मिलिए ग्रेस से, स्वास्थ्य देखभाल के लिए अनोखा रोबोट
रोबोट सोफिया तो याद ही होगी आपको. सोफिया जब बात करती तो उसके चेहरे पर बदलते भाव लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचते. लेकिन महामारी ने एक और रोबोट को पैदा कर दिया. इसका नाम ग्रेस है. वह स्वास्थ्यकर्मी के रूप में काम करेगी.
कोरोना काल में आ गई "ग्रेस"
सेलिब्रिटी ह्यूमनॉइड रोबोट सोफिया के पीछे हांग कांग की जो टीम थी, वह एक नया प्रोटोटाइप रोबोट लेकर आई है. इसका नाम ग्रेस है, जिसे स्वास्थ्य सेवा बाजार पर लक्षित किया गया है और इसे बुजुर्गों और कोविड-19 महामारी से अलग-थलग होने वालों लोगों के साथ बातचीत करने के लिए डिजाइन किया गया है.
नर्स की तरह का काम
नीले रंग की नर्स की ड्रेस पहने हुए, ग्रेस में एशियाई विशेषताएं हैं. उसके काले बाल कंधे तक आते हैं. ग्रेस की छाती पर एक थर्मल कैमरा लगा है जो मरीज के शरीर का तापमान लेने और उसकी प्रतिक्रिया को मापने के लिए है. वह अंग्रेजी, मंदारिन और कैंटोनीज भाषा बोल सकती है.
ग्रेस क्या करेगी?
कोरोना संकट की शुरुआत से ही स्वास्थ्यकर्मी अथक परिश्रम कर रहे हैं. हैनसन रोबोटिक्स ने उनकी मदद के लिए ही ग्रेस का प्रोटोटाइप तैयार किया है. वह कोरोना के संक्रमण से भी बच सकती है और बुजुर्गों और लंबे समय से घर में नजरबंद लोगों से बात कर सकती है.
ग्रेस किस तरह से स्वास्थ्य सेवा देगी
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बदौलत ग्रेस कुछ चीजों के बारे में लोगों से सहजता से बात कर सकती है. अपनी बहन सोफिया के बगल में खड़ी ग्रेस कहती है, "मैं लोगों के घर जाकर उनके दिन को उज्ज्वल कर सकती हूं. उनसे बात कर सकती हूं. स्वास्थ्यकर्मियों की मदद कर सकती हूं."
कीमत कितनी
हैनसन रोबोटिक्स के मुताबिक अगले साल के भीतर हांग कांग, चीन, जापान और कोरिया में ऐसे रोबोट का उत्पादन जोरों पर शुरू हो जाएगा. हैनसन रोबोटिक्स का मानना है कि भविष्य में अगर उसका उप्तादन ज्यादा होता है तो ग्रेस की कीमत में काफी गिरावट आएगी. फिलहाल एक रोबोट का दाम एक कीमती लग्जरी कार के बराबर है.
सोफिया की खासियत
आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस से लैस ह्यूमनॉइड रोबोट सोफिया जब दुनिया में पहली बार पेश की गई तो उसने खूब सुर्खियां बटोरी. इसमें कोई शक नहीं है रोबोट हमारी जिंदगी को आसान बना रहे हैं. और इनका इस्तेमाल हर क्षेत्र में हो रहा है. सोफिया तो पहली ऐसी महिला रोबोट है जिसके पास एक देश की नागरिकता है.
हर जगह रोबोट
जर्मनी की डाक सेवा डॉयचे पोस्ट ने काफी समय पहले रोबोट का इस्तेमाल शुरू कर दिया. पीले रंग के रोबोट डाक ले कर लोगों के घर तक जाते हैं. हालांकि क्योंकि अभी इन्हें सीढ़ियां चढ़ना नहीं आता है, इसलिए एक व्यक्ति मदद के लिए इनके साथ रहता है.