मेक्सिको: 2018 से अब तक 43 पत्रकारों की हत्या
१३ जुलाई २०२१आंद्रेस मानुएल लोपेज ओब्राडोर ने 1 दिसंबर 2018 को राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की थी. उसके बाद से मेक्सिको में 68 मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पर्यावरण कार्यकर्ता मारे गए. चिंता की बात यह है कि 2018 के बाद से देश में 43 पत्रकार मौत के घाट उतार दिए गए हैं.
यह मुद्दा मई के अंत और जून की शुरुआत तब गरमाया जब एक महीने के अंतराल में तीन कार्यकर्ताओं को अलग-अलग घटनाओं में मार दिया गया.
पत्रकारों की हत्या के पीछे कौन?
ओब्राडोर ने राष्ट्रपति बनने के बाद पत्रकारों की सुरक्षा करने का वादा किया था, लेकिन अब आलोचक सवाल कर रहे हैं कि क्या सरकार पर्याप्त कदम उठा रही है.
देश के आंतरिक विभाग ने 12 जुलाई को कहा कि 1,478 कार्यकर्ता और पत्रकारों को वर्तमान में सरकारी सुरक्षा मिली हुई है. लेकिन मारे गए नौ लोग सरकार के सुरक्षा कार्यक्रम में थे.
माना जाता है कि कई हत्याओं का आदेश नशीली दवाओं की तस्करी में लगे गिरोहों, भ्रष्ट अधिकारी या फिर गलत धंधे से जुड़े लोगों द्वारा दिया गया था. लेकिन बहुत कम ही मामलों का समाधान किया गया है और दोषियों को सजा हुई.
मेक्सिको के राष्ट्रपति ओब्राडोर दिसंबर 2018 में अपराधों से ग्रस्त देश को हिंसा और हत्या से छुटकारा दिलाने के वादे के साथ सत्ता में आए थे, लेकिन वे इसमें सफल होते नहीं दिख रहे हैं.
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आंकड़ों के मुताबिक 2019 में हत्या के करीब 35 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए. यानी हर दिन करीब 95 लोगों ने अपनी जान गंवाई. पिछले 20 सालों से मेक्सिको आपराधिक हत्या के मामलों के रिकॉर्ड रख रहा है. 2019 के आंकड़ों ने नया रिकॉर्ड बनाया है.
सार्वजनिक सुरक्षा कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक 2018 के मुकाबले 2019 में हत्याओं के एक हजार मामले बढ़े हैं जो हत्या के मामले में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि है.
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स के मुताबिक 2020 में पूरी दुनिया में कम से कम 42 पत्रकार और मीडियाकर्मी मारे गए. संस्था का कहना है कि पिछले तीन दशकों में पूरी दुनिया में 2,658 पत्रकार मारे गए हैं. इसी साल यूरोप से लेकर एशिया तक पत्रकारों पर जानलेवा हमले हुए और कई हमले में पत्रकारों की मौत भी हुई.
एए/वीके (एएफपी)