मोदी: भ्रष्टाचार और परिवारवाद देश को दीमक की तरह चाट रहे हैं
१५ अगस्त २०२२आजादी की 75वीं सालगिरह के मौके पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद देश को संबोधित करते हुए आजादी के बाद देश बनाने के लिए अपना जीवन खपा देने वाले महापुरुषों को नमन करते हुए कहा कि देश बापू, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बीआर आंबेडकर और वीर सावरकर के प्रति कृतज्ञ हैं, जिन्होंने कर्तव्य पथ पर अपने जीवन को खपा दिया, कर्तव्य पथ ही उनका जीवन पथ रहा. उन्होंने देश की आजादी के लिए जीवन का बलिदान देने वाले शहीदों को भी याद किया.
भारत आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है और प्रधानमंत्री मोदी ने लगातार नौवीं बार लाल किले से राष्ट्रीय ध्वज फहराया. इस मौके पर सलामी देने के लिए भारत में ही निर्मित तोप का इस्तेमाल किया गया.
मोदी का भ्रष्टाचार पर हमला
भ्रष्टाचार पर हमला बोलते हुए मोदी ने अपने संबोधन में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया. पिछले कुछ महीनों से देश की जांच एजेंसियां राजनीतिक भ्रष्टाचार के मामलों की पड़ताल कर रही हैं. विपक्ष का कहना है कि बीजेपी जांच एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के तौर पर करती है, वहीं बीजेपी इसको खारिज करती आई है और कहती है कि जांच एजेंसियों स्वतंत्र रूप से काम करती हैं.
मोदी ने अपने संबोधन में भ्रष्टाचार के साथ-साथ परिवारवाद का मुद्दा भी उठाया. मोदी ने कहा, "भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है, उससे देश को लड़ना ही होगा. हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है, उनको लौटाना भी पड़े, हम इसकी कोशिश कर रहे हैं."
मोदी ने आगे कहा, "जब तक भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी के प्रति नफरत का भाव पैदा नहीं होता होता, सामाजिक रूप से उसे नीचा देखने के लिए मजबूर नहीं करते, तब तक ये मानसिकता खत्म नहीं होने वाली है."
भ्रष्टाचार के मामले पर कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके सांसद बेटे राहुल गांधी से ईडी कई घंटों की पूछताछ कर चुकी है.
मोदी ने आगे कहा देश के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं- पहली चुनौती-भ्रष्टाचार और दूसरी चुनौती-भाई-भतीजावाद और परिवारवाद.
मोदी ने कहा, "जब मैं भाई-भतीजावाद और परिवारवाद की बात करता हूं, तो लोगों को लगता है कि मैं सिर्फ राजनीति की बात कर रहा हूं. जी नहीं, दुर्भाग्य से राजनीतिक क्षेत्र की उस बुराई ने हिंदुस्तान के हर संस्थान में परिवारवाद को पोषित कर दिया है."
अपने संबोधन में मोदी ने लोगों से 2047 तक स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा करने के लिए "पंच प्रण" के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया. उन्होंने जो "पंच प्रण" बताए वे हैं-'बहुत बड़े संकल्प लेकर चलना होगा, हमारे मन के भीतर गुलामी का एक भी अंश है तो उसे बचने नहीं देना है, हमें हमारे विरासत पर गर्व होना चाहिए, एकता-एकजुटता और नागरिकों का कर्तव्य.'
उन्होंने देश की आजादी के 100 साल पूरे होने यानी 25 साल बाद भारत को विकसित देश बनाने का संकल्प लेने की भी अपील की.
मोदी ने दिया नया नारा- "जय अनुसंधान"
जय जवान, जय किसान और जय विज्ञान के बाद मोदी ने एक नया नारा जोड़ा है. जो है जय अनुसंधान. मोदी ने कहा, "जय जवान, जय किसान का लाल बहादुर शास्त्री का मंत्र आज भी देश के लिए प्रेरणा है. अटल बिहारी वाजपेयी ने जय विज्ञान कह कर उसमें एक कड़ी जोड़ दी थी. लेकिन अब अमृत काल के लिए एक और अनिवार्यता है, वो है जय अनुसंधान. जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान."
आजादी के 75 साल के मौके पर अमेरिका समेत तमाम देशों ने भारत को शुभकामनाएं दी हैं. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली में सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं.