1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
प्रकृति और पर्यावरणदक्षिण अफ्रीका

दक्षिण अफ्रीका में अवैध शिकार की बलि चढ़ रहे गैंडे

२९ फ़रवरी २०२४

दक्षिण अफ्रीका में पिछले एक साल के दौरान लगभग 500 गैंडों का शिकार किया गया. यहां शिकार के कारण गैंडों की संख्या में लगातार कमी आ रही है.

https://p.dw.com/p/4d1gn
ब्लैक मार्केट में गैंडों के सींग की भारी मांग है. गैंडों के शिकार की यह एक बड़ी वजह है.
एक सदर्न वाइट राइनो में भ्रूण प्रत्यारोपण कर रहे शोधकर्ता. यह तस्वीर केन्या की है. तस्वीर: Jan Zwilling

दक्षिण अफ्रीका की सरकार गैंडों के बढ़ते शिकार से चिंतित है. पर्यावरण मंत्रालय ने बताया कि गैंडों के शिकार और उनके अंगों के अवैध व्यापार से निपटने की तमाम कोशिशों के बावजूद 2023 में 499 गैंडे मारे गए. 2022 की तुलना में यह संख्या करीब 11 प्रतिशत ज्यादा है. शिकार के ज्यादातर मामले सरकार के संरक्षण वाले अभयारण्यों से जुड़े हैं.

चीन और वियतनाम समेत कुछ एशियाई देशों में गैंडों के अंगों, खासकर सींगों की खासी मांग है. यहां कुछ पारंपरिक और वैकल्पिक दवाओं में गैंडों के अंगों का इस्तेमाल होता है. इसके कारण ब्लैक मार्केट में गैंडों के सींग की भारी मांग है.

आपूर्ति के लिए गैंडों का शिकार कर उनके अंगों की तस्करी की जाती है. कई दशकों से हो रहे अवैध शिकार और कुदरती आवास के खात्मे के कारण गैंडे की कुछ प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं. ब्लैक राइनो और जावा-सुमात्रा के राइनो गंभीर रूप से संकटग्रस्त हैं.

वन्यजीव संरक्षण समूह ‘सेव द राइनो इंटरनेशनल' ने दक्षिण अफ्रीका में गैंडों के बढ़ते शिकार को बेहद चिंताजनक बताया है. समूह ने रेखांकित किया कि शिकार के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों में तत्काल प्रभाव से अधिक संसाधन दिए जाने की जरूरत है. समूह के सीईओ जो शॉ ने कहा, "इस समस्या का रातोरात समाधान नहीं निकल सकता, लेकिन चूंकि दक्षिण अफ्रीका में हर 17 घंटे के भीतर एक गैंडे का शिकार किया जा रहा है, तो हम और समय नहीं गंवा सकते."

भारत में एक सींग वाले गैंडों की करीब 90 फीसदी संख्या असम के काजीरंगा राष्ट्रीय अभयारण्य में है.
भारत के काजीरंगा राष्ट्रीय अभयारण्य में एक गैंडा. तस्वीर: PRABHAKAR/DW

शिकारियों और गार्डों की मिली-भगत का भी अंदेशा

हाल के वर्षों में सरकारी एजेंसियों ने विशेष रूप से क्रूगर नैशनल पार्क के इर्द-गिर्द सुरक्षा घेरा खासा सख्त किया है. यह अभयारण्य मोजाम्बिक की सीमा से सटा है और पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है. यहां भी गैंडों की संख्या में अप्रत्याशित रूप से कमी दर्ज की गई है. पिछले 15 साल के दौरान यहां गैंडों की संख्या 10,000 से घटकर तीन हजार से भी कम रह गई है.

सख्त सुरक्षा इंतजामों के चलते 2023 में यहां 78 गैंडे शिकारियों का निशाना बने. यह संख्या 2022 की तुलना में 37 प्रतिशत कम है. हालांकि यहां सख्ती का एक असर यह हुआ कि शिकारियों ने दूसरे क्षेत्रों और प्राइवेट रिजर्व की ओर रुख किया है.

दक्षिण अफ्रीका की पर्यावरण मंत्री बारबरा क्रीसी ने बताया कि क्वाजुलू नटाल प्रांत में एजेंसियों ने 49 संदिग्ध शिकारियों को गिरफ्तार किया है. उनके अनुसार, देश की अदालतों में 45 शिकारियों और सींग तस्करों पर आरोप भी सिद्ध हो चुके हैं.

इनमें एक पूर्व फील्ड रेंजर भी शामिल है, जिसे एक गैंडे को मारने के मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई. गैंडों के शिकार की समस्या से निबटने के लिए राष्ट्रीय अभयारण्य प्रशासन को अवैध शिकारियों से मिलीभगत के संदेह में नए कर्मियों का लाई-डिटेक्टर टेस्ट तक कराना पड़ रहा है. 

लगभग विलुप्त हो चुकी गैंडा प्रजाति को बचाने की कोशिश

सुरक्षा इंतजाम और बढ़ाने की जरूरत

इसके बावजूद, अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) ने सितंबर 2023 में बताया कि संरक्षण प्रयासों के अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं और अफ्रीका में गैंडों की संख्या में वृद्धि हो रही है. साल 2022 में पूरे महाद्वीप में गैंडों की संख्या 23,300 थी, जो 2021 की तुलना में 5.2 प्रतिशत अधिक थी.

एजेंसी ने इसे पिछले एक दशक में गैंडों से जुड़ी पहली खुशखबरी बताया. वहीं, इंटरनेशनल राइनो फाउंडेशन के एक स्वतंत्र आकलन में पाया गया कि करीब 15,000 गैंडे दक्षिण अफ्रीका में ही हैं. हालांकि, इन खुशनुमा संकेतों के बीच वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड के जेफ कूक चेताते हैं, "आईयूसीएन के आंकड़े उम्मीद जगाने वाले हैं, लेकिन जब तक अवैध शिकार का सिलसिला चलता रहेगा, तब तक चिंता के बादल छाए रहेंगे."

आरएम/एसएम (रॉयटर्स)