क्वाड की बैठक में क्या बात हो रही है
२४ सितम्बर २०२१प्रधानमंत्री मोदी ने चार देशोंइ के संगठन क्वाड की मीटिंग शुरू होने पर कहा है कि कोविड महामारी के दौर में क्वाड की वैक्सीन को लेकर की गई पहल ने हिंद प्रशांत के देशों की बड़ी मदद की. इसी बैठक में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा, "क्वाड का मकसद यह दिखाना है कि लोकतांत्रिक देश काम को अंजाम दे सकते हैं और इसे हर तरह की दादागीरी से मुक्त रहना चाहिए." उधर जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा का कहना है कि क्वाड की बैठक ने चारों देशों के बीच मजबूत भाईचारा दिखाया है.
संयुक्त राष्ट्र की सालाना आमसभा के समय में अलग से हो रही क्वाड की बैठक को लेकर दुनिया भर के देशों और अंतरराष्ट्रीय संबंध के विश्लेषकों में बड़ी उत्सुकता है. अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच हाल ही में हुए ऑकुस समझौते ने इसका महत्व और बढ़ा दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने क्वाड की बैठक से पहले ओवल ऑफिस में भारतीय प्रधानमंत्री से अलग द्विपक्षीय बातचीत की और इसके बाद भारत अमेरिका के संबंधों को बेहद अहम बताया. उन्होंने कहा कि भारत के साथ मिल कर दुनिया की कई समस्याओं का हल निकाला जा सकता है.
जो बाइडेन ने क्वाड की बैठक में कहा कि चार बड़े लोकतंत्र जानते हैं कि कैसे काम कियाए जाए और चुनौतियां लेने के लिए तैयार हैं. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि चार देशों का यह संगठन "दुनिया में अच्छाई के लिए काम करेगा." मोदी ने बैठक में कहा कि मार्च में हुई क्वाड की बैठक में वैक्सीन के लिए जो पहल की गई वह सही रास्ते पर बढ़ रही है जिसमें, "वैक्सीन की एक अरब अतिरिक्त डोज भारत में बनाने पर सहमति हुई थी ताकि सप्लाई बढ़ाई जा सके."
क्वाड की योजना 2022 तक कोविड-19 की एक अरब वैक्सीन डोज बना कर पूरे एशिया में सप्लाई देने की थी. हालांकि अप्रैल में जब देश में कोविड के मामले बड़ी तेजी से बढ़े तो भारत ने इसके निर्यात पर रोक लगा दी और यह योजना खटाई में पड़ गई. भारत ने कहा है कि वह अक्टूबर में फिर से निर्यात शुरू करेगा.
क्वाड की इस बैठक से कोविड वैक्सीन, बुनियादी ढांचे और तकनीकी सहयोग बढ़ाने की दिशा में खास प्रगति की उम्मीद की जा रही है. कई नए समझौतों का एलान होने की उम्मीद है इनमें सेमी कंडक्टरों की सप्लाई चेन की सुरक्षा, अवैध मछली के शिकार पर रोक और समुद्री कार्यक्षेत्र को लेकर जागरूकता बढ़ाने पर खास ध्यान होगा. इसके साथ ही 5जी इंटरनेट के लिए साझीदारी और जलवायु परिवर्तन की निगरानी को लेकर भी समझौतों का एलान हो सकता है.
क्वाड अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान का संगठन है जिसका मकसद हिंद प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाना है. माना जाता है कि अमेरिका की खास दिलचस्पी इस संगठन में इसलिए है ताकि इस इलाके में चीन के बढ़ते प्रभाव को चुनौती दी जा सके. क्वाड की पहली बैठक मार्च में हुई थी और यह पहली बार है जब चारों देशों के नेता इस संगठन के मंच पर आमने सामने मिल रहे हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय व्हाइट हाउस में हुई बैठक में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने साफ साफ कहा कि हिंद प्रशांत क्षेत्र को मुक्त और खुला रहना चाहिए. उन्होंने इलाके में चीन के बढ़ते प्रभाव और दबंगई का सामना करने के लिए इसे जरूरी बताया.
चार लोकतांत्रिक देशों की इस बैठक पर चीन की भी खास नजर है और वो पहले ही इस गुट की आलोचना करता रहा है. जिन मुद्दों पर यहां चर्चा हो रही है उन्हें चीन अपने कार्यक्षेत्र में दखल के रूप में देखता है. ऑकुस समझौते के बाद ऑस्ट्रेलिया को परमाणु पनडुब्बी मिलने की बात से भी चीन बिफरा हुआ है. उसका कहना है कि इससे इलाके में हथियारों की होड़ तेज होगी. हालांकि अमेरिकी अधिकारियों ने क्वाड की बैठक से ठीक पहले सुरक्षा मुद्दों को कम अहमियत देने की बात कही.
एनआर/एमजे( रॉयटर्स)