पाकिस्तान और चीन में अरबों डॉलर का परमाणु ऊर्जा समझौता
२१ जून २०२३पाकिस्तान और चीन के बीच मंगलवार को 1,200 मेगावाट के परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निर्माण के लिए 4.8 अरब डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मौजूदगी में दोनों देशों के बीच 1,200 मेगावाट की चश्मा 5 (सी-5) परमाणु ऊर्जा परियोजना के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर हुए.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस मौके पर चीन की तारीफ करते हुए कहा, "जिस देश को पाकिस्तान अपना सबसे विश्वसनीय सहयोगी मानता है, उसका निवेश एक सराहनीय कार्य है."
चश्मा 5 प्रोजेक्ट पर काम तुरंत शुरू होने की उम्मीद है. हस्ताक्षर करने के बाद शहबाज शरीफ ने सरकारी टीवी चैनल पीटीवी पर कहा कि चीन के राष्ट्रीय परमाणु सहयोग और पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.
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जमकर की चीन की तारीफ
पाकिस्तानी पीएम ने कहा, "चीन द्वारा 4.8 अरब डॉलर के निवेश की यह परियोजना एक स्पष्ट संदेश देती है कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसमें चीनी कंपनियों और निवेशकों का भरोसा और विश्वास है."
शरीफ ने आगे कहा कि आईएमएफ के साथ समझौते में देरी होने पर चीन ने हमारी मदद की, जिसके लिए वह राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बहुत आभारी हैं.
प्रधानमंत्री ने इस महत्वपूर्ण समझौते के संपन्न होने पर देश की जनता को भी बधाई दी. उन्होंने इस समझौते को एक मील का पत्थर बताते हुए कहा कि यह पाकिस्तान-चीन आर्थिक संबंधों के साथ-साथ लंबे समय से चले आ रहे दोस्ताना संबंधों को और मजबूत करेगा.
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क्या है चश्मा 5 परमाणु ऊर्जा प्रोजेक्ट
चश्मा 5 प्रोजेक्ट पंजाब के मध्य प्रांत में बनाया जाएगा. चीन की सहायता से इस परियोजना के जरिए पाकिस्तान को जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता से दूर होने में मदद मिलेगी.
पाकिस्तान की कुल परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता दो साल पहले बढ़कर 1,400 मेगावाट हो गई, जब दक्षिण एशियाई देश में छठा परमाणु ऊर्जा संयंत्र शुरू हुआ था. यह संयंत्र पाकिस्तान के दक्षिणी बंदरगाह शहर कराची में स्थित है. 1,100 मेगावाट के इस प्लांट को भी चीन की मदद से बनाया गया था.
शहबाज शरीफ, जिनकी सरकार कर्ज अदायगी और आर्थिक संकट से निपटने के लिए संघर्ष कर रही है, ने चीनी भागीदारों से नई परियोजना के लिए 10 करोड़ डॉलर की छूट की पेशकश पर शुक्रिया कहा है.
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि नया निवेश उस 65 अरब डॉलर का हिस्सा है या नहीं, जिसे चीन ने अपने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत पाकिस्तान के बुनियादी ढांचे के निर्माण करने के लिए वादा किया है.
एए/वीके (रॉयटर्स, एएफपी)