विनाशकारी बाढ़ के बाद अब पाकिस्तान में शिक्षा संकट
१९ अक्टूबर २०२२बच्चों की मदद करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था सेव द चिल्ड्रन, पाकिस्तान के मुताबिक न केवल लाखों पाकिस्तानी बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, बल्कि यह भी चिंता है कि उनमें से बड़ी संख्या में बच्चे कभी स्कूल नहीं लौट पाएंगे. देश में बाढ़ के बाद स्वास्थ्य संकट के साथ-साथ अब शिक्षा संकट भी खड़ा हो रहा है.
सेव द चिल्ड्रन पाकिस्तान के निदेशक खुर्रम गोंडल के मुताबिक, "हम स्वास्थ्य क्षेत्र में भी संकट देख रहे हैं." उन्होंने कहा, "इसके अलावा बाढ़ पीड़ितों के लिए भी सुरक्षा का संकट है और अब पाकिस्तान में शिक्षा के क्षेत्र में एक नया संकट सामने आ रहा है."
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स्कूल से दूर लाखों बच्चे
बीते महीनों में अत्यधिक भारी मानसूनी बारिश के बाद पाकिस्तान में आई विनाशकारी बाढ़ ने देश के लगभग एक तिहाई हिस्से को जलमग्न कर दिया. बाढ़ और इससे संबंधित घटनाओं में कुल 1719 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है जबकि 3.3 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं.
बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए काम कर रहे सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों का कहना है कि पाकिस्तान के बाढ़ प्रभावित इलाकों में फैल रही बीमारियों से लोग परेशान हैं, जबकि कई लाख बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं.
हजारों स्कूल हुए तबाह
सेव द चिल्ड्रन पाकिस्तान के मुताबिक बाढ़ से देश के विभिन्न हिस्सों में कुल 23,900 स्कूल पूरी तरह से नष्ट हो गए या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए. इसके अलावा पांच हजार से अधिक स्कूल अभी भी बाढ़ पीड़ितों के लिए अस्थायी आवासीय शिविर के रूप में इस्तेमाल किए जा रहे हैं. इनमें से आधे स्कूल सिंध प्रांत में स्थित हैं.
सिंध प्रांत में मुख्यमंत्री के पुनर्वास और राहत परियोजनाओं के सलाहकार रसूल बख्श चांडियो ने कहा कि केवल इस एक प्रांत में लगभग 12,000 स्कूल बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. उनके मुताबिक इन स्कूलों में करीब 20 लाख बच्चे पढ़ रहे थे, जिनकी पढ़ाई अब भी ठप्प है.
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खुर्रम गोंडल के मुताबिक, "जो बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, उन्हें यह भी डर है कि अगर वे काम करने लगे तो उनकी शिक्षा कभी बहाल नहीं होगी." गोंडल कहते हैं इसके अलावा जो लड़कियां बाढ़ के कारण स्कूल नहीं जा रही हैं, उन्हें यह भी आशंका है कि उनके माता-पिता उनकी कम उम्र में शादी करा देंगे. बाढ़ प्रभावित परिवारों ने इस मौसमी आपदा में लगभग सब कुछ खो दिया है.
सेव द चिल्ड्रन ने पाकिस्तान में सरकारी संस्थानों के सहयोग से 90 ऐसे शैक्षणिक केंद्र स्थापित किए हैं, जहां बच्चों की पढ़ाई में मदद की जा रही है.
यूनिसेफ के आंकड़ों के अनुसार बच्चों की शिक्षा के मामले में भी पाकिस्तान का रिकॉर्ड नकारात्मक है. जनसंख्या के मामले में दुनिया के सबसे बड़े देशों में से एक पाकिस्तान, दुनिया में स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या के मामले में दूसरे स्थान पर है.
यूनिसेफ के अनुमान के मुताबिक पाकिस्तान में पांच से 16 साल की उम्र के करीब 2.28 करोड़ बच्चे पढ़ाई के लिए स्कूल नहीं जाते हैं.
एए/सीके (डीपीए, रॉयटर्स)