पश्चिम अफ्रीकी देश नाइजर में तख्ता पलट
२७ जुलाई २०२३नाइजर के राष्ट्रपति कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक राजधानी नियामे में बातचीत विफल होने के बाद सुरक्षा गार्डों ने राष्ट्रपति को छोड़ने से इंकार कर दिया. सैनिकों ने कहा है कि आगे कोई नोटिस आने से पहले देश के सारे संस्थानों की गतिविधियां निलंबित रहेंगी, सीमाएं बंद होगी और 10 से 5 बजे तक कर्फ्यू लागू कर दिया जाएगा. 2 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले नाइजर का दो तिहाई हिस्सा रेगिस्तानी है. यह देश संयुक्त राष्ट्र के मानव विकास सूचकांक में सबसे नीचे है.
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बुधवार को टेलीविजन पर इस सैन्य तख्तापलट की घोषणा करते हुए कर्नल मेजर अमादौ अब्द्रमाने ने कहा, सेनाओं ने फैसला किया है कि राष्ट्रपति बाजौम की इस सत्ता का अंत किया जाए. यह सुरक्षा, आर्थिक हालात और प्रशासन की लगातार खराब होती स्थिति के मद्देनजर किया जा रहा है. यह घोषणा करते वक्त अब्रमाने वर्दीधारी सैनिकों से घिरे थे. 1960 में फ्रांस से आजाद होने वाले नाइजर में बाजौम ने सत्ता दो साल पहले ही संभाली थी.
बाजौम की रिहाई की अपील
दुनिया भर में इस सैन्य कार्रवाई पर प्रतिक्रिया हुई है. अफ्रीकी संघ और पश्चिमी देशों के आर्थिक गुट ईकोवास ने सैन्य कब्जे के इस प्रयास की भर्त्सना की है. ईकोवास ने बाजौम को बिना शर्त छोड़ने की अपील करते हुए चेतावनी दी है कि इसमें शामिल लोगों को उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी होगी. यूरोपियन यूनियन ने ईकोवास की अपील का समर्थन करते हुए नाइजर में लोकतंत्र को अस्थिर करने के खिलाफ चेतावनी दी है.
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अपनी प्रतिक्रिया में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा है कि उन्होंने बाजौम के साथ बातचीत करके सहयोग देने की बात कही है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने सरकार में असंवैधानिक बदलाव की आलोचना की है. सऊदी अरब का कहना है कि वह नाइजर के हालात पर नजर रख रहा है. फ्रांस ने भी सत्ता हथियाने के इस प्रयास की निंदा की है. पश्चिम अफ्रीकी देशों के नेताओं ने भी बाजौम को तुरंत छोड़ने की अपील की है.
बाजौम सरकार का दौर
अप्रैल 2021 में बाजौम सत्ता में आए जब देश गरीबी और जिहादी घुसपैठ झेल रहा था. हाल ही में ट्विटर से एक्स बने सोशल मीडिया मंच पर राष्ट्रपति कार्यालय ने लिखा, राष्ट्रपति सुरक्षा गार्ड में कुछ लोगों को गुस्सा आया और उन्होने राष्ट्रीय सेनाओं का समर्थन हासिल करने का असफल प्रयास किया. अगर वह अपने व्यवहार में बदलाव नहीं लाते हैं तो सेना और राष्ट्रीय गार्ड इन तत्वों से निपटने के लिए तैयार हैं. राष्ट्रपति और उनका परिवार सुरक्षित है.
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टीवी पर सैन्य कब्जे की घोषणा के कुछ घंटे बाद ही बाजौम के समर्थक राष्ट्रपति भवन के आस-पास पहुंचने का प्रयास करने लगे लेकिन राष्ट्रपति के सुरक्षा गार्ड ने चेतावनी में गोलियां चलाकर उन्हें भगा दिया. नाइजर की गठबंधन सरकार में शामिल पार्टियों ने अपने बयान में सैन्य कब्जे की इस हरकत को आत्मघाती और जनतंत्र के खिलाफ पागलपन कहा है. बाजौम के खिलाफ इस तरह के दो प्रयास पहले भी हो चुके हैं. पहली बार उनके सरकार संभालने के तुरंत पहले, जिसमें कई लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. दूसरी कोशिश मार्च में हुई जब बाजौम तुर्की की यात्रा पर थे हालांकि इस बारे में खुले तौर पर कभी कोई बयान नहीं दिया गया.
एसबी/एनआर (एएफपी)