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समाजयूक्रेन

बम और बारूद भी नहीं तोड़ पाए प्यार का बंधन

३ मार्च २०२२

रूसी और यूक्रेनी प्रेमी जोड़ा बमबारी के बीच कीव से निकलकर किसी तरह से हंगरी पहुंचने में कामयाब रहा.

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तस्वीर: Luboš Palata/DW

रूसी सॉफ्टवेयर इंजीनियर मिखाइल ल्यूब्लिन और उनकी यूक्रेनी प्रेमिका ने कीव से हंगरी जाने के लिए पांच दिनों तक ट्रेनों और बसों में यात्रा की. उन्हें कभी-कभी लगा कि वह हमले के बीच मंजिल तक नहीं पहुंच पाएंगे.

यूक्रेनी सीमा के पास जहोनी बॉर्डर क्रॉसिंग पर बुडापेस्ट के लिए ट्रेन टिकट की कतार में खड़े इस युवा जोड़े ने एक दूसरे को खुशी के साथ चूमा. ल्यूब्लिन कहते हैं, "यहां मौजूद अन्य सभी लोगों के उलट मैं रूस से हूं. मैं पिछले एक साल से यूक्रेन में रह रहा था."

रूसी हमले पर ल्यूब्लिन कहते हैं, "यह पागलपन है और रूस इसके लिए कई सालों तक कीमत चुकाएगा. और पुतिन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए."

यकीन ही नहीं हो रहा

यूक्रेन पर हमले के कारण रूस की आलोचना तो हो ही रही है, साथ ही साथ उस पर पश्चिमी देश प्रतिबंध भी लगा रहे हैं. कई देशों की कंपनियों ने रूस में अपना निवेश रोक दिया है और अपना कारोबार समेट रही हैं. 

ल्यूब्लिन और उनकी प्रेमिका कहते हैं कि उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा है कि वे हंगरी पहुंच गए हैं. उनकी यात्रा के हर दिन बमबारी और गोलीबारी आम बात थी. उनकी प्रेमिका ने सुरक्षा कारणों से अपना नाम नहीं बताया.

ल्यूब्लिन एक बड़ी सी मुस्कान के साथ कहते हैं, "यह अब बहुत मुश्किल होने वाला है, लेकिन उम्मीद है. उम्मीद है कि यूक्रेन खड़ा रहेगा और अपनी जमीन पर टिका रहेगा. दया और सच्चाई की जीत होगी." इसके बाद दोनों ट्रेन में सवार होकर हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट के लिए रवाना हुए.

लाखों लोग विस्थापित

रूस के हमले के बाद यूक्रेन के लाखों लोग विस्थापित हो गए हैं. संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि एक हफ्ते में ही दस लाख से ज्यादा लोग देश छोड़ चुके हैं. यूएन की शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) के प्रमुख ने बुधवार रात कहा कि एक सप्ताह पहले रूस का हमला शुरू होने के बाद से अब तक दस लाख से अधिक शरणार्थी यूक्रेन से भाग गए हैं.

कीव से लोग किसी तरह से निकलने की कोशिश में जुटे
कीव से लोग किसी तरह से निकलने की कोशिश में जुटेतस्वीर: Lafargue Raphael/abaca/picture alliance

यूएन: रूसी हमले के बाद एक सप्तााह के भीतर 10 लाख लोग देश से भागे

संयुक्‍त राष्ट्र के शरणार्थी मामलों के उच्चायोग (यूएनएचसीआर) प्रमुख फिलिपो ग्रांडी ने ट्वीट किया, "केवल सात दिनों में हमने यूक्रेन से दस लाख शरणार्थियों का पड़ोसी देशों में पलायन देखा है. यूक्रेन के अंदर कई लाख लोगों की खातिर बंदूकों के शांत हो जाने का समय आ गया है, ताकि जीवन को बचाने वाले मानवीय सहायता दी जा सके."

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने दावा किया है 9,000 रूसी सैनिक मारे जा चुके हैं. हालांकि उन्होंने अपने हताहत सैनिकों की संख्या नहीं बताई. देश की आपातकालीन सेवाएं देने वाली एजेंसी ने कहा है कि 2,000 से ज्यादा आम नागरिक मारे गए हैं. रूस ने कहा है कि उसके 500 सैनिक मारे गए हैं और 1,600 घायल हुए हैं.

एए/वीके (रॉयटर्स)

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