जयशंकर ने अफगानिस्तान की स्थिति पर ब्लिंकेन से चर्चा की
१७ अगस्त २०२१भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन से बातचीत के बाद ट्वीट किया, "ब्लिंकेन के साथ अफगानिस्तान की हालिया घटनाओं पर चर्चा की. काबुल में हवाई अड्डे के संचालन को बहाल करने की तात्कालिकता को रेखांकित किया. मैं इस संबंध में चल रहे अमेरिकी प्रयासों की गहराई से सराहना करता हूं."
जयशंकर ने कहा कि वह लगातार अफगानिस्तान की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने कहा, "काबुल में स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. भारत लौटने के इच्छुक लोगों की चिंता को समझना होगा. एयरपोर्ट संचालन सबसे बड़ी चुनौती है. इस संबंध में भागीदारों के साथ चर्चा की जा रही है."
भारत काबुल से अपने नागरिकों के दूसरे जत्थे को निकालने के लिए पूरी तरह से तैयार है, अमेरिकी विदेश मंत्री ने जयशंकर को नागरिक उड़ानों के माध्यम से भविष्य में निकासी में पूरी सहायता का आश्वासन दिया है.
यूएनएसी की बैठक में जयशंकर
दरअसल विदेश मंत्री जयशंकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए सोमवार से चार दिवसीय अमेरिकी दौरे पर हैं. यूएनएससी के कार्यक्रम में आतंकवाद पर चर्चा भी शामिल है, जो सुरक्षा परिषद की भारत की अध्यक्षता में आयोजित की जाएगी.
विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक विदेश मंत्री जयशंकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की भारत की अध्यक्षता के दौरान 18 और 19 अगस्त को दो उच्चस्तरीय कार्यक्रमों की अध्यक्षता करेंगे.
18 अगस्त को पहला कार्यक्रम "रक्षकों की रक्षा : प्रौद्योगिकी और शांति रक्षा" पर एक खुली चर्चा का है जबकि 19 अगस्त को दूसरा कार्यक्रम "आतंकवादी कृत्यों के कारण अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा" पर एक उच्च स्तरीय चर्चा होगी.
सुरक्षा परिषद में जयशंकर की मुलाकात संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश से भी होने वाली है.
यूएनएसी में भारत ने जताई चिंता
इस बीच सोमवार को भारत की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को लेकर चर्चा हुई. भारत ने अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि वहां महिलाएं, पुरुष और बच्चे डरे हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने आपात बैठक में दुनिया से अफगानिस्तान में हिंसा रोकने की अपील की.
उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश इससे चिंतित हैं कि अब अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं होने दिया जाए.
तिरुमूर्ति ने कहा कि अफगानिस्तान के पुरुषों, महिलाओं और बच्चों में दहशत का माहौल है और वे अपने भविष्य को लेकर अनिश्चिंत हैं. उन्होंने कहा कि हर कोई अफगानिस्तान में नागरिकों के अधिकारों के हनन को लेकर चिंतित है.