क्या यूनिवर्सिटी कैंपस में भी छात्राएं सुरक्षित नहीं
२७ दिसम्बर २०२४पीड़ित लड़की अन्ना यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग की सेकंड ईयर की छात्रा है. 23 दिसंबर की रात आठ बजे वह यूनिवर्सिटी के कैंपस में एक सुनसान जगह पर अपने दोस्त के साथ बातचीत कर रही थी. घटना के संदर्भ में इंडियन एक्सप्रेस ने एक पुलिस अधिकारी के हवाले से लिखा, "आरोपी ज्ञानसेकरन ने छात्रों को धमकाते हुए कहा कि उसने उनका वीडियो बना लिया है. फिर उसने मांग की कि पुरुष दोस्त चला जाए, इसके बाद पीड़िता के साथ यौन शोषण किया गया."
इस पुलिस अधिकारी ने आगे बताया, "हमने उसका मोबाइल बरामद कर लिया है, जिसमें अपराध के सबूत हैं, जिसे उसने रिकॉर्ड किया था. अब हम मोबाइल की जांच कर रहे हैं, ताकि पता लगाया जा सके कि क्या उसने और भी ऐसे अपराध किए और सबूत मिटाए हैं."
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक घटना के अगले दिन यानी, 24 दिसंबर को छात्रा ने पुलिस से संपर्क किया और यौन उत्पीड़न की रोकथाम के लिए यूनिवर्सिटी की आंतरिक शिकायत समिति में शिकायत दर्ज कराई. भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 के तहत मामला दर्ज किया गया और कोट्टूरपुरम की महिला पुलिस ने आरोपी ज्ञानसेकरन को पकड़ने के लिए चार टीमें बनाईं. राजधानी में हुई इस घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है. छात्रों ने साथी छात्रा के साथ हुई घटना के विरोध में कैंपस के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया.
कौन है आरोपी
पुलिस ने 37 साल के आरोपी ज्ञानसेकरन को गिरफ्तार किया है. उसके बारे में बताया जा रहा है कि वह सड़क किनारे बिरयानी बेचता है. पुलिस ने कहा कि वह पहले भी चोरी और घर में घुसने समेत कम से कम 13 छोटे-मोटे अपराधों में शामिल रहा है. ज्ञानसेकरन के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 63, 64 और 75 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
गुरुवार को ग्रेटर चेन्नई के पुलिस कमिश्नर ए अरुण ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस ने अन्ना यूनिवर्सिटी की छात्रा के बलात्कार मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के भीतर मामले को सुलझा लिया. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि अब तक की जांच के मुताबिक ज्ञानसेकरन ही इस अपराध में शामिल है. पुलिस कमिश्नर ने इस थ्योरी को भी खारिज कर दिया कि अपराध में और भी आरोपी शामिल हैं.
पीड़िता की पहचान लीक हुई
यूनिवर्सिटी कैंपस में बलात्कार के मामले पर मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को खुद से संज्ञान लिया और राज्य सरकार को रिपोर्ट पेश करने को कहा. जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम और जस्टिस वी लक्ष्मीनारायणन की बेंच ने एक वकील की ओर से लिखे गए पत्र के आधार पर खुद से सुनवाई शुरू की है.
इस बीच चेन्नई पुलिस की पीड़िता की पहचान उजागर करने को लेकर भी आलोचना हो रही है और राष्ट्रीय महिला आयोग ने राज्य के डीजीपी शंकर जिवाल को पत्र लिखकर इस पर कार्रवाई करने को कहा है.
आयोग की अध्यक्ष विजया किशोर रहाटकर ने पत्र लिखकर कहा कि एफआईआर का लीक होना भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 72 का उल्लंघन है. पत्र में कहा गया है कि यह लीक निपुण सक्सेना बनाम भारत संघ मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का भी उल्लंघन है. आयोग ने कहा कि इसके लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए क्योंकि उनसे पीड़ित की पहचान उजागर हुई है.
एफआईआर लीक होने के मामले पर पुलिस कमिश्नर ए अरुण ने कहा कि हो सकता है कि सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण एफआईआर डाउनलोड हो गई हो. उन्होंने कहा कि लीक की जांच के लिए एक अलग एफआईआर दर्ज की गई है.
रेप की इस घटना ने तमिलनाडु की राजनीति में भी उथल पुथल मचा दिया है, एक ओर छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ बीजेपी और एआईएडीएमके के कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं.
शुक्रवार को तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष अन्नामलाई ने राज्य सरकार के खिलाफ खुद पर कोड़े बरसा कर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वह छात्रों, खासकर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में असमर्थ है.
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महिलाओं के लिए असुरक्षित शहर
कॉलेज हो या दफ्तर महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की खबरें आए दिन आते रहती हैं. इसी साल 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक पीजी ट्रेनी महिला डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई. यह घटना अस्पताल परिसर के सेमिनार हॉल में हुई थी. घटना के बाद पूरे देश में अलग अलग जगहों पर डॉक्टरों ने प्रदर्शन किए और कार्यस्थल पर अधिक सुरक्षा की मांग की गई. इस घटना के विरोध में देश में ही नहीं बल्कि विदेश में विरोध प्रदर्शन हुए थे और पीड़िता के लिए न्याय की मांग की गई.
साल 2023 में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से जारी वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 2021 के मुकाबले 2022 में महिलाओं के प्रति अपराध में चार प्रतिशत का इजाफा हुआ. देश में अपराध के 58 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए, जिनमें महिलाओं के प्रति अपराध के करीब साढ़े चार लाख मामले थे. मतलब हर घंटे औसतन करीब 51 एफआइआर दर्ज हुई.
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आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में महिलाओं के खिलाफ लगभग 4,50,000 अपराध दर्ज किए गए. इन अपराधों में से सात फीसदी से अधिक बलात्कार से जुड़े थे.
यह भी पता चला है कि महिलाओं के विरूद्ध अपराध करने वाले अधिकतर लोगों में उनके पति या रिश्तेदार शामिल थे. रिपोर्ट के अनुसार 2022 में शहरों में हुए अपराध के मामलों में दिल्ली पहले नंबर और मुंबई दूसरे नंबर पर है. इसके बाद बेंगलुरु, जयपुर और अहमदाबाद का नंबर है. दूसरी तरफ प्रति लाख आबादी पर दर्ज किए गए संज्ञेय अपराध के मामले में तीसरी बार कोलकाता को सबसे सुरक्षित शहर बताया गया. इसके बाद पुणे और हैदराबाद सबसे सुरक्षित शहर पाए गए हैं.