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मानवाधिकारउत्तरी कोरिया

रिपोर्ट: दुनिया में पांच करोड़ लोग 'आधुनिक गुलाम'

२५ मई २०२३

एक नयी रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच वर्षों में आधुनिक गुलामी से पीड़ित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है. उत्तर कोरिया, इरीट्रिया और मौरितानिया में आधुनिक गुलामी का प्रचलन सबसे अधिक है.

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भारत में भी आधुनिक गुलाम हैं
भारत में भी आधुनिक गुलाम हैंतस्वीर: Anti-Slavery International

24 मई को लंदन में प्रकाशित एक नए अध्ययन से पता चला है कि हाल के वर्षों में आधुनिक गुलामी के शिकार लोगों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. वॉक फ्री फाउंडेशन नाम के एक संगठन ने आधुनिक गुलामी का इंडेक्स जारी किया है.

मानवाधिकार संगठन वॉक फ्री द्वारा जारी ग्लोबल स्लेवरी इंडेक्स के मुताबिक 2021 में पांच करोड़ लोग "आधुनिक दासता की स्थितियों में जी रहे थे."

ताजा सूचकांक के मुताबिक उत्तर कोरिया, इरीट्रिया और मौरितानिया में दुनिया में आधुनिक दासता की दर सबसे अधिक है. रिपोर्ट ने पांच साल पहले अपने पिछले सर्वेक्षण के बाद से वैश्विक स्तर पर "बिगड़ती" स्थिति का उल्लेख किया है.

अगर पांच साल पहले के अनुमान से तुलना करें तो इसमें 1 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है. संयुक्त राष्ट्र की जांच के अनुसार लीबिया में यातना और यौन गुलामी के सबूत मिले थे.

आधुनिक गुलामी के कई कारण हैं, लेकिन अन्य कारकों के बीच बढ़ते और जटिल सशस्त्र संघर्षों, पर्यावरणीय मुद्दों और कोविड-19 के व्यापक प्रभाव की पृष्ठभूमि में स्थिति बदतर होती जा रही है.

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आधुनिक गुलामी क्या है?

वॉक फ्री फाउंडेशन आधुनिक दासता को कुछ इस तरह से परिभाषित करता है- जिसमें जबरन श्रम, ऋण दासता, जबरन विवाह, दासता, अन्य गुलामी-जैसी प्रथाएं, बच्चों की बिक्री और शोषण और मानव तस्करी शामिल हैं.

वॉक फ्री फाउंडेशन के मुताबिक "आधुनिक गुलामी दुनिया के हर कोने में अदृश्य और गहराई से जीवन में एकीकृत दोनों है. हर दिन लोगों को धोखा दिया जाता है, मजबूर किया जाता है या शोषण की स्थितियों में मजबूर किया जाता है जिसे वे नकार या छोड़ नहीं सकते."

शोध रिपोर्ट के मुताबिक, "हर दिन हम ऐसे उत्पाद खरीदते हैं या सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं जिन्हें बनाने या पेश करने के लिए ऐसे लोगों क इस्तेमाल किया जाता है जो आधुनिक गुलाम हैं."

रिपोर्ट में कहा गया है कि आधुनिक गुलामी में 2.76 करोड़ लोग जबरन श्रम के शिकार हैं, जबकि 2.2 करोड़ लोग जबरन शादी के शिकार हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर कोरिया में (104) प्रति 1,000 जनसंख्या, इरीट्रिया में (90.3) और मौरितानिया में (32) प्रति 1,000 जनसंख्या के हिसाब से आधुनिक गुलामी की दर सबसे अधिक है.

भारत, चीन और रूस में भी आधुनिक गुलाम

शीर्ष 10 देशों की सूची में सऊदी अरब, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात और कुवैत भी शामिल हैं, रिपोर्ट के मुताबिक, "ये देश अपनी कुछ राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक विशेषताओं को भी साझा करते हैं, जिनमें नागरिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के लिए सीमित सुरक्षा शामिल है."

वॉक फ्री फाउंडेशन की निदेशक ग्रेस फॉरेस्ट के मुताबिक इनमें से कई क्षेत्र संघर्ष, राजनीतिक अस्थिरता और तानाशाही से ग्रस्त हैं. रिपोर्ट कहती है जबकि कई अन्य देश शरणार्थियों और प्रवासी श्रमिकों की बड़ी आबादी के लिए घर हैं और "जिनके साथ नागरिकों के रूप में व्यवहार नहीं किया जाता है, वहां कानूनी सुरक्षा की कमी है और व्यापक रूप से शोषण किया जाता है."

रिपोर्ट में कहा गया है कि कई देशों में सरकारें अपने नागरिकों को निजी जेलों या जबरन श्रम जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम करने के लिए मजबूर करती हैं.

लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जिनका जी-20 देशों में शोषण होता है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 1.1 करोड़, चीन में 50 लाख और रूस में 18 लाख लोग शोषित हैं.

ग्रेस फॉरेस्ट कहती हैं, "आधुनिक गुलामी हमारे समाज के हर पहलू में व्याप्त है. यह हमारे कपड़ों में बुना हुआ है, हमारे इलेक्ट्रॉनिक्स को रोशन करता है और हमारे भोजन को स्वादिष्ट बनाता है."

एए/वीके (डीपीए, एएफपी)