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केरल में राजनीतिक हत्याएं

२० दिसम्बर २०२१

केरल के एक ही जिले में 12 घंटों के अंदर एसडीपीआई और बीजेपी के दो नेताओं की हत्या कर दी गई. हत्याओं के बाद पूरे जिले में तनाव के बीच धारा 144 लगा दी गई है.

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फाइल तस्वीरतस्वीर: R S Iyer/AP Photo/picture alliance

सबसे पहले शनिवार शाम को एसडीपीआई नेता केएस शान की सड़क पर हत्या की गई. 38 वर्षीय शान अपने घर जा रहे थे तभी रास्ते में एक गाड़ी ने उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी. फिर उसी गाड़ी में से चार लोग उतरे, शान पर चाकू से कई बार वार किया और उसी गाड़ी में सवार होकर वहां से भाग गए.

शान ने बाद में अस्पताल में दम तोड़ दिया. अगली सुबह कुछ लोगों ने राज्य में बीजेपी के ओबीसी मोर्चा के सचिव रंजीत श्रीनिवासन के घर में घुस कर उनकी मां, उनकी पत्नी और उनकी बेटी के सामने उनकी हत्या कर दी.

आरोप और प्रत्यारोप

पुलिस दोनों हत्याओं की जांच कर रही है लेकिन अभी तक विस्तृत जानकारी जारी नहीं की है. करीब 50 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है, जिनमें से अधिकांश बीजेपी, आरएसएस और एसडीपीआई के कार्यकर्ता हैं.

आलपुर्रा जिले में इस समय धारा 144 लागू है. केरल में बीजेपी के अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने सीधे सीधे श्रीनिवासन की हत्या का आरोप पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर लगाया. एसडीपीआई पीएफआई का ही राजनीतिक संगठन है.

Indien - Kerala
केरल में राजनीतिक हत्याओं का एक लंबा इतिहास हैतस्वीर: Tanika Godbole/DW

साथ ही सुरेंद्रन ने शान की हत्या के पीछे आरएसएस और बीजेपी की कोई भी भूमिका होने से इनकार किया है. एसडीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमके फैजी ने शान की हत्या का आरोप आरएसएस पर लगाया है.

कौन है जिम्मेदार

केरल में इस तरह की राजनीतिक हत्याओं का एक लंबा इतिहास है. एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 15 सालों में राज्य में 125 राजनीतिक हत्याएं हुई हैं, जिनमें लगभग बराबर की संख्या में आरएसएस और सीपीएम के कार्यकर्ता मारे गए हैं.

आज तक इन हत्याओं की संस्थागत रूप से ना जांच हो पाई है और ना किसी को सजा दी गई है. 2009 में एसडीपीआई की स्थापना के बाद इस पार्टी के कार्यकर्ता भी इस हिंसा की जद में आने लगे. बाद में उन पर भी इस हिंसा में शामिल होने के आरोप लगने लगे.

2014 में केरल सरकार ने केरल हाई कोर्ट को एक हलफनामे में बताया था कि पीएफआई और उससे जुड़े एक और संगठन एनडीएफ के कार्यकर्ताओं को 27 हत्याओं, 86 हत्या की कोशिश के मामलों और सांप्रदायिक हिंसा के 106 दूसरे मामलों में शामिल पाया गया.

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