10 हजार करोड़ डॉलर की विदेशी कंपनियों के प्रमुख हैं भारतीय
एचएसबीसी हुरुन ग्लोबल इंडियंस लिस्ट में भारतीय मूल के उन लोगों को जगह दी गई है, जिन्होंने बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं. ये दुनिया की सबसे प्रभावशाली कंपनियों के प्रमुख हैं, जिनकी पूंजी 10 हजार करोड़ डॉलर से ज्यादा है.
सत्य नडेला (माइक्रोसॉफ्ट) –3,146 अरब डॉलर
सत्य नडेला 2014 से माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ हैं. उन्होंने कंपनी को क्लाउड कंप्यूटिंग, एआई और प्रॉडक्टिविटी सॉफ्टवेयर में दुनिया का लीडर बना दिया है. उनकी अगुआई में माइक्रोसॉफ्ट की मार्केट वैल्यू तेजी से बढ़ी है.
सुंदर पिचाई (अल्फाबेट) – 2,107 अरब डॉलर
अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई गूगल और उसकी सहयोगी कंपनियों की अगुआई कर रहे हैं. उन्होंने सर्च, एआई और ऑटोनॉमस टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में कंपनी को नई ऊंचाई पर पहुंचाया है.
नील मोहन (यूट्यूब) – 455 अरब डॉलर
नील मोहन 2023 से यूट्यूब के सीईओ हैं. उन्होंने यूट्यूब को ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया है, जहां यूजरों की एंगेजमेंट और रेवेन्यू बढ़ाने पर फोकस किया गया है. इसकी वजह से यूट्यूब ऑनलाइन कंटेंट इंडस्ट्री में बड़ा खिलाड़ी बन गया है.
थॉमस कुरियन (गूगल क्लाउड) – 353 अरब डॉलर
थॉमस कुरियन गूगल क्लाउड के प्रमुख हैं. उन्होंने इसे अल्फाबेट के लिए कमाई का बड़ा स्रोत बनाया है. उनके नेतृत्व में कंपनी ने एंटरप्राइज सॉल्यूशन और क्लाउड मार्केट में अपनी पकड़ मजबूत की है
शांतनु नारायण (अडोबी) – 231 अरब डॉलर
अडोबी के सीईओ शांतनु नारायण ने कंपनी को क्लाउड-बेस्ड सब्सक्रिप्शन मॉडल में बदल दिया है. उनकी रणनीति की वजह से अडोबी डिजिटल मीडिया और मार्केटिंग सॉफ्टवेयर में लीडर बना हुआ है.
संजीव लाम्बा (लिंडे) – 222 अरब डॉलर
संजीव लाम्बा (लिंडे) – 222 अरब डॉलर संजीव लाम्बा लिंडे के सीईओ हैं, जो इंडस्ट्रियल गैस की दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है. उन्होंने कंपनी की वैश्विक मौजूदगी को बढ़ाया और पर्यावरण के अनुकूल कदमों को आगे बढ़ाया.
वसंत नरसिम्हन (नोवार्टिस) – 216 अरब डॉलर
नोवार्टिस के सीईओ वसंत नरसिम्हन फार्मास्युटिकल्स और जीन थेरेपी में इनोवेशन पर फोकस कर रहे हैं. उन्होंने नोवार्टिस को हेल्थकेयर के क्षेत्र में अग्रणी बनाया है.
अरविंद कृष्णा (आईबीएम) – 208 अरब डॉलर
आईबीएम के सीईओ अरविंद कृष्णा कंपनी को एआई और हाइब्रिड क्लाउड टेक्नोलॉजी में लीडर बनाने पर काम कर रहे हैं. उनके नेतृत्व में कंपनी ने नई टेक्नोलॉजी को अपनाया और अपनी प्रासंगिकता बनाए रखी.
विमल कपूर (हनीवेल इंटरनेशनल) – 152 अरब डॉलर
विमल कपूर हनीवेल के सीईओ हैं. वह सस्टेनेबिलिटी और ऑटोमेशन सॉल्यूशन पर फोकस कर रहे हैं. उनकी अगुआई में हनीवेल ने इंडस्ट्रियल और कंज्यूमर मार्केट्स में अपनी जगह मजबूत की है.
केविन लोबो (स्ट्राइकर) – 149 अरब डॉलर
केविन लोबो स्ट्राइकर के सीईओ हैं, जो मेडिकल टेक्नोलॉजी में लीडर है. उन्होंने हेल्थकेयर से जुड़े उपकरणओं में इनोवेशन को बढ़ावा दिया और कंपनी की वैश्विक मौजूदगी को मजबूत किया.