यूक्रेन को डिप्लीटेड यूरेनियम हथियार देने पर भड़का रूस
७ सितम्बर २०२३अमेरिका ने बुधवार को यूक्रेन को नया रक्षा सहायता पैकेज देने का एलान किया. यह पैकेज 17.5 करोड़ डॉलर तक का होगा. इसके तहत वॉशिंगटन, कीव को अमेरिकी एम1 अब्राम टैंकों के लिए डिप्लीटेड यूरेनियम हथियार देगा. एम1 अब्राम टैंक के लिए दिए जाने वाले ये गोले 120 एमएम के होंगे.
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इससे पहले बुधवार को रूस ने पूर्वी यूक्रेन के कॉस्टियानटिनिव्का शहर पर मिसाइल हमला किया. हमला एक बाजार पर किया गया, जिसमें 16 लोग मारे गए और 32 घायल हुए. हमला उस वक्त हुआ जब अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन यूक्रेन की राजधानी कीव में थे. अमेरिका ने नए रक्षा सहायता पैकेज का एलान इसी हमले के बाद किया. ब्लिंकेन ने भी कीव में अमेरिका के एक अरब डॉलर के सहायता पैकेज का एलान किया.
क्या है डिप्लीटेड यूरेनियम हथियार
डिप्लीटेड यूरेनियम हथियार, परमाणु कार्यक्रम के दौरान बचे खुचे यूरेनियम से बनाए जाते हैं. इस यूरेनियम को अन्य धातुओं के साथ मिलाकर खास किस्म की मिश्र धातु बनाई जाती है. यूरेनियम की सघनता के कारण ऐसे हथियार अच्छी खासी शील्ड को भी आराम से भेद देते हैं.
आलोचक कहते हैं कि डिप्लीटेड यूरेनियम हथियार इस्तेमाल के बाद भी सेहत के लिए बड़ा खतरा बनते हैं. इनके संपर्क में आने से कैंसर और जन्मजात बीमारियों का खतरा पैदा होता है. इराक के कुछ शहरों में डिप्लीटेड यूरेनियम हथियार आज भी बड़ा सिरदर्द बने हुए हैं.
रूस की प्रतिक्रिया
रूसी समाचार एजेंसी तास ने अमेरिकी फैसले पर रूसी उप रक्षा मंत्री सेर्गई रिबाकोव की प्रतिक्रिया छापी है. वह कहते हैं, "यह सिर्फ तनाव और ज्यादा भड़काने वाला कदम ही नहीं है बल्कि युद्ध के मैदान पर इस तरह के हथियारों का इस्तेमाल करना ये भी दिखाता है कि पर्यावरण संबंधी नतीजों की वॉशिंगटन कितनी परवाह करता है."
एक सुरक्षा सम्मेलन में स्पीच देते हुए रिबाकोव ने कहा कि पश्चिम का दबाव मॉस्को को परमाणु युद्ध के जोखिम की तरफ धकेल रहा है, "यह दबाव खतरनाक रूप से संतुलन के उस बिंदु तक पहुंच गया है, जहां परमाणु ताकतों के बीच में सीधा सैन्य संघर्ष हो सकता है."
उन्होंने यह भी कहा कि बेलारूस में रूसी परमाणु हथियारों की तैनाती प्लान के मुताबिक हो रही है, "कई चरण पूरे हो चुके हैं. सही आधारभूत ढांचा बना लिया गया है."
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रूस लंबे समय से पश्चिम पर यूक्रेन में परोक्ष रूप से युद्ध लड़ने का आरोप लगा रहा है. मॉस्को का कहना है कि उसे रणनीतिक रूप से हराने के लिए पश्चिम यूक्रेन के पीछे छुपकर युद्ध लड़ रहा है.
वहीं अमेरिकी समेत पश्चिमी देशों का कहना है कि फरवरी 2022 में अंतरराष्ट्रीय सीमा पारकर रूस ने एक संप्रभु राष्ट्र की सीमाओं का उल्लंघन किया है. यूक्रेन पर हमले के कारण पश्चिमी देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध भी लगा रखे हैं. 18 महीने से जारी युद्ध में अब यूक्रेनी सेना कई इलाकों से रूस के पीछे धकेलने लगी है.
ओएसजे/एसबी (रॉयटर्स)