मंगल पर नासा का इनसाइट चार साल बाद बंद हो गया
२१ दिसम्बर २०२२मार्स लैंडर इनसाइट की बैट्री पिछले कई महीनों से ठीक से चार्ज नहीं हो पा रही थी. इनसाइट में लगे सोलर पैनलों पर धूल की मोटी परत जम गई है. कैलिफोर्निया के जेट प्रोपल्शन लैबोरेट्री से इसे नियंत्रित कर रहे वैज्ञानिकों को अंदाजा हो गया था कि अब इसका अंत नजदीक है. धूल की वजह से इनसाइट के मरने की आशंका पहले ही जताई जा चुकी थी.
नासा ने खबर दी है कि रविवार को इनसाइट ने अचानक पृथ्वी से भेजे जा रहे संदेशों का जवाब देना बंद कर दिया. सोमवार देर रात नासा ने कहा, "यह मान लिया गया है कि संभवतः इनसाइट अपने अभियान के अंत पर पहुंच गया है." नासा ने बताया कि इनसाइट से आखिरी संदेश बीते गुरुवार को आया था, "यह पता नहीं चल सका है कि उसकी ऊर्जा में बदलाव क्यों हुआ है." टीम इनसाइट से संपर्क करने की कोशिश जारी रखेगी हो सकता है कि कोई और कारण रहा हो और बाद में स्थितियां बदल जाएं.
इनसाइट का अभियान
इनसाइट मंगल ग्रह पर 2018 में उतरा था और यह पहला अंतरिक्षयान था जिसने मंगलग्रह पर भूकंप को रिकॉर्ड किया. इसने फ्रांस में बने सिस्मोमीटर की मदद से मंगल ग्रह के 1,300 से ज्यादा भूकंपों का पता लगाया. इनमें से कई तो मंगलग्रह से धूमकेतुओं के टकराने की वजह से हुए थे. इनमें सबसे हाल का भूकंप इस साल की शुरुआत में इनसाइट ने पता लगाया था. नासा के मुताबिक इसकी वजह से मंगल ग्रह की जमीन कम से कम छह घंटे तक कांपती रही थी. सिस्मोमीटर की गणनाओं से मंगल ग्रह की अंदरूनी सतह के बारे में जानकारी मिली.
पिछले हफ्ते ही वैज्ञानिकों ने इनसाइट की एक और उपलब्धि के बारे में बताया. इनसाइट ने पहली बार ना सिर्फ मंगल ग्रह पर धूल उड़ाती बवंडरों की तस्वीरें ली बल्कि उस वक्त वहां की आवाजों को भी रिकॉर्ड किया. यह महज संयोग की बात थी कि 2021 में जब धूल का बवंडर उठा तो वहां इनसाइट भी था और उसका माइक्रोफोन ऑन था.
हालांकि इनसाइट के एक दूसरे प्रमुख उपकरण ने केवल समस्याएं ही पैदा कीं. इसमें एक खुदाई करने वाला जर्मन उपकरण भी लगाया गया था. इसके जरिये वैज्ञानिक मंगलग्रह के अंदरूनी सतह का तापमान जानना चाहते थे. इसे मंगल ग्रह की जमीन पर 16 फीट तक अंदर ले जाने की योजना थी लेकिन कभी भी यह 2-3 फीट से ज्यादा अंदर नहीं गया. नासा ने दो साल पहले ही इसे बेकार घोषित कर दिया था.
इनसाइट की आखिरी सेल्फी
इनसाइट ने हाल ही में अपनी आखिरी सेल्फी भेजी थी जिसे नासा ने सोमवार को ट्विटर पर शेयर किया. इस तस्वीर के साथ इनसाइट की तरफ से टीम ने लिखा, "मेरी ऊर्जा सचमुच बहुत कम हो गई है, तो शायद यह आखिरी तस्वीर है जो मैं भेज पा रहा हूं, हालांकि मेरी चिंता मत करनाः यहां मेरा वक्त बहुत उपयोगी और शांत रहा है. अगर मैं अपने मिशन टीम से बात करता रह सका तो मैं करूंगा लेकिन मैं बहुत जल्द यहां काम बंद करूंगा. मेरा साथ देने के लिए शुक्रिया."
नासा के पास मंगल ग्रह पर अब भी दो सक्रिय रोवर मौजूद हैं. इनमें एक है क्यूरियोसिटी जो 2012 से ही वहां है और दूसरा परसीवरेंस जो पिछले साल मंगल ग्रह पर पहुंचा.
परसिवरेंस में तो एक छोटा सा हेलीकॉप्टर भी मौजूद है जिसने हाल ही में अपनी 37वीं उड़ान पूरी की और अब तक उसने मंगल ग्रह के हिसाब से एक घंटे से ज्यादा की उड़ान भर ली है.
एनआर/सीके (एपी)