सोमालिया में अकाल संकट से उबरने के लिए आवश्यक डेढ़ अरब डॉलर में से सिर्फ चार फीसदी ही धन हासिल किया जा सका है.
2011 के अकाल के कारण सोमालिया में 2,60,000 लोग मारे भूख या भूख से संबंधित विकारों से मारे गए थे. जिनमें से आधे छह साल से कम उम्र के बच्चे थे.मजदूरों को भूख से बचाने के लिए तालिबान की नई योजना
एए/सीके (एएफपी, एपी, रॉयटर्स)