कश्मीर में पोस्टपेड मोबाइल सेवाएं शुरू
१४ अक्टूबर २०१९भारत सरकार ने भारत प्रशासित कश्मीर में पोस्टपेड मोबाइल सेवाओं को बहाल करने का फैसला किया है. 14 अक्टूबर को सुबह सबसे पहले बीएसएनएल और दोपहर 12 बजे से दूसरे सभी सर्विस ऑपरटेरों की सेवाएं शुरू कर दी गई हैं. 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के बाद जम्मू कश्मीर में मोबाइल सुविधाएं बंद की गई थीं. जम्मू के अधिकांश इलाकों में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं कुछ दिन बाद ही शुरू कर दी गई थीं. लेकिन कई इलाकों में सुरक्षा के मद्देनजर इन्हें चालू और बंद किया जा रहा था. कश्मीर में अभी भी प्रीपेड मोबाइल और इंटरनेट सेवा काम नहीं करेगी. कश्मीर में करीब 40 लाख पोस्टपेड और 20 लाख प्रीपेड मोबाइल उपभोक्ता हैं.
अनुच्छेद 370 में संशोधन से जम्मू-कश्मीर में होंगे ये 10 बड़े बदलाव
पोस्टपेड मोबाइल सुविधाएं चालू करने के बाद सरकार देखेगी कि कश्मीर में सुरक्षा हालात कैसे रहते हैं. सुरक्षा हालातों की समीक्षा करने के बाद ही आगे कदम उठाए जाएंगे. भारत सरकार कई बार कह चुकी है कि मोबाइल और इंटरनेट का इस्तेमाल चरमपंथी कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए करते हैं. 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 में बदलाव के 11 दिन बाद से पाबंदियों में ढील देना शुरू किया गया था. 17 अगस्त को आंशिक रूप से लैंडलाइन सुविधाएं चालू की गई थीं. 4 सितंबर से कश्मीर के सभी लैंडलाइन फोन चालू कर दिए गए. जम्मू और लद्दाख के इलाके में मोबाइल सुविधाएं फिलहाल पूरी तरह चालू हैं.
जम्मू कश्मीर सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने कहा, "जम्मू कश्मीर की स्थिति के मद्देनजर सरकार ने पोस्टपेड मोबाइल सेवाओं को चालू करने का फैसला किया है. 14 अक्टूबर दोपहर 12 बजे से सभी मोबाइल ऑपरेटरों की पोस्टपेड मोबाइल सेवा शुरू हो जाएंगी. करीब 20 लाख प्रीपेड मोबाइल और इंटरनेट सुविधाएं फिलहाल बंद ही रहेंगी." सरकार के मुताबिक कश्मीर में फिलहाल शांति है. बीबीसी समेत कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों द्वारा कई प्रदर्शनों के बारे में रिपोर्टिंग की गई है. सरकार ने कश्मीर में पर्यटकों के घूमने आने से भी पाबंदी हटाई है.
कैसी हो गई है कश्मीर के लोगों की जिंदगी
जम्मू कश्मीर सरकार ने पिछले दिनों अखबार में विज्ञापन निकालकर लोगों से अपील की थी कि बंद की स्थिति को खत्म करें. सरकार ने विज्ञापन में कहा कि इस बंद की स्थिति से चरमपंथियों को फायदा हो रहा है. सरकार को चिंता है कि लोगों ने सरकार के खिलाफ कोई हिंसक प्रदर्शन नहीं किए हैं. कश्मीर के लोग नागरिक अवज्ञा आंदोलन पर आ गए हैं. ऐसे में वो सरकार के खिलाफ कोई विरोध भी नहीं कर रहे हैं. सरकार इस स्थिति को दूर करने की कोशिश कर रही है.
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