भारत सरकार में किसे मिलता है कितना वेतन
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की खबरें पढ़ ध्यान ही नहीं रहता कि ये सब वेतन पाने वाले सरकारी मुलाजिम होते हैं. जानिए कितना वेतन पाते हैं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, दूसरे मंत्री, राज्यपाल, सांसद, जज और वरिष्ठ नौकरशाह.
राष्ट्रपति
राष्ट्रपति को वेतन 'राष्ट्रपति उपलब्धि और पेंशन अधिनियम, 1951' नाम के कानून के तहत मिलता है. 2018 में राष्ट्रपति का प्रति माह वेतन 1,50,000 रुपए से बढ़ा कर 5,00,000 रुपए कर दिया गया था. इसके अलावा उन्हें सरकारी खर्च पर 340 कमरों के राष्ट्रपति भवन में आवास, गाड़ियों, रेल और हवाई यात्रा की सुविधा, सुरक्षा, टेलीफोन, चिकित्सा और बीमा जैसी सुविधाएं मिलती हैं.
आजीवन सुविधाएं
राष्ट्रपति पद से सेवानिवृत्ती के बाद पद के तत्कालीन वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर पेंशन और कई सुविधाएं आजीवन मिलती रहती हैं. इनमें शामिल हैं सरकारी खर्च पर आवास, एक गाड़ी, दो टेलीफोन, एक मोबाइल फोन, स्वास्थ्य सेवाएं, एक लाख रुपए प्रति वर्ष तक कार्यालय खर्च, एक निजी सचिव, एक अतिरिक्त निजी सचिव, एक निजी सहायक, दो चपरासी और भारत में कहीं भी एक व्यक्ति के साथ सबसे ऊंची श्रेणी में रेल या हवाई या यात्रा.
उप-राष्ट्रपति
उप-राष्ट्रपति का वेतन 'संसद अधिकारी वेतन और भत्ता अधिनियम, 1953' के तहत निर्धारित होता है. 2018 में ही उप-राष्ट्रपति का प्रति माह वेतन भी 1,25,000 रुपए से बढ़ा कर 4,00,000 रुपए कर दिया गया था. इसके अलावा सरकारी खर्च पर आवास, यातायात और मेडिकल इलाज जैसी सुविधाएं मिलती हैं.
प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री के वेतन के लिए अलग से कोई प्रावधान नहीं है. प्रधानमंत्री को एक सांसद का मूल वेतन, प्रति माह 1,00,000 रुपए, ही मिलता है. इसके अलावा प्रधानमंत्री को संसद के सत्र के दौरान प्रतिदिन 2,000 रुपए भत्ता, 3,000 रुपए प्रतिदिन आतिथ्य भत्ता, सरकारी खर्च पर आवास, यातायात और स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती हैं. बस ये सब संसद से मिलने की जगह भारत सरकार के कंसॉलिडेटेड फंड से मिलता है.
अन्य मंत्री
केंद्रीय मंत्रिमंडल के अन्य मंत्रियों को भी मूल वेतन प्रति माह 1,00,000 रुपए ही मिलता है. कैबिनेट मंत्रियों को आतिथ्य भत्ता प्रधानमंत्री से कम यानी 2,000 रुपए प्रतिदिन मिलता है, राज्य मंत्रियों को 1,000 रुपए प्रतिदिन और डिप्टी मंत्री को 600 रुपए प्रतिदिन मिलता है.
राज्यपाल
2018 में ही राज्यपालों का मूल वेतन भी 1,10,000 रुपए से बढ़ा कर 3,50,000 रुपए कर दिया गया था.
न्यायपालिका
सुप्रीम कोर्ट के जजों का वेतन 'सुप्रीम कोर्ट जज (वेतन और शर्त अधिनियम), 1958' और सभी हाई कोर्ट के जजों का वेतन 'हाई कोर्ट जज (वेतन और शर्त अधिनियम), 1954' के तहत तय होता है. जनवरी 2016 में इन कानूनों में संशोधन के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश को 2,80,000 रुपए, सुप्रीम कोर्ट के बाकी जजों को 2,50,000, हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों को 2,50,000 और बाकी जजों को 2,25,000 रुपए मूल मासिक वेतन मिलता है.
कैबिनेट सचिव
कैबिनेट सचिव देश के शीर्ष नौकरशाह का पद होता है. इस पद पर वेतनमान के हिसाब से 2,25,000 से ले कर 2,50,000 रुपए प्रति माह तक मूल वेतन मिलता है.