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रिपोर्ट: 2022 में ईरान ने 500 लोगों को फांसी दी

६ दिसम्बर २०२२

ईरान ने 2022 में 500 से ज्यादा लोगों को मौत की सजा दी है. मानवाधिकार संगठन का कहना है कि यह पिछले साल के मुकाबले कहीं अधिक संख्या है.

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ईरान ने 2022 में 500 से ज्यादा लोगों को मौत की सजा दी है
ईरान ने 2022 में 500 से ज्यादा लोगों को मौत की सजा दीतस्वीर: picture alliance/Geisler-Fotopress

नॉर्वे स्थित समूह ईरान ह्यूमन राइट्स (आईएचआर) ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि इस साल अब तक ईरान में कम से कम 504 लोगों को फांसी पर लटकाया जा चुका है और वह अभी भी फांसी के अतिरिक्त मामलों की पुष्टि करने के लिए काम कर रहा है.

यह आंकड़ा ऐसे समय में आया है जब यह चिंता बढ़ रही है कि अधिकारी ईरान में सितंबर से शुरू हुए शासन विरोधी प्रदर्शनों में शामिल लोगों के खिलाफ मौत की सजा का व्यापक इस्तेमाल करेंगे.

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आईएचआर की गिनती में वे चार लोग भी शामिल हैं, जिनके बारे में आधिकारिक मीडिया ने कहा कि उन्हें रविवार को इस्राएल की खुफिया एजेंसी के साथ काम करने के आरोप में मौत के घाट उतार दिया गया था. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि इन लोगों पर "अपहरण, हथियार बनाने और डिजिटल मुद्रा में भुगतान प्राप्त करने" का आरोप लगाया गया था. ईरानी सुप्रीम कोर्ट द्वारा मौत की सजा दिए जाने के चार दिन बाद उन्हें फांसी दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आरोपी के पास सजा के खिलाफ कोई कानूनी सहारा नहीं था.

महिलाओं को भी हो रही फांसी

आईएचआर के निदेशक महमूद अमीरी-मोगद्दम ने एक बयान में कहा, "इन लोगों को बिना किसी उचित प्रक्रिया या अदालत के बंद दरवाजों के पीछे निष्पक्ष सुनवाई के बिना मौत की सजा सुनाई गई. उनकी सजा में सभी कानूनी वैधता का अभाव था."

मोगद्दम ने कहा, "इन मृत्युदंड का उद्देश्य सामाजिक भय पैदा करना और इस्लामी गणतंत्र की खुफिया विफलताओं से जनता का ध्यान हटाना है."

आईएचआर ने कहा कि हाल ही में फांसी पर लटकाए गए लोगों में से एक महिला है, जिसे मध्य ईरान के दस्तगेर्ड में शनिवार को सजा दी गई है. उसपर अपने ससुर की हत्या का आरोप लगाया गया था.

अधिकार समूहों ने ईरान में अक्सर अपमानजनक रिश्तों में पति या रिश्तेदारों की हत्या के आरोप में महिलाओं को दी जाने वाली फांसी की सजा पर चिंता व्यक्त की है.

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पिछले साल 333 लोगों को मृत्युदंड 

आईएचआर ने कहा कि इस साल मृत्युदंड की संख्या पहले से ही पांच वर्षों में सबसे अधिक है. आईएचआर के आंकड़ों के अनुसार 2021 में कम से कम 333 लोगों को फांसी दी गई, जो 2020 में 267 की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है.

आईएचआर का कहना है कि ईरान के विरोध प्रदर्शनों में छह लोगों को पहले ही मौत की सजा सुनाई जा चुकी है. आईएचआर के मुताबिक, "उनकी वकीलों और उचित कानूनी प्रक्रिया तक पहुंच के बिना सुनवाई हुई."

रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन नाबालिगों समेत 26 लोग वर्तमान में ऐसे आरोपों का सामना कर रहे हैं जिसमें उन्हें फांसी की सजा हो सकती है.

एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक तेहरान ने 2021 में कम से कम 314 लोगों को फांसी दी थी. यह संख्या उस वर्ष मध्य पूर्व में फांसी की कुल संख्या के आधे से अधिक है.

ईरान के सख्त हिजाब कानून का कथित रूप से उल्लंघन करने के आरोप में नैतिकता पुलिस ने युवा कुर्द महिला महसा अमीनी को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद 22 वर्षीय महसा अमीनी की तेहरान में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. पुलिस ने दावा किया कि उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी, लेकिन अमीनी के परिवार का कहना है कि मौत पुलिस की पिटाई के कारण हुई. 

अमीनी की मौत के बाद से ही ईरान में विरोध प्रदर्शन भड़क उठे थे और लड़कियों और महिलाओं ने सख्त हिजाब कानून का भारी विरोध किया था. विरोध प्रदर्शनों के बीच ईरान ने पिछले दिनों नैतिकता पुलिस को भंग करने का ऐलान किया था.

एए/सीके (एएफपी, रॉयटर्स)